बक्सरः गंगा के तटवर्तीय इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा के जलस्तर में वृद्धि शुरू हो गई है. हालांकि जिला प्रशासन और पुलिस तत्परता दिखाते हुए लॉकडाउन के दौरान ही बाढ़ से निपटने की सारी तैयारी पूरी कर ली थी.
5 प्रखंड होते हैं प्रभावित
गंगा नदी में उफान के कारण प्रत्येक साल जिले के 5 प्रखंड चौसा, बक्सर, सिमरी, चक्की और ब्रह्मपुर काफी प्रभावित होते हैं. हजारों एकड़ में लगी खरीफ की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है. जान-माल की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन की ओर से गंगा से सटे इन प्रखंडो में दर्जनों आपदा राहत केंद्र चलाए जाते हैं.
लोगों में है बाढ़ का खौफ
जिला में जब भी बाढ़ आती है. अपने साथ एक बहुत बड़ी तबाही लेकर आती है. यही कारण है कि गंगा के जलस्तर में जैसे ही वृद्धि होने की सूचना मिलती है. गंगा की तटवर्तीय इलाकों में रहने वाले लोग सहम जाते हैं. बढ़ रहे गंगा के जलस्तर को लेकर सदर प्रखंड के उमरपुर पंचायत के रहने वाला नीलू मिश्रा ने बताया कि जब भी बाढ़ आती है, काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. बाढ़ के दौरान राशन-पानी लेकर महीनों बक्सर-कोइलवर तटबंधों पर गुजारा करना पड़ता है.
'खतरे के निशान से नीचे है जलस्तर'
वहीं, गंगा नदी के बढ़ रहे जलस्तर को लेकर जब केंद्रीय जल आयोग के जूनियर इंजीनियर कन्हैया कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि गंगा के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण आधा सेंटीमीटर प्रति घंटा के रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है. फिलहाल गंगा का जलस्तर खतरा के निशान से निचे है. इस लिए किसी को भयभीत होने की जरूरत नहीं है. वर्तमान स्थिति से वरीय अधिकारियों को लगातार अवगत कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिला में अगस्त-सितंबर की महीना में बाढ़ होती है.
प्रशासन की तैयारी है पूरी- एसपी
एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने कहा कि पूर्व के वर्षो के अनुभव के आधार पर समय रहते सारी तैयारियां कर ली गई है. संबंधित अधिकारियों को अलर्ट कर काम पर लगा दिया गया है. प्रशासन हर चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है. किसी को डरने की जरूरत नहीं है.