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NDA में नहीं तो क्या लालू का 'लालटेन' थामेंगे वृषिण पटेल? - आरजेडी

जीतनराम मांझी को बड़ा झटका देने वाले वृषिण पटेल क्या आरजेडी में शामिल होंगे? ये सवाल इसलिए क्योंकि उन्होंने ये साफ कर दिया है कि वे महागठबंधन में थे और रहेंगे, एनडीए में कभी नहीं जाएंगे. ऐसे में कांग्रेस या आरजेडी ही उनके सामने विकल्प है.

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Published : Feb 9, 2019, 2:36 AM IST

Updated : Feb 9, 2019, 2:56 AM IST

पटना: हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की बिहार इकाई के अध्यक्ष वृषिण पटेल ने बुधवार को पार्टी छोड़ दी. अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी पर कई आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि मांझी फिर से एनडीए में जाने की फिराक में हैं, उनका झुकाव एनडीए की तरफ है.

वृषिण पटेल, पूर्व अध्यक्ष, बिहार हम

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महागठबंधन में बने रहेंगे वृषिण
वहीं, अपने संबंध में वृषिण पटेल ने कहा कि वे चुनाव लड़े या न लड़े, महागठबंधन में ही रहेंगे. आने वाले दिनों में आगे के राजनीतिक फैसले के बारे में बताएंगे. उन्होंने कहा कि वह महागठबंधन में थे और रहेंगे. वे एनडीए में कभी नहीं जाएंगे.
'हाथ' थामेंगे या 'लालटेन'?
अगर वृषिण पटेल एनडीए में नहीं जाएंगे और महागठबंधन में बने रहेंगे तो अहम सवाल ये है कि आखिर किस पार्टी में जाएंगे. क्या वे खुद की नई पार्टी बनाएंगे. लोकसभा चुनाव पास है, ऐसे में नई पार्टी बनाना और संगठन खड़ा करना बेहद मुश्किल काम है, लिहाजा ये तय मानिए कि कांग्रेस या आरजेडी के रास्ते राजनीति को आगे बढ़ाएंगे.
आरजेडी में होंगे शामिल!
महागठबंधन में रहते हुए कांग्रेस की तुलना में आरजेडी को चुनना वृषिण पटेल के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. वजह भी साफ है, कांग्रेस भी आरजेडी की वैशाखी के सहारे ही बिहार में राजनीति करती है. ऐसे में बजाय कांग्रेस के वे सीधे आरजेडी से जुड़कर अपने सियासी सफर को आगे बढ़ा सकते हैं. ऊपर से जातिगत समीकरण भी उनके लिए आरजेडी को चुनना अधिक मुफीद साबित हो सकती है.
लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे?
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक वृषिण पटेल के लिए आरजेडी के दरवाजे खुले हैं. रांची के रिम्स में पहले ही वे आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव से मिल चुके हैं. तेजस्वी से भी उनके अच्छे संबंध बताए जाते हैं. ऐसे में तय माना जा रहा है कि वे लालू की पार्टी में शामिल होकर लोकसभा का चुनाव भी लड़ सकते हैं. मांझी से अलग होने की एक वजह यह भी है कि वहां टिकट मिलने की कोई गुंजाइश बची नहीं थी.
मुंगेर सीट पर दावा
वृषिण पटेल पहले भी कह चुके हैं कि वे लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं. उन्होंने तो बकायदा मुंगेर सीट के लिए दावेदारी भी जता चुके हैं. अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा था कि आरजेडी चीफ के सामने उन्होंने अपनी इच्छा जता दी है, लालू की सहमति मिली तो वे जरूर चुनाव लड़ेंगे. हालिया घटनाक्रम पर गौर करें तो अनंत सिंह कांग्रेस के टिकट पर मुंगेर से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जो आरजेडी को मंजूर नहीं है. माना ये भी जा रहा है कि आरजेडी किसी ओबीसी या ईबीसी समुदाय से उम्मीदवार खड़ा करना चाहता है.
कौन हैं वृषिण पटेल?
वृषिण पटेल जेडीयू में रहते हुए लगातार दो बार वैशाली से विधायक रह चुके हैं. वे जीतनराम मांझी की सरकार में शिक्षा मंत्री रहे हैं. हम पार्टी से पहले वे जनता दल, समता पार्टी औैर जनता दल यूनाइटेड में भी रह चुके हैं.

