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बिहार : सरकार ने सभी 8,405 पंचायतों में कृषि कार्यालय खोलने का निर्णय लिया

बिहार में कुल किसानों की संख्या 1.61 करोड़ हैं, जिनमें से 76 लाख से भी अधिक किसान पंजीकृत किये गये हैं. कृषि विभाग की सभी योजनाओं को किसान पंजीकरण से जोड़ा जा रहा है. इससे किसानों को सभी भुगतान सीधे बैंक खाते में भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है.

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Published : Jul 4, 2019, 4:38 PM IST

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पटना: बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बुधवार को कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य की कुल 8,405 पंचायतों में से 1,485 में कृषि कार्यालय खोल दिया गया है, जबकि शेष 6,920 पंचायतों में इसे खोलने के लिए राशि निर्गत कर दी गयी है.
1 हजार से अधिक खोले गए कृषि कार्यालय
बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019- 20 के लिए कृषि विभाग के 29 अरब 58 करोड़ 77 लाख 32 हजार रुपये से अधिक के आय-व्यय पर बहस हुई. इसके बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए प्रेम कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने राज्य के कुल 8,405 पंचायतों में से 1,485 में कृषि कार्यालय खोल दिया है. जबकि शेष 6,920 पंचायतों में इसे खोलने के लिए राशि निर्गत कर दी गयी है.
किसानों की आमदनी दोगुनी करने का संकल्प
उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर खुलने वाले इन कृषि कार्यालयों में कृषि समन्वयक और कृषि सलाहकार मौजूद रहेंगे. जिससे किसानों को अपनी समस्या के लिए प्रखंड और जिला मुख्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2021- 22 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का संकल्प लिया है. इसके लिए भारत सरकार द्वारा सात सूत्र सुझाए गये है जिसके अनुरुप कार्य किये जा रहे हैं.
76 % आबादी कृषि पर आधारित
पिछले वर्ष ही किसानों को लागत मूल्य के डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने का संकल्प पूरा किया गया था. पशुपालक और मत्स्यपालकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड निर्गत करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है. प्रेम ने कहा कि बिहार की 76 प्रतिशत आबादी कृषि पर आधारित है और यहां की कृषि राज्य के जीडीपी का पांचवां हिस्सा है. जहां देश में औसतन 42 प्रतिशत जमीन पर खेती होती है वहीं बिहार में 60 प्रतिशत जमीन पर खेती होती है.
बिहार में कुल 1.61 करोड़ किसान
प्रेम ने कहा बिहार में कुल किसानों की संख्या 1.61 करोड़ हैं, जिनमें से 76 लाख से भी अधिक किसान पंजीकृत किये गये हैं. कृषि विभाग की सभी योजनाओं को किसान पंजीकरण से जोड़ा जा रहा है. इसके फलस्वरूप किसानों को सभी भुगतान सीधे बैंक खाते में भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है.

