दरभंगा: नॉर्थ बिहार हॉर्टिकल्चर सोसाइटी की 28 वीं पुष्प प्रदर्शनी शनिवार को शहर के लक्ष्मीश्वर पब्लिक लाइब्रेरी परिसर में शुरू हो गई. यह पुष्प प्रदर्शनी दो दिनों तक चलेगी. इसमें दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी के करीब 300 प्रतिभागी अपने कई दुर्लभ फूल-पौधों और कैक्टस के साथ भाग ले रहे हैं. इस प्रदर्शनी को देखने के लिए न सिर्फ उत्तर बिहार बल्कि दिल्ली और नेपाल तक से पर्यटक पहुंच रहे हैं.
'अनूठी है यह पुष्प प्रदर्शनी'
पुष्प प्रदर्शनी में पहुंच रहे युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों में इसको लेकर खासा उत्साह देख जा रहा है. वहां मौजूद लोगों ने बताया कि यहां आकर बेहद सुकून का अनुभव हो रहा है. रंग-बिरंगे फूलों, हरे-भरे पौधों और दुर्लभ कैक्टस उनका मन मोह रहे हैं. एक बुजुर्ग पर्यटक ने कहा कि वे बचपन से ही फूल-पौधों से प्यार करते हैं. देश भर के बाग-बगीचों और फुलवारियों को देखने जाते हैं. उन्होंने कहा कि दरभंगा की यह पुष्प प्रदर्शनी अनूठी है.
'एक वृक्ष पांच लोगों को देता है ऑक्सीजन'
दिल्ली से आई एक महिला पर्यटक ने कहा कि दरभंगा की पुष्प प्रदर्शनी जिस ढंग से सजाई गई है और यहां जितने दुर्लभ फूल-पौधे हैं. वह दिल्ली में भी नहीं दिखते है. वहीं, एक स्कूली छात्रा ने बताया कि ऐसा माना गया है कि एक वृक्ष पांच लोगों को ऑक्सीजन देता है. इसलिए हम सबको पौधे जरूर लगाने चाहिए. यहां से यही संदेश लेकर वह जा रही है.
'रूफ गार्डेनिंग को किया जा रहा है प्रोत्साहित'
नॉर्थ बिहार हॉर्टिकल्चर सोसाइटी की अध्यक्ष लता खेतान ने कहा कि इस पुष्प प्रदर्शनी का उद्देश्य जल-जीवन-हरियाली के प्रति लोगों को जागरूक करना है. उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे हमसे कुछ भी नहीं मांगते बल्कि वे हमारे जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन देते हैं. लेकिन हम स्वार्थ वश उन्हें काट देते हैं. लता खेतान ने कहा कि अब नई तकनीक आ गई है. हमारे पास अगर जमीन नहीं है, तो हम छतों और दीवारों तक पर बागवानी कर सकते हैं. इस पुष्प प्रदर्शनी में रूफ गार्डेनिंग को प्रोत्साहित किया जा रहा है.