पटना: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. मांझी ने गिरिराज सिंह और साध्वी प्रज्ञा को भी आतंकवादी घोषित कर दिया है. मांझी ने कहा कि, 'हम कहते है कि ये भाषाई आतंकवाद है, अगर साध्वी प्रज्ञा बोलती हैं, जिस तरह से, हत्या के सिलसिले में उनको कारावास हो चुका है और बीमारी के नाम पर उनको जमानत मिली है और वो चुनाव लड़ रही हैं.'
वहीं, गिरिराज सिंह भी कुछ इसी ढंग से बोलते हैं, जो उनके अनुसार नहीं चलेगा, उनको पाकिस्तान भेज दिया जायेगा. तो कहने का मतलब है कि ये सब भी आतंकवाद का ही हिस्सा है.'
जीतन राम मांझी ने बीजेपी पर चुटकी लेते हुए दोहे के माध्यम से कहा कि 'ऐसी बानी बोलिए, मन का आपा खोय औरन को शीतल करै, आपहु शीतल होय' इन लोगों के वचन से हम शीतल नहीं हो रहे हैं प्रज्ञा ठाकुर और गिरिराज सिंह के शब्दों से कोई शीतल नहीं हो सकता.
भारत की संस्कृति में नहीं है ये भाषा
मांझी ने कहा कि इनकी भाषा में हिंदुस्तान की संस्कृति, सभ्यता और राष्ट्रीयता का विरोध है. आतंकी हिंसात्मक आतंकवाद फैलाते हैं तो ये लोग अपनी बोली से ऐसा कर रहे हैं.
'मनमोहन सिंह का शुक्रिया'
वहीं, आतंकी मसूद अजहर को आतंकी घोषित होने पर बीजेपी जहां एक तरफ रोटियां सेक रही है. वहीं, विपक्ष की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा मनमोहन सिंह की सरकार ने आतंकी मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के लिए यूएनओ में प्रस्ताव दिया था. इसलिए मनमोहन सिंह का इस बात के लिए सभी को शुक्रिया अदा करना चाहिए. लेकिन भारतीय जनता पार्टी सिर्फ एयर स्ट्राइक का मामला हो या राष्ट्रीयता के मामले पर सिर्फ राजनीति कर रही है.
'विकास के मुद्दे भूली बीजेपी'
जीतन राम मांझी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि 2014 में एनडीए की सरकार बनी थी तो एनडीए ने कई बड़े वादे किए थे. आज ये लोग इन अधूरे वादों को भूला कर राष्ट्रीयता के नाम पर अपनी रोटियां सेक रही है. ताकि लोग वादे भूल जाएं.
आतंकी मसूद अजहर को मांझी ने कहा था 'साहब'
इससे पहले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने आतंकी मसूद अजहर को 'साहब' कहकर संबोधित किया था. मांझी ने पटना में गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि प्रत्येक मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के श्रेय लेने की रणनीति उचित नहीं है. उन्होंने कहा, 'मनमोहन सिंह के समय से ही मसूद अजहर साहब को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए प्रयास किया जा रहा था, दबाव बनाया जा रहा था.'