25 जिले सूखा प्रभावित घोषित

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अनियमित मानसून के कारण धान की खेती प्रभावित हुई. राज्य सरकार ने किसानों की मदद के लिए 25 जिलों के 280 प्रखंडों को सूखा प्रभावित घोषित किया. इन प्रखंडों के 14 लाख 18 हजार 721 किसानों के बीच 9 अरब 34 करोड़ 50 लाख 12 हजार 37 रुपये कृषि इनपुट अनुदान की राशि सीधे किसानों के आधार आधारित बैंक खाते में भेजी गयी.
कम बारिश किसानों के लिए चिंता की बात
उन्होंने कहा कि बीते वर्ष मॉनसून की अनियमितता के कारण खाद्यान्न का उत्पादन प्रभावित हुआ. वर्ष 2018-19 में 25 जिलों में सूखा होने के बावजूद 142.36 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ. इस वर्ष भी देर से मॉनसून के आगमन और वर्षा की कमी राज्य के किसानों के लिए चिंता की बात है.
'संचय जल बेहतर कल' की शुरूआत
प्रेम ने कहा कि जल संकट की चुनौती से निपटने की प्रधानमंत्री की 'संचय जल बेहतर कल' की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए बिहार के 12 जिलों के 30 प्रखंडों में जल शक्ति अभियान की शुरूआत की गई है. जिसमें उत्तर बिहार के 6 जिलों बेगूसराय, वैशाली, कटिहार, सारण, गोपालगंज एवं मुजफ्फरपुर के 10 प्रखंड और दक्षिण बिहार के 6 जिले गया, नालंदा, नवादा, जहानाबाद, पटना एवं भोजपुर के 20 प्रखंड शामल हैं.
दो चरणों में कार्यान्वित होगा जल शक्ति अभियान
उन्होंने कहा कि जल शक्ति अभियान दो चरणों में कार्यान्वित होगा. पहला चरण 1 जुलाई से 15 सितम्बर तक तथा दूसरा चरण 1 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक चलाया जायेगा. इस अभियान के तहत चिन्हित जिलों एवं प्रखंडों में वर्षा जल के संचय के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग, परम्परागत जल स्रोतों का जीर्णोद्धार, जल छाजन, वृक्षाच्छादन कार्यक्रम को सघन रूप से कार्यान्वित किया जायेगा.
26 लाख से अधिक किसानों को मिलेगा लाभ
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 26 लाख 54 हजार 581 किसानों को योजना का लाभ प्रदान करने की राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को अनुशंसा भेजी जा चुकी है. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्य उनके जवाब के शुरूआत में ही सदन से वाकआउट कर गए. मंत्री के जवाब के बाद विपक्षी सदस्यों की अनुपस्थिति में सदन ने कृषि विभाग के बजटीय मांग को ध्वनि मत से पारित कर दिया.

पटना: बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बुधवार को कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य की कुल 8,405 पंचायतों में से 1,485 में कृषि कार्यालय खोल दिया गया है, जबकि शेष 6,920 पंचायतों में इसे खोलने के लिए राशि निर्गत कर दी गयी है.
1 हजार से अधिक खोले गए कृषि कार्यालय
बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019- 20 के लिए कृषि विभाग के 29 अरब 58 करोड़ 77 लाख 32 हजार रुपये से अधिक के आय-व्यय पर बहस हुई. इसके बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए प्रेम कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने राज्य के कुल 8,405 पंचायतों में से 1,485 में कृषि कार्यालय खोल दिया है. जबकि शेष 6,920 पंचायतों में इसे खोलने के लिए राशि निर्गत कर दी गयी है.
किसानों की आमदनी दोगुनी करने का संकल्प
उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर खुलने वाले इन कृषि कार्यालयों में कृषि समन्वयक और कृषि सलाहकार मौजूद रहेंगे. जिससे किसानों को अपनी समस्या के लिए प्रखंड और जिला मुख्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2021- 22 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का संकल्प लिया है. इसके लिए भारत सरकार द्वारा सात सूत्र सुझाए गये है जिसके अनुरुप कार्य किये जा रहे हैं.
76 % आबादी कृषि पर आधारित
पिछले वर्ष ही किसानों को लागत मूल्य के डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने का संकल्प पूरा किया गया था. पशुपालक और मत्स्यपालकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड निर्गत करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है. प्रेम ने कहा कि बिहार की 76 प्रतिशत आबादी कृषि पर आधारित है और यहां की कृषि राज्य के जीडीपी का पांचवां हिस्सा है. जहां देश में औसतन 42 प्रतिशत जमीन पर खेती होती है वहीं बिहार में 60 प्रतिशत जमीन पर खेती होती है.
बिहार में कुल 1.61 करोड़ किसान
प्रेम ने कहा बिहार में कुल किसानों की संख्या 1.61 करोड़ हैं, जिनमें से 76 लाख से भी अधिक किसान पंजीकृत किये गये हैं. कृषि विभाग की सभी योजनाओं को किसान पंजीकरण से जोड़ा जा रहा है. इसके फलस्वरूप किसानों को सभी भुगतान सीधे बैंक खाते में भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है.

