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RLSP का बागी गुट अब राष्ट्रवादी लोक समता पार्टी, गन्ना किसान होगा चुनाव चिन्ह - चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने आरएलएसपी के बागी गुट को नया नाम और चुनाव चिन्ह दिया है. पार्टी का नाम राष्ट्रवादी लोक समता पार्टी होगा. जबकि उसका चुनाव चिन्ह गन्ना किसान छाप है.

उपेंद्र कुशवाहा
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Published : Apr 23, 2019, 7:32 PM IST

पटना: चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी से बागी हुए गुट को मान्यता दे दी है. आयोग के अनुसार पार्टी का नाम राष्ट्रवादी लोक समता पार्टी होगा. जबकि उसका चुनाव चिन्ह गन्ना किसान छाप तय किया गया है. संजीव श्याम सिंह, प्रदीप मिश्रा, सांसद रामकुमार शर्मा, विधायक ललन पासवान और सुंधाशु ने आरएलएसपी से बगावत किया था.

2014 में मिला था क्षेत्रिय पार्टी का दर्जा
दरअसल, आरएलएसपी को चुनाव आयोग ने 2014 में राज्यस्तरीय मान्यता प्राप्त दल का दर्जा दिया था. इसके बाद बीते फरवरी में पार्टी के एनडीए से अलग होने के फैसले के विरोध में ललन पासवान की अगुवाई वाले गुट ने चुनाव आयोग के सामने याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने खुद को आरएलएसपी के चुनाव चिन्ह का हकदार बताया था.

पार्टी पर पेश किया था दावा
ललन पासवान के साथ-साथ एक सांसद, दो विधायक और एक विधान पार्षद सभी ने उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाकर पार्टी पर अपना दावा पेश किया था. ये सभी आरएलएसपी के निर्चाचित सभी प्रतिनिधियों में शामिल हैं.

चुनाव के बाद होगा फैसला
इसके बाद बीते 18 फरवरी को इन्होंने चुनाव आयोग के सामने याचिका पेश की थी, जिसमें उनके गुट को आएलएसपी की मान्यता देने की मांग की थी. इस मामले में चुनाव आयोग इस चुनाव के बाद सुनवाई पूरी करेगा.

पटना: चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी से बागी हुए गुट को मान्यता दे दी है. आयोग के अनुसार पार्टी का नाम राष्ट्रवादी लोक समता पार्टी होगा. जबकि उसका चुनाव चिन्ह गन्ना किसान छाप तय किया गया है. संजीव श्याम सिंह, प्रदीप मिश्रा, सांसद रामकुमार शर्मा, विधायक ललन पासवान और सुंधाशु ने आरएलएसपी से बगावत किया था.

2014 में मिला था क्षेत्रिय पार्टी का दर्जा
दरअसल, आरएलएसपी को चुनाव आयोग ने 2014 में राज्यस्तरीय मान्यता प्राप्त दल का दर्जा दिया था. इसके बाद बीते फरवरी में पार्टी के एनडीए से अलग होने के फैसले के विरोध में ललन पासवान की अगुवाई वाले गुट ने चुनाव आयोग के सामने याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने खुद को आरएलएसपी के चुनाव चिन्ह का हकदार बताया था.

पार्टी पर पेश किया था दावा
ललन पासवान के साथ-साथ एक सांसद, दो विधायक और एक विधान पार्षद सभी ने उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाकर पार्टी पर अपना दावा पेश किया था. ये सभी आरएलएसपी के निर्चाचित सभी प्रतिनिधियों में शामिल हैं.

चुनाव के बाद होगा फैसला
इसके बाद बीते 18 फरवरी को इन्होंने चुनाव आयोग के सामने याचिका पेश की थी, जिसमें उनके गुट को आएलएसपी की मान्यता देने की मांग की थी. इस मामले में चुनाव आयोग इस चुनाव के बाद सुनवाई पूरी करेगा.

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