पटना: हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की बिहार इकाई के अध्यक्ष वृषिण पटेल ने बुधवार को पार्टी छोड़ दी. अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी पर कई आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि मांझी फिर से एनडीए में जाने की फिराक में हैं, उनका झुकाव एनडीए की तरफ है.

वृषिण पटेल, पूर्व अध्यक्ष, बिहार हम

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महागठबंधन में बने रहेंगे वृषिण
वहीं, अपने संबंध में वृषिण पटेल ने कहा कि वे चुनाव लड़े या न लड़े, महागठबंधन में ही रहेंगे. आने वाले दिनों में आगे के राजनीतिक फैसले के बारे में बताएंगे. उन्होंने कहा कि वह महागठबंधन में थे और रहेंगे. वे एनडीए में कभी नहीं जाएंगे.
'हाथ' थामेंगे या 'लालटेन'?
अगर वृषिण पटेल एनडीए में नहीं जाएंगे और महागठबंधन में बने रहेंगे तो अहम सवाल ये है कि आखिर किस पार्टी में जाएंगे. क्या वे खुद की नई पार्टी बनाएंगे. लोकसभा चुनाव पास है, ऐसे में नई पार्टी बनाना और संगठन खड़ा करना बेहद मुश्किल काम है, लिहाजा ये तय मानिए कि कांग्रेस या आरजेडी के रास्ते राजनीति को आगे बढ़ाएंगे.
आरजेडी में होंगे शामिल!
महागठबंधन में रहते हुए कांग्रेस की तुलना में आरजेडी को चुनना वृषिण पटेल के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. वजह भी साफ है, कांग्रेस भी आरजेडी की वैशाखी के सहारे ही बिहार में राजनीति करती है. ऐसे में बजाय कांग्रेस के वे सीधे आरजेडी से जुड़कर अपने सियासी सफर को आगे बढ़ा सकते हैं. ऊपर से जातिगत समीकरण भी उनके लिए आरजेडी को चुनना अधिक मुफीद साबित हो सकती है.
लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे?
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक वृषिण पटेल के लिए आरजेडी के दरवाजे खुले हैं. रांची के रिम्स में पहले ही वे आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव से मिल चुके हैं. तेजस्वी से भी उनके अच्छे संबंध बताए जाते हैं. ऐसे में तय माना जा रहा है कि वे लालू की पार्टी में शामिल होकर लोकसभा का चुनाव भी लड़ सकते हैं. मांझी से अलग होने की एक वजह यह भी है कि वहां टिकट मिलने की कोई गुंजाइश बची नहीं थी.
मुंगेर सीट पर दावा
वृषिण पटेल पहले भी कह चुके हैं कि वे लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं. उन्होंने तो बकायदा मुंगेर सीट के लिए दावेदारी भी जता चुके हैं. अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा था कि आरजेडी चीफ के सामने उन्होंने अपनी इच्छा जता दी है, लालू की सहमति मिली तो वे जरूर चुनाव लड़ेंगे. हालिया घटनाक्रम पर गौर करें तो अनंत सिंह कांग्रेस के टिकट पर मुंगेर से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जो आरजेडी को मंजूर नहीं है. माना ये भी जा रहा है कि आरजेडी किसी ओबीसी या ईबीसी समुदाय से उम्मीदवार खड़ा करना चाहता है.
कौन हैं वृषिण पटेल?
वृषिण पटेल जेडीयू में रहते हुए लगातार दो बार वैशाली से विधायक रह चुके हैं. वे जीतनराम मांझी की सरकार में शिक्षा मंत्री रहे हैं. हम पार्टी से पहले वे जनता दल, समता पार्टी औैर जनता दल यूनाइटेड में भी रह चुके हैं.
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हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की बिहार इकाई के अध्यक्ष वृषिण पटेल ने बुधवार को पार्टी छोड़ दी. अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी पर कई आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि मांझी फिर से एनडीए में जाने की फिराक में हैं, उनका झुकाव एनडीए की तरफ है.