25 जिले सूखा प्रभावित घोषित

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अनियमित मानसून के कारण धान की खेती प्रभावित हुई. राज्य सरकार ने किसानों की मदद के लिए 25 जिलों के 280 प्रखंडों को सूखा प्रभावित घोषित किया. इन प्रखंडों के 14 लाख 18 हजार 721 किसानों के बीच 9 अरब 34 करोड़ 50 लाख 12 हजार 37 रुपये कृषि इनपुट अनुदान की राशि सीधे किसानों के आधार आधारित बैंक खाते में भेजी गयी.
कम बारिश किसानों के लिए चिंता की बात
उन्होंने कहा कि बीते वर्ष मॉनसून की अनियमितता के कारण खाद्यान्न का उत्पादन प्रभावित हुआ. वर्ष 2018-19 में 25 जिलों में सूखा होने के बावजूद 142.36 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ. इस वर्ष भी देर से मॉनसून के आगमन और वर्षा की कमी राज्य के किसानों के लिए चिंता की बात है.
'संचय जल बेहतर कल' की शुरूआत
प्रेम ने कहा कि जल संकट की चुनौती से निपटने की प्रधानमंत्री की 'संचय जल बेहतर कल' की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए बिहार के 12 जिलों के 30 प्रखंडों में जल शक्ति अभियान की शुरूआत की गई है. जिसमें उत्तर बिहार के 6 जिलों बेगूसराय, वैशाली, कटिहार, सारण, गोपालगंज एवं मुजफ्फरपुर के 10 प्रखंड और दक्षिण बिहार के 6 जिले गया, नालंदा, नवादा, जहानाबाद, पटना एवं भोजपुर के 20 प्रखंड शामल हैं.
दो चरणों में कार्यान्वित होगा जल शक्ति अभियान
उन्होंने कहा कि जल शक्ति अभियान दो चरणों में कार्यान्वित होगा. पहला चरण 1 जुलाई से 15 सितम्बर तक तथा दूसरा चरण 1 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक चलाया जायेगा. इस अभियान के तहत चिन्हित जिलों एवं प्रखंडों में वर्षा जल के संचय के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग, परम्परागत जल स्रोतों का जीर्णोद्धार, जल छाजन, वृक्षाच्छादन कार्यक्रम को सघन रूप से कार्यान्वित किया जायेगा.
26 लाख से अधिक किसानों को मिलेगा लाभ
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 26 लाख 54 हजार 581 किसानों को योजना का लाभ प्रदान करने की राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को अनुशंसा भेजी जा चुकी है. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्य उनके जवाब के शुरूआत में ही सदन से वाकआउट कर गए. मंत्री के जवाब के बाद विपक्षी सदस्यों की अनुपस्थिति में सदन ने कृषि विभाग के बजटीय मांग को ध्वनि मत से पारित कर दिया.

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बिहार : सरकार ने सभी 8,405 पंचायतों में कृषि कार्यालय खोलने का निर्णय लिया



पटना: बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बुधवार को कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य की कुल 8,405 पंचायतों में से 1,485 में कृषि कार्यालय खोल दिया गया है, जबकि शेष 6,920 पंचायतों में इसे खोलने के लिए राशि निर्गत कर दी गयी है.

1 हजार से अधिक खोले गए कृषि कार्यालय

बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019- 20 के लिए कृषि विभाग के 29 अरब 58 करोड़ 77 लाख 32 हजार रुपये से अधिक के आय-व्यय पर बहस हुई. इसके बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए प्रेम कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने राज्य के कुल 8,405 पंचायतों में से 1,485 में कृषि कार्यालय खोल दिया है. जबकि शेष 6,920 पंचायतों में इसे खोलने के लिए राशि निर्गत कर दी गयी है.

किसानों की आमदनी दोगुनी करने का संकल्प

उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर खुलने वाले इन कृषि कार्यालयों में कृषि समन्वयक और कृषि सलाहकार मौजूद रहेंगे. जिससे किसानों को अपनी समस्या के लिए प्रखंड और जिला मुख्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2021- 22 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का संकल्प लिया है. इसके लिए भारत सरकार द्वारा सात सूत्र सुझाए गये है जिसके अनुरुप कार्य किये जा रहे हैं.

