बक्सरः प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जिलास्तर पर 5 क्लस्टर बनाया गया है. इससे कोरोना के दौरान घर आये प्रवासी श्रमिकों को अपने ही गृह जिले में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा किया गया. वहीं सरकारी योजनाओं में क्लस्टरों में धड़ल्ले से चाइनीज मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसको लेकर जिले में सियासत भी शुरू हो गयी है.
कहां गया 'वोकल फॉर लोकल' का नारा ?
साल 2020 के मार्च से ही वैश्विक आपदा कोरोना ने ऐसा कहर बरपाया की करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए. जिसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच जमकर सियासत शुरू हुई. सरकार ने सभी लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए लोकल फॉर वोकल का नारा दिया. स्थानीय प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए बाजार उपलब्ध कराने से लेकर प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने का दावा किया.
चाइनीज मशीनों का किया जा रहा इस्तेमाल
लॉक डाउन के दौरान घर आये प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये जिला स्तर पर पहल किया गया. बक्सर में जिला औद्योगिक नवपरवर्तन योजना के तहत कम्बल, रेडीमेट गारमेंट्स, मशरूम, शहद, और फर्नीचर का क्लस्टर विकसित कर प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कोशिश की गयी. लेकिन सरकार के इन योजनाओं में धड़ल्ले से चाइनीज मशीन का उपयोग किया जा रहा है. जबकि यह सभी मशीन भारत में भी बनती है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि भारत की अर्थव्यवस्था कैसे मजबूत होगी?
रेडीमेड गारमेंट्स की लगी यूनिट
जिला प्रशासन ने रेडीमेट गारमेंट्स को तैयार करने के लिए नगर थाना क्षेत्र के पिपरपाती रोड पर जिला औद्योगिक नवपरवर्तन योजना के तहत यूनिट लगाया. इस यूनिट में काम कर रहे प्रवासी श्रमिक जैनुद्दीन अंसारी दिल्ली की निजी कम्पनी में ट्रैक शूट तैयार करने का काम किया करते थे. लेकिन लॉक डाउन लगने के बाद घर आ गये. जिला प्रशासन हमें गृह जिले में ही रोजगार उपलब्ध कराया है. इससे हम खुश हैं लेकिन यहां पर चाइनीज मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
गिर रही है भारत की अर्थव्यवस्था
सरकारी योजनाओं में चाइनीज मशीन का इस्तेमाल किये जाने का मामला सामने आने पर जिले में सियासत तेज हो गई है. सदर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार की दोगली नीति के कारण भारत की अर्थव्यवस्था दिन-प्रतिदिन गिरती जा रही है. जब देश में चुनाव आता है, तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाइना का नाम लेकर राजनीति करते है. होली, दीपावली में चाइनीज सामान का बहिष्कार करने की बात कहकर करोड़ों रूपये के सामान तोड़वाते हैं. आज सरकारी योजनाओं में ही चाइनीज सामान का उपयोग किया जा रहा है, इससे साफ हो गया है कि पूंजीपतियो के हाथों में ही अर्थव्यवस्था का झोला थमा दिए हैं