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राम-मंदिर निर्माण को लेकर बक्सर में उत्साह, ग्रामीणों ने एकजुट होकर किया सुंदरकांड का पाठ

धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक बक्सर से श्रीराम का पुराना रिश्ता है. ऋषि विश्वामित्र के कहने पर बक्सर को प्रभु राम ने राक्षसों से मुक्त करवाया. जिले वासियों में राम मंदिर निर्माण को लेकर खासा उत्साह है.

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Published : Aug 5, 2020, 3:07 PM IST

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बक्सर: अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर पूरी अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है. पूरे विश्व की नजरें अयोध्या पर टिकी हुई है. बक्सर सदर प्रखंड अंतर्गत दहिवर गांव में भी उत्सव का माहौल है. यहां ग्रामीणों ने एकजुट होकर हनुमान मंदिर के पास बैठकर सुंदरकांड का पाठ किया. साथ ही राम मंदिर निर्माण में सहयोग राशि भेजने का भी संकल्प लिया.

बक्सर से है श्रीराम का पुराना रिश्ता
कहा जाता है कि त्रेता युग में राक्षसों का आतंक बढ़ गया था. तब ऋषि विश्वामित्र अयोध्या पहुंचकर भगवान श्री राम और लक्ष्मण को लेकर बक्सर आए थे. इसके बाद प्रभु श्री राम ने ताड़का, सुबाहू, मारीच जैसे राक्षसों का वध कर बक्सर को राक्षसों से मुक्त कराया. ताड़का का वध करने के बाद नारी हत्या के दोष से मुक्ति पाने के लिए श्रीराम ने साधु संतों के साथ 5 कोस की यात्रा भी की थी. इस दौरान उन्होंने पत्थर रूपी अहिल्या का भी उद्धार किया था और यहां से मिथिला चले गए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

उत्तरायणी गंगा में किया था स्नान
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक भगवान राम ने रावण का वध किया. फिर अयोध्या लौटने के दौरान बक्सर के रामरेखा घाट पर उत्तरायणी गंगा में स्नान कर ब्राह्मण हत्या दोष से मुक्ति पाई. रामरेखा घाट पर ही शिवलिंग की स्थापना कर उसका नाम रामेश्वरम रखा.

क्या कहते हैं स्थानीय
सुंदरकांड पाठ में शामिल बीजेपी के नेता आशा आनंद प्रकाश सिंह ने बताया कि राम मंदिर के शिलान्यास के लिए हम काफी उत्साहित हैं. आज पूरे विश्व की नजरें अयोध्या पर टिकी है. सभी ग्रामीणों ने यह संकल्प लिया है कि अयोध्या मंदिर निर्माण में जल्द ही सहयोग राशि भेजेंगे. 1 सप्ताह पहले भी उत्तरायणी गंगा का जल और ऋषि विश्वामित्र मुनि के तपोस्थली की मिट्टी के साथ सहयोग राशि भी अयोध्या भेजी गई है.

बक्सर: अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर पूरी अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है. पूरे विश्व की नजरें अयोध्या पर टिकी हुई है. बक्सर सदर प्रखंड अंतर्गत दहिवर गांव में भी उत्सव का माहौल है. यहां ग्रामीणों ने एकजुट होकर हनुमान मंदिर के पास बैठकर सुंदरकांड का पाठ किया. साथ ही राम मंदिर निर्माण में सहयोग राशि भेजने का भी संकल्प लिया.

बक्सर से है श्रीराम का पुराना रिश्ता
कहा जाता है कि त्रेता युग में राक्षसों का आतंक बढ़ गया था. तब ऋषि विश्वामित्र अयोध्या पहुंचकर भगवान श्री राम और लक्ष्मण को लेकर बक्सर आए थे. इसके बाद प्रभु श्री राम ने ताड़का, सुबाहू, मारीच जैसे राक्षसों का वध कर बक्सर को राक्षसों से मुक्त कराया. ताड़का का वध करने के बाद नारी हत्या के दोष से मुक्ति पाने के लिए श्रीराम ने साधु संतों के साथ 5 कोस की यात्रा भी की थी. इस दौरान उन्होंने पत्थर रूपी अहिल्या का भी उद्धार किया था और यहां से मिथिला चले गए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

उत्तरायणी गंगा में किया था स्नान
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक भगवान राम ने रावण का वध किया. फिर अयोध्या लौटने के दौरान बक्सर के रामरेखा घाट पर उत्तरायणी गंगा में स्नान कर ब्राह्मण हत्या दोष से मुक्ति पाई. रामरेखा घाट पर ही शिवलिंग की स्थापना कर उसका नाम रामेश्वरम रखा.

क्या कहते हैं स्थानीय
सुंदरकांड पाठ में शामिल बीजेपी के नेता आशा आनंद प्रकाश सिंह ने बताया कि राम मंदिर के शिलान्यास के लिए हम काफी उत्साहित हैं. आज पूरे विश्व की नजरें अयोध्या पर टिकी है. सभी ग्रामीणों ने यह संकल्प लिया है कि अयोध्या मंदिर निर्माण में जल्द ही सहयोग राशि भेजेंगे. 1 सप्ताह पहले भी उत्तरायणी गंगा का जल और ऋषि विश्वामित्र मुनि के तपोस्थली की मिट्टी के साथ सहयोग राशि भी अयोध्या भेजी गई है.

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