बक्सर: शादी सात जन्मों का बंधन होता है. दो लोग हमेशा साथ रहने की कसमें खाते हैं. लेकिन बक्सर में शादी और सात जन्मों के नातों का मतलब बदल गया है. यहां पिछले कुछ दिनों से लगातार नव विवाहिताओं की खुदकुशी के मामले सामने आ रहे हैं. शादी के कुछ ही दिनों बाद लड़की आत्महत्या करने को मजबूर हो जाती है. इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं.
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आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ी
क्या वजहें हैं कि नव विवाहिताओं में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है? इस बाबत पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह से बात की गई. उन्होंने इसके पीछे कई कारण बताए. और साथ ही लड़की के माता-पिता को हमेशा लड़की से खुलकर बात करने की नसीहत दी.
'लड़कियों पर माहौल का असर ज्यादा पड़ता है. लड़कियों को चाहिए कि अपने मां बाप से खुलकर बात करे और हमेशा सकारात्मक रहें.'- जिज्ञासा कुमारी, छात्रा
शादी के दौरान इन बातों का रखें ख्याल
- लड़की की पृष्ठभूमि कैसी रही है ?
- वो किस माहौल में रही है ?
- ग्रामीण पृष्ठभूमि से शहर में आई है या शहरी माहौल से गांव में आई है.
- उसकी शिक्षा का स्तर क्या रहा है?
- ससुराल के लोग कैसे हैं ?
- लड़की का पति कैसा है?
- पति कितना पढ़ा लिखा है?
- विवाह करते समय लड़की को विश्वास में लिया गया है या नहीं?
- लड़की की महत्वाकांक्षा क्या है?
- वो अभी विवाह के लिए तैयार है या नहीं.
- क्या पारिवारिक या सामाजिक दबाव में उसकी शादी कर दी गई है.
- लड़की ससुराल के माहौल में खुद को ढाल पा रही है या नहीं?
- ससुराल वाले उसके एडजस्टमेंट में सहयोग कर रहें हैं या नहीं ?
'पहले अगर किसी तरह की कोई समस्या होती थी, कोई तनाव होता था तो लोग आपस में बातचीत करके उसका हल निकाल लिया करते थे. एक दूसरे से अपनी समस्या बताते थे. अब एकल परिवार हो गये हैं. किसी के भी पास समय नहीं रह गया है.'- नीरज कुमार सिंह, एसपी, बक्सर
'शहरी क्षेत्र की रहने वाली लड़कियां ग्रामीण परिवेश में एडजस्ट नहीं कर पाती हैं और उनके जीवन जीने के तरीकों में अंतर हो जाता है. इसलिए आत्महत्या जैसी घटनाएं हो रहीं हैं.'- अंकिता कुमारी, छात्रा
लड़कियों से अभिभावक करें बातचीत
- माता-पिता को अपनी लड़की के साथ खुलकर बात करनी चाहिए.
- विवाह संबंधित हर बात बताते हुए लड़की को विश्वास में लेकर ही उसका विवाह करना चाहिए.
- पूर्व के किसी भी संबंध को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
'शुरू में लड़कियों को ससुराल में परेशानी होती है ,कोई बेहतर तरीके से समझने वाला नहीं होता है किंतु इन्हें धैर्य रखनी चाहिए और सकारात्मक रूप से इंतजार करना चाहिए कि आगे सब कुछ नॉर्मल हो जाएगा.'- निक्की कुमारी,छात्रा