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बक्सर: 20 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों का होगा निर्माण, प्ले स्कूल की तर्ज पर दी जायेगी शिक्षा

बक्सर में 20 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण होगा. इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण स्तर के बच्चों को प्ले स्कूल की तर्ज पर शिक्षा देना है.

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मॉडल आंगनबाड़ी
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Published : Nov 7, 2020, 5:41 PM IST

बक्सर: बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना के तहत संचालित जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा और दिशा बदलने लगी है. इस क्रम में आईसीडीसी विभाग के स्तर से आंगनबाड़ी केंद्रों को हाईटेक बनाया जा रहा है. इसके लिए विभाग ने जिले के 32 आंगनबाड़ी केंद्रों का चयन किया है. जिनको मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाना है.

युद्ध स्तर पर काम शुरू
इस क्रम में अब तक जिले के 12 केंद्रों को मॉडल बनाया जा चुका है. विभागीय जानकारी के अनुसार जिले निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शेष बचे आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल बनाने की दिशा में युद्ध स्तर पर काम शुरू किया जाएगा. इन आंगनबाड़ी केंद्र के भवनों में पेयजल और शौचालय की समुचित व्यवस्था होगी.

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मॉडल आंगनबाड़ी

प्ले स्कूल की तर्ज पर शिक्षा
बता दें योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण स्तर के बच्चों को प्ले स्कूल की तर्ज पर शिक्षा देना है. ताकि, वह बौधिक और मानसिक रूप से विकसित हो सके. आईसीडीएस की डीपीओ तरणी कुमारी ने बताया चयनित आंगनबाड़ी केंद्रों के मॉडल होने के बाद उनका लुक बदल जाएगा. केंद्रों में नामांकित बच्चों को आने वाले दिनों में खेल-खेल में ही पढ़ाया जा सकेगा.

सामग्री बांटने का सामान
मॉडल होने के बाद आंगनबाड़ी केंद्र में फर्नीचर, खाने की वस्तुएं, औजार, दवांइयां, सीखने-सिखाने का सामान, किताबें, खिलौने, संदेश और जानकारी की सामग्री बांटने का सामान आदि सुविधाएं उपलब्ध होंगी. जिसका लाभ आंगनबाड़ी केंद्र पर नामांकित बच्चों को मिलेगा.

इन केंद्रों पर होगा काम
जिन नए केंद्रों पर काम किया जाना है, उनमें चौसा परियोजना अंतर्गत केंद्र संख्या 20, इटाढ़ी परियोजना अंतर्गत केंद्र संख्या 116 और 87, डुमरांव परियोजना में केंद्र संख्या 27, 65 और 191, सिमरी परियोजना में केंद्र संख्या 158 और 51, चक्की स्थित केंद्र संख्या 33, नावानगर में केंद्र संख्या 102 और 105 को मॉडल बनाया जाएगा. इनके अलावा ब्रह्मपुर परियोजना के केंद्र संख्या 25 और 108 तथा चौगाईं और केसठ क्रमश: केंद्र संख्या 34 और 7 को मॉडल किया जाना है.

क्या कहते हैं अधिकारी
आईसीडीएस के डीसी महेंद्र कुमार ने बताया कि मॉडल तकनीकी के तहत 12 केंद्र का निर्माण कार्य पूरा कर उसे संचालित भी किया जा रहा है. ये सभी केंद्र छोटे बच्चों के समग्र विकास के लिए उनके शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास में सहायक होगा. उनके स्वस्थ्य जीवन में स्कूल पूर्व शिक्षा और पोषाहार का भी आधार है.

आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण
बच्चों के समग्र विकास के लिए प्ले स्कूल के तर्ज पर आंगनबाड़ी में बच्चों को सुविधा दी जाएगी. इसको लेकर जिले में 20 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण कराया जाना है. इन भवनों का निर्माण बाढ़ और भूकंप जैसी आपदाओं से बचाव को ध्यान में रखते हुए कराया जाएगा.