76 % आबादी कृषि पर आधारित

पिछले वर्ष ही किसानों को लागत मूल्य के डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने का संकल्प पूरा किया गया था. पशुपालक और मत्स्यपालकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड निर्गत करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है. प्रेम ने कहा कि बिहार की 76 प्रतिशत आबादी कृषि पर आधारित है और यहां की कृषि राज्य के जीडीपी का पांचवां हिस्सा है. जहां देश में औसतन 42 प्रतिशत जमीन पर खेती होती है वहीं बिहार में 60 प्रतिशत जमीन पर खेती होती है.

बिहार में कुल 1.61 करोड़ किसान

प्रेम ने कहा बिहार में कुल किसानों की संख्या 1.61 करोड़ हैं, जिनमें से 76 लाख से भी अधिक किसान पंजीकृत किये गये हैं. कृषि विभाग की सभी योजनाओं को किसान पंजीकरण से जोड़ा जा रहा है. इसके फलस्वरूप किसानों को सभी भुगतान सीधे बैंक खाते में भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है.

25 जिले सूखा प्रभावित घोषित

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अनियमित मानसून के कारण धान की खेती प्रभावित हुई. राज्य सरकार ने किसानों की मदद के लिए 25 जिलों के 280 प्रखंडों को सूखा प्रभावित घोषित किया. इन प्रखंडों के 14 लाख 18 हजार 721 किसानों के बीच 9 अरब 34 करोड़ 50 लाख 12 हजार 37 रुपये कृषि इनपुट अनुदान की राशि सीधे किसानों के आधार आधारित बैंक खाते में भेजी गयी.

कम बारीश किसाने के लिए चिंता की बात

उन्होंने कहा कि बीते वर्ष मॉनसून की अनियमितता के कारण खाद्यान्न का उत्पादन प्रभावित हुआ. वर्ष 2018-19 में 25 जिलों में सूखा होने के बावजूद 142.36 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ. इस वर्ष भी देर से मॉनसून के आगमन और वर्षा की कमी राज्य के किसानों के लिए चिंता की बात है.

'संचय जल बेहतर कल' की शुरूआत

प्रेम ने कहा कि जल संकट की चुनौती से निपटने की प्रधानमंत्री की 'संचय जल बेहतर कल' की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए बिहार के 12 जिलों के 30 प्रखंडों में जल शक्ति अभियान की शुरूआत की गई है. जिसमें उत्तर बिहार के 6 जिलों बेगूसराय, वैशाली, कटिहार, सारण, गोपालगंज एवं मुजफ्फरपुर के 10 प्रखंड और दक्षिण बिहार के 6 जिले गया, नालंदा, नवादा, जहानाबाद, पटना एवं भोजपुर के 20 प्रखंड शामल हैं.

दो चरणों में कार्यान्वित होगा जल शक्ति अभियान

उन्होंने कहा कि जल शक्ति अभियान दो चरणों में कार्यान्वित होगा. पहला चरण 1 जुलाई से 15 सितम्बर तक तथा दूसरा चरण 1 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक चलाया जायेगा. इस अभियान के तहत चिन्हित जिलों एवं प्रखंडों में वर्षा जल के संचय के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग, परम्परागत जल स्रोतों का जीर्णोद्धार, जल छाजन, वृक्षाच्छादन कार्यक्रम को सघन रूप से कार्यान्वित किया जायेगा.

26 लाख से अधिक किसानों को मिलेगा लाभ

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 26 लाख 54 हजार 581 किसानों को योजना का लाभ प्रदान करने की राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को अनुशंसा भेजी जा चुकी है. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्य उनके जवाब के शुरूआत में ही सदन से वाकआउट कर गए. मंत्री के जवाब के बाद विपक्षी सदस्यों की अनुपस्थिति में सदन ने कृषि विभाग के बजटीय मांग को ध्वनि मत से पारित कर दिया.




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