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Darbhanga: UGC की मिश्रित शिक्षा प्रणाली के खिलाफ आइसा, प्रतिवाद का किया आयोजन

दरभंगा में यूजीसी की मिश्रित शिक्षा प्रणाली के खिलाफ आइसा ने मास मेल अभियान के तहत प्रतिवाद कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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Published : Jun 6, 2021, 7:48 PM IST

 दरभंगा
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दरभंगा: आइसा ने नई शिक्षा नीति 2020 वापस लेने की मांग को लेकर प्रतिवाद कार्यक्रम का आयोजन किया. छात्रों ने यूजीसी (UGC) द्वारा लाये जा रहे मिश्रित शिक्षा प्रणाली के खिलाफ दरभंगा जिले में जगह-जगह विरोध किया.

इस दौरान कहा गया कि इसमें गरीब-वंचित समुदायों से आने वाले छात्रों को शिक्षा से दूर कर देने और आरक्षण को शिक्षा जगत से गायब करने का प्रयास किया गया है.

ये भी पढ़ें- बिहार शिक्षक नियोजन : दिव्यांग अभ्यर्थी 11 जून से कर सकेंगे आवेदन

प्रतिवाद कार्यक्रम का आयोजन
आइसा जिलाध्यक्ष प्रिंस राज ने कहा कि यूजीसी द्वारा 20 मई को एक सर्कुलर जारी कर मिश्रित शिक्षा प्रणाली को लागू करने की बात कही गई है. इस सर्कुलर द्वारा सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को 40 फीसदी पाठ्यक्रम ऑनलाइन पढ़ाने की अनुमति दी गई है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आपदा को एक बड़ा अवसर बनाते हुए पिछले साल बिना किसी लोकतांत्रिक संवाद के राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पास करवा लिया था.

नई शिक्षा नीति वापस लेने की मांग
जिला सचिव विशाल कुमार मांझी ने कहा कि इसलिए यूजीसी के इस प्रस्ताव के खिलाफ आइसा ने 2 जून से 6 जून तक देशव्यापी अभियान के तहत यूजीसी द्वारा दिये गए मेल पर देशभर से छात्रों को मेल करने की अपील की. शिक्षाविदों और शिक्षकों का वीडियो और स्टेटमेंट सोशल मीडिया पर चलाना, ऑनलाइन परिचर्चा करते हुए धरना देकर मिश्रित शिक्षा प्रणाली, नई शिक्षा नीति 2020 को वापस लेने की मांग की है.

दरभंगा: आइसा ने नई शिक्षा नीति 2020 वापस लेने की मांग को लेकर प्रतिवाद कार्यक्रम का आयोजन किया. छात्रों ने यूजीसी (UGC) द्वारा लाये जा रहे मिश्रित शिक्षा प्रणाली के खिलाफ दरभंगा जिले में जगह-जगह विरोध किया.

इस दौरान कहा गया कि इसमें गरीब-वंचित समुदायों से आने वाले छात्रों को शिक्षा से दूर कर देने और आरक्षण को शिक्षा जगत से गायब करने का प्रयास किया गया है.

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प्रतिवाद कार्यक्रम का आयोजन
आइसा जिलाध्यक्ष प्रिंस राज ने कहा कि यूजीसी द्वारा 20 मई को एक सर्कुलर जारी कर मिश्रित शिक्षा प्रणाली को लागू करने की बात कही गई है. इस सर्कुलर द्वारा सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को 40 फीसदी पाठ्यक्रम ऑनलाइन पढ़ाने की अनुमति दी गई है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आपदा को एक बड़ा अवसर बनाते हुए पिछले साल बिना किसी लोकतांत्रिक संवाद के राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पास करवा लिया था.

नई शिक्षा नीति वापस लेने की मांग
जिला सचिव विशाल कुमार मांझी ने कहा कि इसलिए यूजीसी के इस प्रस्ताव के खिलाफ आइसा ने 2 जून से 6 जून तक देशव्यापी अभियान के तहत यूजीसी द्वारा दिये गए मेल पर देशभर से छात्रों को मेल करने की अपील की. शिक्षाविदों और शिक्षकों का वीडियो और स्टेटमेंट सोशल मीडिया पर चलाना, ऑनलाइन परिचर्चा करते हुए धरना देकर मिश्रित शिक्षा प्रणाली, नई शिक्षा नीति 2020 को वापस लेने की मांग की है.

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