कोविड-19 के नियमों का पालन जरूरी :

  • घर से बाहर निकलते समय मास्क अवश्य पहने
  • अपने साथ अल्कोहलयुक्त हैंड सैनेटाइजर भी रख लें
  • लोगों से अवाश्यक दूरी बनाकर चले और मिले
  • समय-समय पर साबुन से अनिवार्य रूप से हाथ धोएं
  • बिना कारण भीड़-भाड़ ना जुटने दें और ना ही भीड़ में जाएं

बक्सर: बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना के तहत संचालित जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा और दिशा बदलने लगी है. इस क्रम में आईसीडीसी विभाग के स्तर से आंगनबाड़ी केंद्रों को हाईटेक बनाया जा रहा है. इसके लिए विभाग ने जिले के 32 आंगनबाड़ी केंद्रों का चयन किया है. जिनको मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाना है.

युद्ध स्तर पर काम शुरू
इस क्रम में अब तक जिले के 12 केंद्रों को मॉडल बनाया जा चुका है. विभागीय जानकारी के अनुसार जिले निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शेष बचे आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल बनाने की दिशा में युद्ध स्तर पर काम शुरू किया जाएगा. इन आंगनबाड़ी केंद्र के भवनों में पेयजल और शौचालय की समुचित व्यवस्था होगी.

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मॉडल आंगनबाड़ी

प्ले स्कूल की तर्ज पर शिक्षा
बता दें योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण स्तर के बच्चों को प्ले स्कूल की तर्ज पर शिक्षा देना है. ताकि, वह बौधिक और मानसिक रूप से विकसित हो सके. आईसीडीएस की डीपीओ तरणी कुमारी ने बताया चयनित आंगनबाड़ी केंद्रों के मॉडल होने के बाद उनका लुक बदल जाएगा. केंद्रों में नामांकित बच्चों को आने वाले दिनों में खेल-खेल में ही पढ़ाया जा सकेगा.

सामग्री बांटने का सामान
मॉडल होने के बाद आंगनबाड़ी केंद्र में फर्नीचर, खाने की वस्तुएं, औजार, दवांइयां, सीखने-सिखाने का सामान, किताबें, खिलौने, संदेश और जानकारी की सामग्री बांटने का सामान आदि सुविधाएं उपलब्ध होंगी. जिसका लाभ आंगनबाड़ी केंद्र पर नामांकित बच्चों को मिलेगा.

इन केंद्रों पर होगा काम
जिन नए केंद्रों पर काम किया जाना है, उनमें चौसा परियोजना अंतर्गत केंद्र संख्या 20, इटाढ़ी परियोजना अंतर्गत केंद्र संख्या 116 और 87, डुमरांव परियोजना में केंद्र संख्या 27, 65 और 191, सिमरी परियोजना में केंद्र संख्या 158 और 51, चक्की स्थित केंद्र संख्या 33, नावानगर में केंद्र संख्या 102 और 105 को मॉडल बनाया जाएगा. इनके अलावा ब्रह्मपुर परियोजना के केंद्र संख्या 25 और 108 तथा चौगाईं और केसठ क्रमश: केंद्र संख्या 34 और 7 को मॉडल किया जाना है.

क्या कहते हैं अधिकारी
आईसीडीएस के डीसी महेंद्र कुमार ने बताया कि मॉडल तकनीकी के तहत 12 केंद्र का निर्माण कार्य पूरा कर उसे संचालित भी किया जा रहा है. ये सभी केंद्र छोटे बच्चों के समग्र विकास के लिए उनके शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास में सहायक होगा. उनके स्वस्थ्य जीवन में स्कूल पूर्व शिक्षा और पोषाहार का भी आधार है.

आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण
बच्चों के समग्र विकास के लिए प्ले स्कूल के तर्ज पर आंगनबाड़ी में बच्चों को सुविधा दी जाएगी. इसको लेकर जिले में 20 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण कराया जाना है. इन भवनों का निर्माण बाढ़ और भूकंप जैसी आपदाओं से बचाव को ध्यान में रखते हुए कराया जाएगा.

कोविड-19 के नियमों का पालन जरूरी :

  • घर से बाहर निकलते समय मास्क अवश्य पहने
  • अपने साथ अल्कोहलयुक्त हैंड सैनेटाइजर भी रख लें
  • लोगों से अवाश्यक दूरी बनाकर चले और मिले
  • समय-समय पर साबुन से अनिवार्य रूप से हाथ धोएं
  • बिना कारण भीड़-भाड़ ना जुटने दें और ना ही भीड़ में जाएं
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