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बजट 2019: राजधानी के कारोबारियों को बजट से उम्मीद, बोले-खाने-पीने की वस्तुओं से हटाई जाए GST - Petrol

छोटे कारोबारियों की मांग है कि डेली यूजेस के सामानों पर टैक्स की मार कम पड़नी चाहिए. खाने-पीने की वस्तुओं पर से जीएसटी को बिल्कुल हटा देना चाहिए

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Published : Jun 29, 2019, 8:16 PM IST

Updated : Jun 30, 2019, 12:22 PM IST

पटना: राजधानी के छोटे कारोबारी बजट को लेकर काफी उत्साहित हैं. उनका कहना है कि खाने-पीने की चीजों जीएसटी लगाए जाने से काफी दिक्कतें हो रही है. छोटे कारोबारियों का मानना है कि आटा-चावल जैसी रोजमर्रा की सामग्रियों पर जीएसटी नहीं लगना चाहिए.

डीजल पेट्रोल के दाम हो कम
दूसरी तरफ छोटे सर्राफा कारोबारी भी कहते है कि डेली यूजेस के सामानों पर टैक्स की मार कम पड़नी चाहिए. उनका यह भी मानना है कि डीजल पेट्रोल के दाम अगर कम होंगे तो उसका असर सामानों की कीमतों पर भी पड़ेगा. व्यापारियों के ट्रांसपोर्टेशन में कम खर्च होंगे तो उसी अनुसार कम कीमतों पर वे सामान बेचेंगे.

छोटे कारोबारियों का बयान

खाने-पीने की वस्तुओं से हटे GST
राजधानी पटना में छोटे कारोबारियों की संख्या ज्यादा है. उनका कहना है कि जीएसटी के बाद रोजमर्रा के कई सामानों की बिक्री कम हो गई है. सरकार को ध्यान देना चाहिए कि रोजमर्रा की वस्तुओं पर या तो जीएसटी ना लगाइ जाए या फिर बहुत कम लगे,जिससे लोगों पर आर्थिक बोझ न पड़े. कम से कम खाने-पीने की वस्तुओं पर से जीएसटी को बिल्कुल हटा देना चाहिए

पटना: राजधानी के छोटे कारोबारी बजट को लेकर काफी उत्साहित हैं. उनका कहना है कि खाने-पीने की चीजों जीएसटी लगाए जाने से काफी दिक्कतें हो रही है. छोटे कारोबारियों का मानना है कि आटा-चावल जैसी रोजमर्रा की सामग्रियों पर जीएसटी नहीं लगना चाहिए.

डीजल पेट्रोल के दाम हो कम
दूसरी तरफ छोटे सर्राफा कारोबारी भी कहते है कि डेली यूजेस के सामानों पर टैक्स की मार कम पड़नी चाहिए. उनका यह भी मानना है कि डीजल पेट्रोल के दाम अगर कम होंगे तो उसका असर सामानों की कीमतों पर भी पड़ेगा. व्यापारियों के ट्रांसपोर्टेशन में कम खर्च होंगे तो उसी अनुसार कम कीमतों पर वे सामान बेचेंगे.

छोटे कारोबारियों का बयान

खाने-पीने की वस्तुओं से हटे GST
राजधानी पटना में छोटे कारोबारियों की संख्या ज्यादा है. उनका कहना है कि जीएसटी के बाद रोजमर्रा के कई सामानों की बिक्री कम हो गई है. सरकार को ध्यान देना चाहिए कि रोजमर्रा की वस्तुओं पर या तो जीएसटी ना लगाइ जाए या फिर बहुत कम लगे,जिससे लोगों पर आर्थिक बोझ न पड़े. कम से कम खाने-पीने की वस्तुओं पर से जीएसटी को बिल्कुल हटा देना चाहिए

Intro:एंकर राजधानी पटना के छोटे कारोबारी बजट को लेकर काफी उत्साहित दिख रहे हैं वह अपने टैक्स स्लैब या अन्य समस्याओं की बात करते जरूर कतराते हैं लेकिन इतना कहते जरूर नजर आए कि खाने-पीने की वस्तुओं पर जो जीएसटी लगा दिया गया है उससे काफी दिक्कतें हो रही है छोटे कार्यवाही का मानना है कि कम से कम खाने पीने की चीज चाहे वह चावल हो या आटा हो उस पर जीएसटी नहीं लगनी चाहिए उनका यह भी कहना है कि अगर खाने पीने की चीज पर जीएसटी लग जाती है तो भाग आए बड़ी है रोजमर्रा की चीजों को कम से कम से मुक्त कर देना चाहिए


Body:वहीं दूसरी तरफ सर्राफा व्यापारी जो कि छोटे कारोबारी है उनका कहना भी अगर हम कहे तो कुछ महीने में यही है कि डेली यूजेस की जो गुड्स है उस पर टैक्स का कमार पढ़ना चाहिए साथी उनका यह मानना है कि डीजल पेट्रोल के दाम नगर कम होगी तो निश्चित तौर पर सामान सस्ते होंगे ट्रांसपोर्टेशन में कम खर्च करेगा कहीं न कहीं आम आदमी उससे बचेंगे


Conclusion:राजधानी पटना में छोटे कारोबारियों की संख्या ज्यादा है और जीएसटी आने के बाद कई ऐसे वस्तु है जिनकी वह लेबर की है और उनका यह मानना है कि उसकी बिक्री भी कम हो गई है कहने का ही सरकार को ध्यान देना चाहिए कि रोजमर्रा की वस्तुओं पर जीएसटी ना लगे या लगे तो बहुत कम लगे जिससे कि लोगों पर आर्थिक बोझ नहीं पड़े बजट को लेकर काफी आशा है लोगों का कहना है कि बजट सरकार मध्यमवर्ग और गरीब वर्गों के फायदा के लिए बनाती है और होनी भी चाहिए इसलिए खाने-पीने की वस्तुओं पर से बिल्कुल हट जाना चाहिए
Last Updated : Jun 30, 2019, 12:22 PM IST
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