पटना: चमकी बुखार पर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे लगातार विपक्ष के निशाने पर हैं. मॉनसून सत्र के तीसरे दिन उन्होंने आरजेडी से अपील करते हुए कहा कि बच्चों की मौत पर राजनीति ना करें. उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत पर मेरा कलेजा फटता है. विपक्ष इस गंभीर परेशानी में साथ आकर मदद करे.
मंगल पांडेय ने मांगा जवाब
मंत्री मंगल पांडे ने 1952 से 1990 तक कांग्रेस की सरकार में स्वास्थ्य संरचना पर सवाल उठाए. प्रेमचंद्र मिश्रा से जवाब मांगते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या हाल था यह सबको पता है. उन्होंने कहा कि अब चिकित्सकों की बहाली चयन आयोग के तहत होगी. बीपीएससी के बजाए आयोग के तहत नियुक्ति की जाएगी.
खामियों को दूर करने की कोशिश जारी
सदन में चर्चा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य संरचना में मौजूद खामियों को स्वीकार करते हुए जल्द ही उन्हें दूर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में महिला एजुकेटर की तरह पुरुष हेल्थ एजुकेटर को भी बहाल करने पर विचार किया जा रहा है. चिकित्सकों, नर्स और पारामेडिकल स्टाफ की कमी है. हर प्रखंड में इससे जुड़े कॉलेज और स्कूल खोले जा रहे हैं ताकि नियुक्ति के बाद कमी दूर की जा सके. घटना पर सभी चिंतित हैं. लगातार कोशिश की जा रही है.
क्या कहा स्वास्थ्य मंत्री ने:
- विशेषज्ञ चिकित्सक इस बीमारी के कारण को ढूंढने में असफल हो रहे हैं.
- मामले का सामाजिक और आर्थिक सर्वे कराया जा रहा है.
- सभी मरीज गरीब तबके से ताल्लुक रखते हैं.
- बीमारों में बच्चियों की संख्या ज्यादा है.
- इस बार के पीड़ित परिवारों का सर्वे किया जा रहा है.