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चरमराई रेलवे की व्यवस्था! सिपाही भर्ती अभ्‍यर्थियों ने जान जोखिम में डालकर इंजन पर किया सफर - buxar

अभ्यर्थियों ने बताया कि ट्रेनों की कमी और भीड़ ज्यादा होने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर अभ्यर्थी दूर दराज से परीक्षा देने आए हैं और अगर समय से ट्रेन नहीं मिली तो घर पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. इस कारण जो ट्रेन पहले आ रही है उसी से जाना मजबूरी है.

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Published : Feb 2, 2020, 7:38 PM IST

बक्सर: परिवहन विभाग में चलंत दस्ता सिपाही भर्ती परीक्षा देकर लौटे अभ्‍यर्थियों की भीड़ से जिले के रेलवे स्टेशन पर की गई सभी व्‍यवस्‍था कुव्यवस्था में तब्दील हो गई. अभ्‍यर्थियों को ट्रेन में जहां जगह मिली, वहीं चढ़ गए. कुछ अभ्‍यर्थी तो जान जोखिम में डालकर ट्रेन की इंजन पर सवार हो गए. इससे एक तरफ जहां यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा. वहीं, किसी अनहोनी का डर भी बना रहा.

इंजन पर सफर करते नजर आए छात्र
केंद्रीय चयन पार्षद आयोग की ओर से परिवहन विभाग में चलंत दस्ता सिपाही भर्ती परीक्षा रविवार को आयोजित की गई. इस परीक्षा के लिए बक्सर जिला मुख्यालय में 12 केंद्र बनाए गए थे. वहीं, लगभग 7 हजार 397 अभ्यर्थियों ने पहली पाली में परीक्षा दी. अभ्यर्थियों ने ट्रेन के कोच से लेकर इंजन तक पर कब्जा जमा लिया. इस दौरान आरपीएफ और जीआरपी के अधिकारी से लेकर सिपाही तक मशक्कत करते नजर आए.

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इंजन पर छात्रों ने जमाया कब्जा

'जो ट्रेन पहले आ रही है उसी से जाना मजबूरी'
अभ्यर्थियों ने बताया कि ट्रेनों की कमी और भीड़ ज्यादा होने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर अभ्यर्थी दूर दराज से परीक्षा देने आए हैं और अगर समय से ट्रेन नहीं मिली तो घर पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. इस कारण जो ट्रेन पहले आ रही है उसी से जाना मजबूरी है.

इंजन पर सवार होकर यात्रा करते दिखे छात्र

जान जोखिम में डालकर सफर करते नजर आए छात्र
बता दें कि ये पहला मामला नहीं है ,जब किसी परीक्षा के बाद अभ्यर्थी जान जोखिम में डालकर सफर करते नजर आते हैं. इसके बाद भी कोई अनहोनी ना हो और अभ्यर्थी सही सलामत अपने गंतव्य तक पहुंच जाए, इसको लेकर रेलवे की तरफ से कोई खास प्लानिंग नहीं की जाती है.

बक्सर: परिवहन विभाग में चलंत दस्ता सिपाही भर्ती परीक्षा देकर लौटे अभ्‍यर्थियों की भीड़ से जिले के रेलवे स्टेशन पर की गई सभी व्‍यवस्‍था कुव्यवस्था में तब्दील हो गई. अभ्‍यर्थियों को ट्रेन में जहां जगह मिली, वहीं चढ़ गए. कुछ अभ्‍यर्थी तो जान जोखिम में डालकर ट्रेन की इंजन पर सवार हो गए. इससे एक तरफ जहां यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा. वहीं, किसी अनहोनी का डर भी बना रहा.

इंजन पर सफर करते नजर आए छात्र
केंद्रीय चयन पार्षद आयोग की ओर से परिवहन विभाग में चलंत दस्ता सिपाही भर्ती परीक्षा रविवार को आयोजित की गई. इस परीक्षा के लिए बक्सर जिला मुख्यालय में 12 केंद्र बनाए गए थे. वहीं, लगभग 7 हजार 397 अभ्यर्थियों ने पहली पाली में परीक्षा दी. अभ्यर्थियों ने ट्रेन के कोच से लेकर इंजन तक पर कब्जा जमा लिया. इस दौरान आरपीएफ और जीआरपी के अधिकारी से लेकर सिपाही तक मशक्कत करते नजर आए.

