दरभंगा: जिले में कई प्राचीन स्थान हमेशा से पर्यटकों को आकर्षित करते रहे हैं. यहां स्थित अहिल्या स्थान पर दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. लगभग 300 साल पहले दरभंगा महाराज क्षत्र सिंह ने यहां एक भव्य राम मंदिर का निर्माण करवाया है. लेकिन आज यह मंदिर अपने जीर्णोद्धार के लिए तरस रहा है.
दरभंगा स्थित अहिल्या स्थान हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है. यह स्थान अयोध्या से जनकपुर तक जाने वाले प्राचीन 'राम जानकी मार्ग' पर पड़ता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग में भगवान राम ने इस स्थान पर पति गौतम ऋषि के शाप से पत्थर बनी अहिल्या का उद्धार किया था. वर्तमान में यहां स्थित मंदिर जर्जर हालत में है. भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने इसे रामायण सर्किट में शामिल किया है.
रामायण सर्किट में शामिल अहिल्या स्थान
अहिल्या स्थान पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पूजा करने आते हैं. अयोध्या से चलकर भगवान राम की बारात इसी रास्ते से होकर जनकपुर जाती है. यहां बारात का भव्य स्वागत होता है. प्राचीन राम मंदिर के प्रति लोगों की आस्था देखते ही बनती है. इसके जीर्णोद्धार की मांग काफी पुरानी है. रामायण सर्किट में शामिल होने के बावजूद न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार इसके जीर्णोद्धार पर ध्यान दे रही है.
सभी मनोकामनाएं होती है पूरी
मुजफ्फरपुर से आयी श्रद्धालु नीतू कुमारी ने कहा कि इस मंदिर के प्रति लोगों की बहुत आस्था है. मैं यहां हमेशा यहां आती हूं. यहां भगवान राम और माता सीता की कृपा से हर मनोकामना पूरी होती है. वहीं, अहिल्या स्थान न्यास समिति के अध्यक्ष डॉ. कवीश्वर ठाकुर ने कहा कि महाराजा क्षत्र सिंह के बनवाया यह राम मंदिर जर्जर हो गई है. उसके बाद फिर कभी मंदिर की मरम्मत नहीं हुई है.
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जीर्णोद्धार का है इंतजार
अहिल्या स्थान न्यास समिति के अध्यक्ष ने कहा कि वे लोग काफी समय से अहिल्या मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग करते रहे हैं. पांच साल पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी यहां आए थे. उन्होंने प्राचीन राम मंदिर के जीर्णोद्धार का आश्वासन दिया था. लेकिन अब तक काम नहीं हुआ. वहीं, अभी इस 300 साल पहले बने राम मंदिर को एक और राम का इंतज़ार है, जो इस मंदिर का जीर्णोद्धार कर सके.