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बक्सर दुष्कर्म मामला: एक आरोपी का वीडियो आया सामने, पीड़िता का आरोप- 'पुलिस बोली मुंह बंद कर लो' - ETV bharat news

बक्सर में सामूहिक दुष्कर्म की घटना (Gang Rape In Buxar) को लेकर पीड़ित ने पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं. पीड़ित महिला का कहना है कि पुलिस कई तरह के लालच देकर मामले की लीपापोती में लगी है.

बक्सर दुष्कर्म मामले का आरोपी
बक्सर दुष्कर्म मामले का आरोपी
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Published : Sep 28, 2022, 1:34 PM IST

बक्सरः बिहार के बक्सर में सामूहिक दुष्कर्म की घटना (Buxar Molestation Case) को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों में से एक आरोपी की फोटो और वीडियो के साथ अपहरण के लिए इस्तेमाल किए गए वाहन का नंबर प्लेट ईटीवी भारत के साथ पीड़ित (Victim Allegation On Police In Buxar) ने साझा किया है. साथ ही उसने कहा कि पुलिस कई तरह की लालच देकर मामले के लीपापोती कराने की कोशिश में लगी है. फिलहार महिला का इलाज बक्सर सदर अस्पताल में चल रहा है.

ये भी पढ़ेंः बक्सर रेलवे स्टेशन पर महिला से गैंगरेप, पीड़िता बोली- 'दरिंदों ने पूरी रात नोंचा'




पुलिस महकमे में मची खलबलीः स्थानीय रेलवे स्टेशन पर एक महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में महिला का बयान सामने आने के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई है. दरअसल, महिला ने यह बयान दिया है कि उसके साथ जिन तीन लोगों ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है उसमें पुलिस थाने की गाड़ी का चालक भी शामिल है. पीड़ित ने बताया कि जब एक आरोपी की तस्वीर जीआरपी के पुलिसकर्मियों को दिखाया तो जीआरपी थाने से आये हुए पुलिकर्मियों ने कहा कि यह पहले जीआरपी थाना प्रभारी की गाड़ी चलाता था. तुम चुप हो जाओ, हमलोग रहने खाने का व्यवस्था तुम्हारी कर देंगे तुम किसी से कुछ मत कहना.

महिला थाना ने भी नहीं की मददः सामूहिक दुष्कर्म की शिकार महिला का आरोप है कि जब उसके पति ने उसे घर से निकाला तो यह शिकायत लेकर पहले वो महिला थाना भी गई थी, लेकिन थाना पर तैनात महिला अधिकारी करुणा के द्वारा उसे मारा पीटा गया. जिसके बाद में स्टेशन पर सर छुपाने के लिए मजबूर हो गई. पीड़िता का कहना है कि मामला बड़े लोगों से जुड़े होने के कारण पुलिस मामले की लीपापोती करने के प्रयास में है. अब उसे जीआरपी और महिला पुलिस के द्वारा यह कहा जा रहा है कि उसे अल्पावास गृह में रखा जाएगा, जहां उसके भोजन आदि का इंतजाम हो जाएगा.

"बयान लेने के लिए जीआरपी थाने से आये हुए पुलिकर्मियों जब हम आरोपी की तस्वीर दिखाए तो उन्होंने कहा कि यह पहले जीआरपी थाना प्रभारी की गाड़ी चलाता था. तुम चुप हो जाओ, हमलोग तुम्हारे रहने खाने की व्यवस्था कर देंगे. तुम किसी से कुछ मत कहना"- पीड़ित महिला

पुलिस मामले की कर रही है लीपा पोतीः कुल मिलाकर महिला का यह आरोप है कि इस मामले में चुप रहने के लिए उसे रोटी का लालच दिया जा रहा है. पीड़ित ने बताया कि जिस आरोपी की फोटो उसने साझा किया है. वह बिजनेस करने के लिए मोटी रकम देने का कई बार लालच दे चुका है. जब उसके चाल में वो नहीं फंसी तो 25 सितम्बर को अपहरण कर धान के खेत में तीन लोगों ने उसकी अस्मत लूट ली.