महागठबंधन में बने रहेंगे वृषिण

वहीं, अपने संबंध में वृषिण पटेल ने कहा कि वे चुनाव लड़े या न लड़े, महागठबंधन में ही रहेंगे. आने वाले दिनों में आगे के राजनीतिक फैसले के बारे में बताएंगे. उन्होंने कहा कि वह महागठबंधन में थे और रहेंगे. वे एनडीए में कभी नहीं जाएंगे.

'हाथ' थामेंगे या 'लालटेन'?

अगर वृषिण पटेल एनडीए में नहीं जाएंगे और महागठबंधन में बने रहेंगे तो अहम सवाल ये है कि आखिर किस पार्टी में जाएंगे. क्या वे खुद की नई पार्टी बनाएंगे. लोकसभा चुनाव पास है, ऐसे में नई पार्टी बनाना और संगठन खड़ा करना बेहद मुश्किल काम है, लिहाजा ये तय मानिए कि कांग्रेस या आरजेडी के रास्ते राजनीति को आगे बढ़ाएंगे.

आरजेडी में होंगे शामिल!

महागठबंधन में रहते हुए कांग्रेस की तुलना में आरजेडी को चुनना वृषिण पटेल के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. वजह भी साफ है, कांग्रेस भी आरजेडी की वैशाखी के सहारे ही बिहार में राजनीति करती है. ऐसे में बजाय कांग्रेस के वे सीधे आरजेडी से जुड़कर अपने सियासी सफर को आगे बढ़ा सकते हैं. ऊपर से जातिगत समीकरण भी उनके लिए आरजेडी को चुनना अधिक मुफीद साबित हो सकती है. 

लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे?

सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक वृषिण पटेल के लिए आरजेडी के दरवाजे खुले हैं. रांची के रिम्स में पहले ही वे आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव से मिल चुके हैं. तेजस्वी से भी उनके अच्छे संबंध बताए जाते हैं. ऐसे में तय माना जा रहा है कि वे लालू की पार्टी में शामिल होकर लोकसभा का चुनाव भी लड़ सकते हैं. मांझी से अलग होने की एक वजह यह भी है कि वहां टिकट मिलने की कोई गुंजाइश बची नहीं थी.

मुंगेर सीट पर दावा

वृषिण पटेल पहले भी कह चुके हैं कि वे लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं. उन्होंने तो बकायद मुंगेर सीट के लिए दावेदारी भी जता चुके हैं. अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा था कि आरजेडी चीफ के सामने उन्होंने अपनी इच्छा जता दी है, लालू की सहमति मिली तो वे जरूर चुनाव लड़ेंगे. हालिया घटनाक्रम पर गौर करें तो अनंत सिंह कांग्रेस के टिकट पर मुंगेर से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जो आरजेडी को मंजूर नहीं है. माना ये भी जा रहा है कि आरजेडी किसी ओबीसी या ईबीसी समुदाय से उम्मीदवार खड़ा करना चाहता है. 

कौन हैं वृषिण पटेल?

वृषिण पटेल जेडीयू में रहते हुए लगातार दो बार वैशाली से विधायक रह चुके हैं. वे जीतनराम मांझी की सरकार में शिक्षा मंत्री रहे हैं. हम पार्टी से पहले वे जनता दल, समता पार्टी औैर जनता दल यूनाइटेड में भी रह चुके हैं.


Conclusion:
Last Updated : Feb 9, 2019, 2:56 AM IST
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