दरभंगा: प्रदेश में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. 12 जिले इसकी चपेट में है. दर्जनों गांव टापू में तब्दील हो गया है. वहीं, मंगलवार की सुबह दरभंगा-सीतामढ़ी एनएच-57 पर एक पुल बह गया. इस पुल के बह जाने से दर्जनों गांवों का संपर्क एक-दूसरे से टूट गया है.
पुल के टूटने से हाहाकार
दरभंगा के अतरबेल विशनपुर पथ के बिरदीपूर के पास बागमती नदी की उफान से पीडब्लूडी सड़क करीब 40 फिट ध्वस्त हो गया. दर्जनो पंचायत को जोड़ने वाले इस पुल के टूटने से हाहाकार मच गया है. लोगों का कहना है कि प्रशासनिक उदासीनता के कारण कटाव बढ़ रहा है. पुल टूट जाने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गई है.
दर्जनों गांवों का टूटा संपर्क
अरई, सढवाडा, हरपुर, सिमरी, चमनपुर,सोनेबन, सहित दर्जनों गांव का सिंघवारा प्रखंड और एन एच 57 हाईवे से संपर्क टूट गया है. जिला मुख्यालय से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर ये कटाव हुआ है. पीड़ितों के लिए सरकार की ओर से अभी तक कोई सहायता नहीं भेजी गई है. नाव की भी व्यवस्था नहीं की गई है जिसे लेकर लोगों में आक्रोश है.
सूचना देने पर भी नहीं आएं सीओ
सिमरी पंचायत के मुखिया विश्वनाथ पासवान ने कहा कि बाढ़ के प्रकोप को देखते हुए उन्होंने सीओ को फोन किया तो किसी कृष्ण नंद झा नामक व्यक्ति ने फोन उठाया. उन्होंने खुद को सीओ का प्रतिनिधि बताया. मुखिया ने उन्हें बाढ़ की हालात से अवगत कराया. मदद करने का बजाय कृष्ण नंद झा ने कहा कि आपलोग झूठ बोल रहे हैं. विश्वनाथ पासवान ने उनसे आग्रह किया कि आप खुद आकर यहां की हालत देख लीजिए. पूरे दिन इंतजार किया गया लेकिन वो नहीं आएं.
ये जिले भी प्रभावित
बता दें कि बिहार के 12 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 24 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 25 लाख 66 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग से सोमवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार के 12 जिलों में - शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार शामिल हैं.