क्या कहते है एसपीः हालांकि एसपी नीरज कुमार सिंह मामले को लेकर बेहद गंभीर हैं. उन्होंने कहा कि जैसे ही इस मामले की जानकारी मिली नगर थाने और महिला थाने की पुलिस को महिला का बयान दर्ज करने के लिए भेजा गया. उन्होंने यह भी बताया इस महिला के साथ वर्ष 2019 में भी एक बार सामूहिक दुष्कर्म हुआ था जिसमें सभी आरोपी फिलहाल जेल में हैं. इस जघन्य अपराध को करने वाला चाहे कोई भी हो, उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.



ससुराल और मायके वालों ने निकालाः दरअसल अपने ससुराल और मायके दोनों जगह से निकाल दी गई ये महिला रेलवे स्टेशन पर किसी तरह गुजारा कर रही थी. इसी बीच 25 सितम्बर की रात जब वह रेलवे स्टेशन के बाहर समोसा खरीदने के लिए गई, तभी तीन की संख्या में वहां मौजूद लोगों ने उसे स्कॉर्पियो में बैठाया और लेकर किसी धान के खेत में चले गए, जहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया. उसके बाद लाकर उसे एक जगह पर छोड़ दिया. जहां से वह लोगों की सहायता से किसी तरह अस्पताल पहुंची. महिला का कहना है कि जिन लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया उसमें पुलिस थाने की गाड़ी का चालक भी शामिल है. महिला के मुताबिक उसने उसका वीडियो बना लिया था, जिसमें स्कॉर्पियो का नंबर भी था. जिसे दिखाने पर जीआरपी के जवानों ने बताया कि यह तो थानाध्यक्ष के वाहन का चालक है.

सदर अस्पताल में इलाजरत है महिलाः वहीं, इस मामले में सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ का कहना है कि महिला जैसे ही सदर अस्पताल में इलाज के लिए आई और उसने अपने साथ हुई घटना बताई, तो तुरंत महिला हेल्पलाइन और पुलिसकर्मियों को सूचना दी गई. उधर पीड़ित से मिलने पहुंची महिला हेल्पलाइन के सदस्यों से जब बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें यह निर्देश है कि वह मामले में कुछ भी बयान ना दें. बहरहाल, महिला का इलाज जारी है. सिविल सर्जन का कहना है कि उसकी हालत खतरे से बाहर है, लेकिन महिला बार-बार यह सवाल कर रही है कि क्या उसे अल्पावास गृह में रख देने भर से उसे न्याय मिल जाएगा? क्या उसके दुष्कर्मियों को सजा नहीं मिलेगी?

ये भी पढ़ेंः बक्सर रेलवे स्टेशन पर महिला के साथ दुष्कर्म, नगर एवं रेल थाना के बीच सीमा विवाद में FIR नहीं


बक्सरः बिहार के बक्सर में सामूहिक दुष्कर्म की घटना (Buxar Molestation Case) को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों में से एक आरोपी की फोटो और वीडियो के साथ अपहरण के लिए इस्तेमाल किए गए वाहन का नंबर प्लेट ईटीवी भारत के साथ पीड़ित (Victim Allegation On Police In Buxar) ने साझा किया है. साथ ही उसने कहा कि पुलिस कई तरह की लालच देकर मामले के लीपापोती कराने की कोशिश में लगी है. फिलहार महिला का इलाज बक्सर सदर अस्पताल में चल रहा है.

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पुलिस महकमे में मची खलबलीः स्थानीय रेलवे स्टेशन पर एक महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में महिला का बयान सामने आने के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई है. दरअसल, महिला ने यह बयान दिया है कि उसके साथ जिन तीन लोगों ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है उसमें पुलिस थाने की गाड़ी का चालक भी शामिल है. पीड़ित ने बताया कि जब एक आरोपी की तस्वीर जीआरपी के पुलिसकर्मियों को दिखाया तो जीआरपी थाने से आये हुए पुलिकर्मियों ने कहा कि यह पहले जीआरपी थाना प्रभारी की गाड़ी चलाता था. तुम चुप हो जाओ, हमलोग रहने खाने का व्यवस्था तुम्हारी कर देंगे तुम किसी से कुछ मत कहना.

