पटनाः बिहार के बक्सर जिले के कोरानसराय थाने में 70 वर्षीय जमुना सिंह की मौत (suicide of old man in police station in Buxar ) से इलाके में सनसनी है. कोपवां गांव के मृतक जमुना सिंह के मौत मामले में उनके पड़ोसी आईएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाॅ. सच्चिदानंद सिंह ने इसे मर्डर बताया है. उन्होंने कहा है कि मृतक जमुना सिंह ने आत्महत्या नहीं की है. कोरानसराय के दारोगा जुनैद आलम और DSP ने मिलकर उनकी हत्या की है. वैसे इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है. इसमें साफ दिख रहा है कि बुजुर्ग अपने हाथ से फंदा गला में डालकर पंखे लटक गए हैं.
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आईएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने लगाया हत्या का आरोपः IMA के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सचिदानंद सिंह ने इस घटना को पुलिसिया मर्डर बताया है. सचिदानंद सिंह ने बताया कि वह काफी मिलनसार स्वभाव के प्रतिष्ठित व्यक्ति थे. जब जुनैद आलम DSP के साथ गिरफ्तार करने मृतक के घर पहुंचा तो वहां भी मृतक जमुना सिंह को जलील किया. बुरी तरह से मारते-पीटते कोरानसराय थाने लाया और सरिस्ता (पुलिस लॉकअप) में बंद कर दिया. डॉ. सच्चिदानंद सिंह ने आगे बताया कि परिवार के अन्य सदस्यों पर भी मुकदमा होने के कारण मृतक से मिलने कोई नहीं गया. देर शाम लगभग 8 बजे जब जमुना सिंह की पतोहू खाने लेकर थाने पर पहुंची तो उसने देखा कि उसके ससुर सरिस्ता (पुलिस लॉकअप) में कराह रहे हैं. जैसे गंभीर चोटें उन्हें लगी हो. तब रात में ही वह एसएसपी से मिलने पहुंची और सारी बातों से अवगत कराया.
बहू ने एसपी से मिलकर जताई थी चिंताः सच्चिदानंद सिंह ने बताया की बक्सर एसपी नीरज कुमार सिंह मृतक की बहू को आश्वस्त किया कि उनके ससुर यानी जमुना सिंह पुलिस कस्टडी में सुरक्षित हैं. कुछ नहीं होगा. इसके बाद एसपी के इस आश्वासन पर मृतक की बहू संकोचित मन से घर लौट आई. अहले सुबह कोपवां गांव में हल्ला हुआ कि जमुना सिंह ने आत्महत्या कर ली है. इसके बाद आनन-फानन में मृतक के परिजन थाने पहुंचें. जहां उन्हें यह जानकारी मिली कि जमुना सिंह ने आत्महत्या कर ली है. इसके बाद मृतक के परिजनों में चीख-पुकार मच गई.
जुनैद आलम पर दर्ज कराएंगे प्राथमिकीः IMA के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सचिदानंद ने कहा है कि आरोपी दारोगा और DSP के ऊपर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. दोषियों के खिलाफ हम एकजुट होकर लड़ेंगे. मामूली बच्चों के विवाद में दारोगा ने झूठे SC-ST के मुकदमे करवाएं और लगभग 22 लोगों को नामजद आरोपी बना दिया. जबकि ये बच्चों का खेल-खेल में मामूली विवाद था. हालांकि गांव वालों का मानना है कि दारोगा जुनैद आलम झूठे केस में दोनों का नाम डालता है और फिर नाम हटाने के एवज में पैसे की वसूली करता है. इस घटना के बाद हर कोई दारोगा जुनैद आलम के रवैए से खफा है, और न्यायिक जांच के साथ कार्रवाई की मांग कर रहा है. बहरहाल लोगों के आक्रोश को देखते हुए एसपी ने थानाध्यक्ष जुनैद आलम को सस्पेंड कर दिया है और जांच टीम गठित करने का आश्वासन दिया गया है.
"जब जुनैद आलम DSP के साथ गिरफ्तार करने मृतक के घर पहुंचा तो वहां भी मृतक जमुना सिंह को जलील किया. बुरी तरह से मारते-पीटते कोरानसराय थाने लाया. यह आत्म हत्या नहीं हत्या है. आरोपी दारोगा और DSP के ऊपर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. दोषियों के खिलाफ हम एकजुट होकर लड़ेंगे" - डॉ. सच्चिदानंद, आईएमए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष