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चुनाव को लेकर सारी उलझने दूर करेगा यह ऐप, 100 मिनट के अंदर होगी कार्रवाई

इसके माध्यम से मतदाता सीधे चुनाव आयोग को शिकायत भेज सकते हैं. चाहे वो चुनाव से जुड़ी किसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत हो या कोई वीडियो, फोटो हो.

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Published : Mar 12, 2019, 4:02 PM IST

पटनाः लोकसभा चुनाव को लेकर आयोग ने मतदाताओं के लिए ऐप तैयार किया है. सिविजिल(CVIGIL) नाम के इस ऐप के जरिए मतदाता चुनाव से संबंधित पूछताछ, आचार संहिता का उल्लंघन की शिकायत या कोई जानकारी सीधे चुनाव आयोग को भेज सकते हैं.

इसके माध्यम से मतदाता सीधे चुनाव आयोग को शिकायत भेज सकते हैं. चाहे वो चुनाव से जुड़ी किसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत हो या कोई वीडियो, फोटो हो. इस ऐप के जरिए बिहार सहित देश के मतदाताओं और नागरिकों के हाथ में आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत सीधे चुनाव को करने का हथियार दिया गया है.

मुख्य बातें
⦁ पिछले वर्ष लॉंच किया गया था ऐप.
⦁ चुनावों के दौरान पारदर्शिता और अनुशासन था मकसद.
⦁ 2018 में हुए पांच राज्यों के चुनाव में भी सक्रिय था सिविजिल ऐप.
⦁ सिविजिल ऐप से आई शिकायतों पर 100 मिनट के भीतर होगी कार्रवाई.
⦁ इस ऐप के जरिए शिकायतकर्ता की मोबाइल लोकेशन देख कर चुनाव आयोग का दस्ता पहुंच कर जांच करेगा.
⦁ जांच रिपोर्ट निर्वाचन अधिकारी को देने के बाद संबंधित मामले पर त्वरित फैसला लिया जाएगा.

सीविजिल ऐप को गूगल प्ले स्टोर के जरिए डाउनलोड किया जा सकता है. इस ऐप के द्वारा भेजी गई शिकायत आयोग जिला, राज्य से लेकर केंद्र स्तर तक संज्ञान में रहेगी.
आयोग को उम्मीद है इस ऐप के जरिए आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के कई मामले उजागर हो सकेंगे.

पटनाः लोकसभा चुनाव को लेकर आयोग ने मतदाताओं के लिए ऐप तैयार किया है. सिविजिल(CVIGIL) नाम के इस ऐप के जरिए मतदाता चुनाव से संबंधित पूछताछ, आचार संहिता का उल्लंघन की शिकायत या कोई जानकारी सीधे चुनाव आयोग को भेज सकते हैं.

इसके माध्यम से मतदाता सीधे चुनाव आयोग को शिकायत भेज सकते हैं. चाहे वो चुनाव से जुड़ी किसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत हो या कोई वीडियो, फोटो हो. इस ऐप के जरिए बिहार सहित देश के मतदाताओं और नागरिकों के हाथ में आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत सीधे चुनाव को करने का हथियार दिया गया है.

मुख्य बातें
⦁ पिछले वर्ष लॉंच किया गया था ऐप.
⦁ चुनावों के दौरान पारदर्शिता और अनुशासन था मकसद.
⦁ 2018 में हुए पांच राज्यों के चुनाव में भी सक्रिय था सिविजिल ऐप.
⦁ सिविजिल ऐप से आई शिकायतों पर 100 मिनट के भीतर होगी कार्रवाई.
⦁ इस ऐप के जरिए शिकायतकर्ता की मोबाइल लोकेशन देख कर चुनाव आयोग का दस्ता पहुंच कर जांच करेगा.
⦁ जांच रिपोर्ट निर्वाचन अधिकारी को देने के बाद संबंधित मामले पर त्वरित फैसला लिया जाएगा.

सीविजिल ऐप को गूगल प्ले स्टोर के जरिए डाउनलोड किया जा सकता है. इस ऐप के द्वारा भेजी गई शिकायत आयोग जिला, राज्य से लेकर केंद्र स्तर तक संज्ञान में रहेगी.
आयोग को उम्मीद है इस ऐप के जरिए आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के कई मामले उजागर हो सकेंगे.

Intro:आगामी लोकसभा चुनाव में कई नए शास्त्र मतदाताओं के लिए चुनाव आयोग ने तैयार किए हैं। आगामी चुनाव में सोशल मीडिया का पुरजोर इस्तेमाल चुनाव आयोग द्वारा किया जाएगा। सोशल मीडिया का कई तरीके से सकारात्मक इस्तेमाल चुनाव आयोग करेगी । इसके माध्यम से आम जनता आयोग से अपनी शिकायतें सीधे भेज सकेगी।
बिहार सहित देश के मतदाताओं और नागरिकों के हाथ में आचार संहिता उल्लंघन कर की शिकायत सीधे चुनाव को करने का हथियार दिया गया है।
इसके लिए किसी भी मतदाता है या आम नागरिक को किसी सरकारी दफ्तर जाने या किसी भी ऑफिसर को फोन करने की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ अपने मोबाइल फोन से मौके पर खींची गई फोटो या बनाए गए वीडियो को वह भारत निर्वाचन आयोग को भेज सकेगा।


Body:शिकायत करने के लिए चुनाव आयोग ने एक ऐप को तैयार किया है। इस ऐप का नाम सिविजिल (cVIGIL) ऐप है। इस ऐप के जरिए कोई भी आम नागरिक चुनाव से जुड़ी गड़बड़ियों का वीडियो या फोटो बनाकर चुनाव आयोग को सीधे भेज सकता है।
ढाई घंटे के भीतर इस ऐप द्वारा की गई शिकायत पर होने वाली कार्रवाई की जानकारी चुनाव आयोग द्वारा दी जाएगी।
चुनावी पारदर्शिता और शुचिता की ओर प्रभावी बनाए जाने की दृष्टि से सीविजील चुनाव आयोग द्वारा पिछले वर्ष लांच किया गया था । इस ऐप का प्रयोग पिछले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी किया जा चुका है।
इस ऐप के जरिए शिकायतकर्ता के स्थल पर मोबाइल लोकेशन देख कर चुनाव आयोग के सचल दस्ता पहुंच कर जांच करेगा। जांच रिपोर्ट निर्वाचन अधिकारी को देने के बाद संबंधित मामले पर त्वरित फैसला लिया जाएगा। यह सारी प्रक्रिया है 100 मिनट के अंदर पूरी कर ली जाएगी।


Conclusion:सीविजील एप को गूगल प्ले स्टोर के जरिए डाउनलोड किया जा सकता है । यह किसी भी तरह के एंड्रॉयड फोन में डाउनलोड किया जा सकता है । इस ऐप के द्वारा भेजी गई शिकायत आयोग को जिला, राज्य से लेकर केंद्र स्तर तक संज्ञान में रहेगा।

आयोग को उम्मीद है इस ऐप के जरिए आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के कई मामले उजागर हो सकेंगे।
मसलन कहीं बिना अनुमति सभा हो रही हो, तय समय सीमा के बाद प्रचार किया जा रहा हो, कोई चुनावी लाभ के लिए पैसा या कोई सामग्री बांट रहा हो, कोई नशीला पदार्थ बांट रहा हो, या नियमों के विपरीत होने वाले अन्य कार्यों की शिकायत की जा सकती है।

गौरतलब है कि पहले चुनाव के समय आचार संहिता उल्लंघन या चुनाव से जुड़े किसी भी गड़बड़ी की शिकायतें चुनाव आयोग के दफ्तर में किया जाता था । लेकिन वर्तमान भारत में एंड्रॉयड और स्मार्टफोन का प्रचलन खूब जोरों पर है। खासकर आम जनता के बीच सोशल मीडिया का प्रयोग जबरदस्त तरीके से किया जा रहा है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने इस ऐप के जरिए चुनाव में पारदर्शिता रखने की कोशिश कर रही है।
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