महिला थाना ने भी नहीं की मददः सामूहिक दुष्कर्म की शिकार महिला का आरोप है कि जब उसके पति ने उसे घर से निकाला तो यह शिकायत लेकर पहले वो महिला थाना भी गई थी, लेकिन थाना पर तैनात महिला अधिकारी करुणा के द्वारा उसे मारा पीटा गया. जिसके बाद में स्टेशन पर सर छुपाने के लिए मजबूर हो गई. पीड़िता का कहना है कि मामला बड़े लोगों से जुड़े होने के कारण पुलिस मामले की लीपापोती करने के प्रयास में है. अब उसे जीआरपी और महिला पुलिस के द्वारा यह कहा जा रहा है कि उसे अल्पावास गृह में रखा जाएगा, जहां उसके भोजन आदि का इंतजाम हो जाएगा.

"बयान लेने के लिए जीआरपी थाने से आये हुए पुलिकर्मियों जब हम आरोपी की तस्वीर दिखाए तो उन्होंने कहा कि यह पहले जीआरपी थाना प्रभारी की गाड़ी चलाता था. तुम चुप हो जाओ, हमलोग तुम्हारे रहने खाने की व्यवस्था कर देंगे. तुम किसी से कुछ मत कहना"- पीड़ित महिला

पुलिस मामले की कर रही है लीपा पोतीः कुल मिलाकर महिला का यह आरोप है कि इस मामले में चुप रहने के लिए उसे रोटी का लालच दिया जा रहा है. पीड़ित ने बताया कि जिस आरोपी की फोटो उसने साझा किया है. वह बिजनेस करने के लिए मोटी रकम देने का कई बार लालच दे चुका है. जब उसके चाल में वो नहीं फंसी तो 25 सितम्बर को अपहरण कर धान के खेत में तीन लोगों ने उसकी अस्मत लूट ली.

क्या कहते है एसपीः हालांकि एसपी नीरज कुमार सिंह मामले को लेकर बेहद गंभीर हैं. उन्होंने कहा कि जैसे ही इस मामले की जानकारी मिली नगर थाने और महिला थाने की पुलिस को महिला का बयान दर्ज करने के लिए भेजा गया. उन्होंने यह भी बताया इस महिला के साथ वर्ष 2019 में भी एक बार सामूहिक दुष्कर्म हुआ था जिसमें सभी आरोपी फिलहाल जेल में हैं. इस जघन्य अपराध को करने वाला चाहे कोई भी हो, उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.



ससुराल और मायके वालों ने निकालाः दरअसल अपने ससुराल और मायके दोनों जगह से निकाल दी गई ये महिला रेलवे स्टेशन पर किसी तरह गुजारा कर रही थी. इसी बीच 25 सितम्बर की रात जब वह रेलवे स्टेशन के बाहर समोसा खरीदने के लिए गई, तभी तीन की संख्या में वहां मौजूद लोगों ने उसे स्कॉर्पियो में बैठाया और लेकर किसी धान के खेत में चले गए, जहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया. उसके बाद लाकर उसे एक जगह पर छोड़ दिया. जहां से वह लोगों की सहायता से किसी तरह अस्पताल पहुंची. महिला का कहना है कि जिन लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया उसमें पुलिस थाने की गाड़ी का चालक भी शामिल है. महिला के मुताबिक उसने उसका वीडियो बना लिया था, जिसमें स्कॉर्पियो का नंबर भी था. जिसे दिखाने पर जीआरपी के जवानों ने बताया कि यह तो थानाध्यक्ष के वाहन का चालक है.

सदर अस्पताल में इलाजरत है महिलाः वहीं, इस मामले में सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ का कहना है कि महिला जैसे ही सदर अस्पताल में इलाज के लिए आई और उसने अपने साथ हुई घटना बताई, तो तुरंत महिला हेल्पलाइन और पुलिसकर्मियों को सूचना दी गई. उधर पीड़ित से मिलने पहुंची महिला हेल्पलाइन के सदस्यों से जब बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें यह निर्देश है कि वह मामले में कुछ भी बयान ना दें. बहरहाल, महिला का इलाज जारी है. सिविल सर्जन का कहना है कि उसकी हालत खतरे से बाहर है, लेकिन महिला बार-बार यह सवाल कर रही है कि क्या उसे अल्पावास गृह में रख देने भर से उसे न्याय मिल जाएगा? क्या उसके दुष्कर्मियों को सजा नहीं मिलेगी?

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