बक्सर: बिहार के 16 जिले बाढ़ की चपेट में है. इससे 70 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. अभी भी राज्य के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश हो रही है. जिसके कारण नदियों के जलस्तर में फिर से बढ़ोत्तरी हो रही है. जिले में भी गंगा के तटवर्तीय इलाकों में हो रही भारी बारिश के कारण नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है. इससे लोगों में भय का माहौल है.
केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. हालांकि गंगा का जलस्तर जिले में अलर्ट प्वाइंट से 2 मीटर नीचे है, फिर भी जिला प्रशासन काफी सतर्क है.
जिला प्रशासन बाढ़ को लेकर अलर्ट
बता दें कि साल 2003, 2016 और 2019 में आई बाढ़ के कारण चौसा, बक्सर, सिमरी, चक्की और ब्रह्मपुर के 25 पंचायतों में भारी तबाही मची थी. हजारों एकड़ में लगी धान और मक्के की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई. इसी कारण से इस बार जिला प्रशासन पूरी तरह से सावधान है. 10 एजेंसियों के माध्यम से बक्सर और कोईलवर तटबंध की मरम्मती कराई जा रही है.
लापरवाही बरतने वाले अधिकारी पर होगी कार्रवाई
गंगा के बढ़ते जलस्तर को लेकर डुमराव अनुमंडल पदाधिकारी हरेंद्र राम ने कहा कि जिल में बाढ़ पूर्व सारी तैयारी पूरी कर ली गई है. आश्रय स्थलों का चयन कर लिया गया है. नावों की मरम्मती करवा ली गई है और कोरोना महामारी को देखते हुए आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है. इसके अलावे साभी अधिकारियों को गंगा के जलस्तर पर नजर बनाए रखने का निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा. लापरवाही बरतने वाले पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.