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इंजन पर छात्रों ने जमाया कब्जा

'जो ट्रेन पहले आ रही है उसी से जाना मजबूरी'
अभ्यर्थियों ने बताया कि ट्रेनों की कमी और भीड़ ज्यादा होने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर अभ्यर्थी दूर दराज से परीक्षा देने आए हैं और अगर समय से ट्रेन नहीं मिली तो घर पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. इस कारण जो ट्रेन पहले आ रही है उसी से जाना मजबूरी है.

इंजन पर सवार होकर यात्रा करते दिखे छात्र

जान जोखिम में डालकर सफर करते नजर आए छात्र
बता दें कि ये पहला मामला नहीं है ,जब किसी परीक्षा के बाद अभ्यर्थी जान जोखिम में डालकर सफर करते नजर आते हैं. इसके बाद भी कोई अनहोनी ना हो और अभ्यर्थी सही सलामत अपने गंतव्य तक पहुंच जाए, इसको लेकर रेलवे की तरफ से कोई खास प्लानिंग नहीं की जाती है.

Intro:परिवहन विभाग में चलंत दस्ता सिपाहि भर्ती परीक्षा के दौरान फिर दौड़ी अव्यवस्था की रेल,इंजन से लेकर दोनों डिब्बा के बीच मे सवार दिखे परीक्षार्थीBody:सिपाही भर्ती की परीक्षा खत्म होते ही अभ्यर्थियों में वापस जाने की दिखी होड़, डब्बों से लेकर ट्रेन के इंजन तक पर जमा लिया कब्जा।


बक्सर - परिवहन विभाग में चलंत दस्ता सिपाही की बहाली के लिए केंद्रीय चयन पार्षद सिपाही भर्ती द्वारा रविवार को प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की गई। इसके लिए बक्सर जिला मुख्यालय में 12 केंद्र बनाए गए थे। लगभग 7 हजार 397 अभ्यर्थियों ने पहली पाली में परीक्षा दी।

खास बात यह रही कि परीक्षा समाप्ति के बाद वापस लौटने के लिए अभ्यर्थियों में आपाधापी की स्थिति रही। बक्सर रेलवे स्टेशन पर पहुँचे अभ्यर्थियों ने ट्रेनों पर जान जोखिम में डालकर सफर किया। अभ्यर्थियों ने ट्रेन के कोच से लेकर इंजन तक पर कब्जा जमा लिया। इस दौरान आरपीएफ और जीआरपी के अधिकारी से लेकर सिपाही तक मशक्कत करते नजर आए। लाख समझने के वावजूद भी अभ्यर्थी जान जोखिम में डालकर ट्रेनों पर सफर करते नजर आए।

अभ्यर्थियों का कहना था कि ट्रेनों की कमी और भीड़ ज्यादा होने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर अभ्यर्थी दूर दराज से परीक्षा देने आए हैं और अगर समय से ट्रेन नहीं मिली तो घर पहुचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। लिहाजा जो ट्रेन पहले आ रही है उसी से जाना मजबूरी है।

दरअसल यह पहला मामला नही है ,जब किसी परीक्षा के बाद अभ्यर्थी जान जोखिम में डालकर सफर करते नजर आते हैं , उसके बाद भी कोई अनहोनी न हो और अभ्यर्थी सही सलामत अपने गंतव्य तक पहुच जाए इसको लेकर रेलवे की तरफ से कोई खास प्लानिंग नहीं दिखती। यह अलग बात है कि इस दौरान पुलिस के अधिकारी और जवान मशक्कत करते जरूर नजर आ जाते हैं।

बहरहाल एक कहावत है दुर्घटना से देर भली। अगर अभ्यर्थी इस कहावत को याद कर लें तो उन्हें खतरों से भरा सफर करने की नौबत नहीं आएगी। क्योकि जीवन अनमोल है और जान जोखिम में डालकर सफर करना किसी भी तरीके से फायदेमंद नहीं हैConclusion:
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