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पीयू छात्र संघ ने शुरू किया पटना विश्वविद्यालय बचाओ आंदोलन, जमीन अधिग्रहण का जता रहे विरोध

पीयू छात्र संघ ने विश्वविद्यालय के जमीन के मनमाने ढंग से अधिग्रहण करने के विरोध में 'पटना विश्वविद्यालय बचाओ आंदोलन' की शुरूआत की.

प्रदर्शन कर रहे छात्र
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Published : Apr 6, 2019, 11:58 PM IST

पटना: पीयू छात्र संघ के नेतृत्व में शनिवार को 'पटना विश्वविद्यालय बचाओ आंदोलन' की जोरदार शुरुआत की गई. इसका मुख्य उद्देश्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के जमीन के मनमाने ढंग सेअधिग्रहण का विरोध करना था.

विश्वविद्यालय मुख्य द्वार से कृष्णा घाट तक विरोध मार्च
दरअसल, कृष्णा घाट लेन में प्रस्तावित एलिवेटेड रोड का निर्माण होना है. पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ इसका विरोध कर रहा है. छात्रसंघ महासचिव मणिकांत मणि के नेतृत्व में कॉलेज काउंसलर नीरज कुमार, प्रिय रंजन कुमार, प्राची ,रोशन कुमार , परमेश्वर अभाविप का कद्दावर छात्र नेता आदित्य आर्यन, आदि अन्य कई छात्र नेताओं के साथ-साथ सम्पूर्ण विश्वविद्यालय के छात्रों ने विश्वविद्यालय मुख्य द्वार से लेकर कृष्णा घाट तक विरोध मार्च निकाल कर विरोध जताया.

प्रदर्शन कर रहे छात्र

विश्वविद्यालय के हित में संघर्ष

छात्रों को संबोधित करते हुए मणिकांत मणि ने कहा कि यह वक्त दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विश्वविद्यालय के हित में संघर्ष करने का है. वो सभी फैसले जो विश्वविद्यालय की गरिमा पर ठेस पहुंचाते हैं, हम हमेशा ही उसका विरोध करते हैं और भविष्य में भी करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि पटना विश्वविद्यालय की भूमि आंदोलन की भूमि रही है, राजनैतिक और सामाजिक सुधार की भूमि रही है. यहां के आंदोलनों ने राष्ट्र को नई दिशा दिखाई है. अब जब पटना विश्वविद्यालय की अस्मिता का प्रश्न है तो यह आंदोलन स्वभाविक ही है.

आचार संहिता के कारण सभी मामले स्थगित
बहरहाल, पटना विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान पीयू कुलपति प्रोफेसर रासबिहारी मौके पर पहुंचे औरआंदोलनकारियों से बात की. उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि किसी भी कीमत पर जमीन हस्तांतरित नहीं होगी. चुनाव में आचार संहिता के कारण सभी मामले को स्थगित किया गया है. इस मामले को चुनाव बाद देखा जाएगा.

पटना: पीयू छात्र संघ के नेतृत्व में शनिवार को 'पटना विश्वविद्यालय बचाओ आंदोलन' की जोरदार शुरुआत की गई. इसका मुख्य उद्देश्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के जमीन के मनमाने ढंग सेअधिग्रहण का विरोध करना था.

विश्वविद्यालय मुख्य द्वार से कृष्णा घाट तक विरोध मार्च
दरअसल, कृष्णा घाट लेन में प्रस्तावित एलिवेटेड रोड का निर्माण होना है. पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ इसका विरोध कर रहा है. छात्रसंघ महासचिव मणिकांत मणि के नेतृत्व में कॉलेज काउंसलर नीरज कुमार, प्रिय रंजन कुमार, प्राची ,रोशन कुमार , परमेश्वर अभाविप का कद्दावर छात्र नेता आदित्य आर्यन, आदि अन्य कई छात्र नेताओं के साथ-साथ सम्पूर्ण विश्वविद्यालय के छात्रों ने विश्वविद्यालय मुख्य द्वार से लेकर कृष्णा घाट तक विरोध मार्च निकाल कर विरोध जताया.

प्रदर्शन कर रहे छात्र

विश्वविद्यालय के हित में संघर्ष

छात्रों को संबोधित करते हुए मणिकांत मणि ने कहा कि यह वक्त दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विश्वविद्यालय के हित में संघर्ष करने का है. वो सभी फैसले जो विश्वविद्यालय की गरिमा पर ठेस पहुंचाते हैं, हम हमेशा ही उसका विरोध करते हैं और भविष्य में भी करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि पटना विश्वविद्यालय की भूमि आंदोलन की भूमि रही है, राजनैतिक और सामाजिक सुधार की भूमि रही है. यहां के आंदोलनों ने राष्ट्र को नई दिशा दिखाई है. अब जब पटना विश्वविद्यालय की अस्मिता का प्रश्न है तो यह आंदोलन स्वभाविक ही है.

आचार संहिता के कारण सभी मामले स्थगित
बहरहाल, पटना विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान पीयू कुलपति प्रोफेसर रासबिहारी मौके पर पहुंचे औरआंदोलनकारियों से बात की. उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि किसी भी कीमत पर जमीन हस्तांतरित नहीं होगी. चुनाव में आचार संहिता के कारण सभी मामले को स्थगित किया गया है. इस मामले को चुनाव बाद देखा जाएगा.

Intro:पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के नेतृत्व में आज "पटना विश्वविद्यालय बचाओ आंदोलन" की जोरदार शुरुआत की गई जिसका मुख्य उद्देश्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के जमीन के मनमाने अधिग्रहण का विरोध करना था।


Body:दरअसल मुद्दा कृष्णा घाट लेन में प्रस्तावित एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य है जिसका पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ विरोध कर रहा है। छात्रसंघ महासचिव मणिकांत मणि के नेतृत्व में कॉलेज काउंसलर नीरज कुमार, प्रिय रंजन कुमार, प्राची ,रोशन कुमार  ,परमेश्वर अभाविप का कद्दावर छात्र नेता आदित्य आर्यन,  आदि अन्य कई छात्र नेताओं के साथ-साथ सम्पूर्ण विश्वविद्यालय के छात्रों ने विश्वविद्यालय मुख्य द्वार से लेकर कृष्णा घाट तक विरोध मार्च निकाल कर विरोध जताया,
छात्रों को संबोधित करते हुए मणिकांत मणि ने कहा कि यह वक्त दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विश्वविद्यालय के हित में संघर्ष करने का है। वो सभी फैसले जो विश्वविद्यालय की गरिमा पर ठेस पहुंचाते हैं, हम हमेशा ही उसका जोरदार विरोध करते हैं और भविष्य में भी करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पटना विश्वविद्यालय की भूमि आंदोलन की भूमि रही है, राजनैतिक और सामाजिक सुधार की भूमि रही है। यहां के आंदोलनों ने राष्ट्र को नई दिशा दिखाई है। आज जब पटना विश्वविद्यालय की अस्मिता का प्रश्न है तो यह आंदोलन स्वभाविक ही है।


Conclusion:बहरहाल पटना विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान पीयू कुलपति प्रोफेसर रासबिहारी मौके पर पहुंचे और आंदोलनकारियों से वार्ता की उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि किसी भी कीमत पर जमीन हस्तांतरित फिलहाल नहीं होगी चुनाव में आचार संहिता के कारण सभी मामले को स्थगित किया गया है चुनाव बाद देखा जाएगा



नोट:-अधिकारीक बाईट नहीं हो पाई है
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