ETV Bharat / state

बक्सर: फसल की कटाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना जरूरी

बक्सर में फसल की कटाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना जरूरी है. बता दें कि किसानों को संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए कई गाइडलाइंस जारी किये गये हैं.

buxar
फसल की कटाई
author img

By

Published : Nov 2, 2020, 8:03 PM IST

बक्सर: धान का कटोरा कहे जाने वाले बक्सर जिले में लहलहाती धान की फसल पक चुकी है. ऐसे में किसान अपनी सुविधा के अनुसार फसलों की कटाई शुरू करने की तैयारी में हैं. जिले के कुछ इलाकों में फसलों की कटनी शुरू भी हो चुकी है. लेकिन कोरोना काल में किसानों को संक्रमण के खतरे को देखते हुए बचाव के साथ कटनी का काम करना होगा.

बचाव के लिए गाइडलाइंस जारी
स्वास्थ्य विभाग और कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को जागरूक करने में लगे हुये हैं. कृषि विभाग ने जिले के सभी किसान सलाहकारों को अपने-अपने क्षेत्रों में किसानों को जागरूक करने का जिम्मा दिया है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने किसानों को संक्रमण के खतरे से बचाव के लिए कई गाइडलाइंस जारी किया है.

क्या कहते हैं किसान
इसके माध्यम से किसान और कृषि मजदूर संक्रमण से बच सकते हैं. राजपुर प्रखण्ड स्थित धनसोई के किसान गोपाल कृष्ण सिन्हा और रमेश कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन्स की पूरी जानकारी है. लेकिन कटनी के दौरान खेतों में काम करने के लिए मजदूरों को एक-दूसरे की मदद करनी होती है.

कटनी में हार्वेस्टर की मदद
यदि मास्क का प्रयोग किया भी जाए, तो शारीरिक दूरी का पालन कराना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. ऐसे में कभी-कभार नियमों का उल्लंघन भी होता है. दूसरी ओर धान के फसल की कटनी में हार्वेस्टर की भी मदद ली जाती है. जिसके लिए दूसरे राज्यों से आए हुए चालक और मजदूर आते हैं और संक्रमण का खतरा बना रहता है.

हालांकि पिछले सीजन में गेहूं की कटनी के दौरान विभाग के जारी निर्देशों और नियमों का पालन करते हुए कृषि कार्यों को पूरा किया गया था. उसी प्रकार इस बार भी नियमों का पालन किया जाएगा. सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया कि जिले के सभी किसानों के लिए कोविड-19 के लिए बनाए गए नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है.

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
विभागीय दिशा-निर्देशों के मुताबिक फसल कटाई यथा संभव मशीन चलित उपकरणों से करें. हाथ से चलने वाले उपकरण काम में लेने पर उपकरणों को दिन में कम से कम तीन बार साबुन के पानी से कीटाणु रहित करें. किसान फसल कटाई में सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) की सख्ती से पालन करें. साथ ही खेत में फसल काटने और खाना खाते समय एक व्यक्ति से दूसरे के बीच कम से कम दो मीटर की दूरी रखें.

उपकरण को रखें अलग
खाने के बर्तन अलग-अलग रखें औऱ प्रयोग के बाद साबुन के पानी से अच्छी तरह साफ करें. काम में लिए जाने वाले उपकरण अलग रखें. जिला कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. राम केवल ने बताया कि कटनी के दौरान नियमों का पालन करना जरूरी है. इस दौरान सभी व्यक्ति अपनी अलग-अलग पानी की बोतल रखें और मुंह पर मास्क का प्रयोग करें.

पर्याप्त मात्रा में पानी
खेत में पर्याप्त मात्रा में पानी और साबुन की व्यवस्था रखें. फसल कटाई के दौरान एक व्यक्ति की ओर से काम में लिए जाने वाले उपकरणों को दूसरा व्यक्ति कतई काम में नहीं लें. कटाई करने वाले सभी व्यक्ति अपने-अपने उपकरण ही काम में लें.

साबुन से हाथों की सफाई
साथ ही, कटाई के दौरान बीच-बीच में अपने हाथों को साबुन के पानी से अच्छी तरह साफ करते रहें. उन्होंने बताया कि फसल कटाई कार्य अवधि में पहले दिन पहने कपड़े दूसरे दिन काम में ना लें. काम में लिए कपड़ों को अच्छी तरह धोकर धूप में सुखाने के पश्चात ही पुनः काम में लें.

बक्सर: धान का कटोरा कहे जाने वाले बक्सर जिले में लहलहाती धान की फसल पक चुकी है. ऐसे में किसान अपनी सुविधा के अनुसार फसलों की कटाई शुरू करने की तैयारी में हैं. जिले के कुछ इलाकों में फसलों की कटनी शुरू भी हो चुकी है. लेकिन कोरोना काल में किसानों को संक्रमण के खतरे को देखते हुए बचाव के साथ कटनी का काम करना होगा.

बचाव के लिए गाइडलाइंस जारी
स्वास्थ्य विभाग और कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को जागरूक करने में लगे हुये हैं. कृषि विभाग ने जिले के सभी किसान सलाहकारों को अपने-अपने क्षेत्रों में किसानों को जागरूक करने का जिम्मा दिया है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने किसानों को संक्रमण के खतरे से बचाव के लिए कई गाइडलाइंस जारी किया है.

क्या कहते हैं किसान
इसके माध्यम से किसान और कृषि मजदूर संक्रमण से बच सकते हैं. राजपुर प्रखण्ड स्थित धनसोई के किसान गोपाल कृष्ण सिन्हा और रमेश कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन्स की पूरी जानकारी है. लेकिन कटनी के दौरान खेतों में काम करने के लिए मजदूरों को एक-दूसरे की मदद करनी होती है.

कटनी में हार्वेस्टर की मदद
यदि मास्क का प्रयोग किया भी जाए, तो शारीरिक दूरी का पालन कराना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. ऐसे में कभी-कभार नियमों का उल्लंघन भी होता है. दूसरी ओर धान के फसल की कटनी में हार्वेस्टर की भी मदद ली जाती है. जिसके लिए दूसरे राज्यों से आए हुए चालक और मजदूर आते हैं और संक्रमण का खतरा बना रहता है.

हालांकि पिछले सीजन में गेहूं की कटनी के दौरान विभाग के जारी निर्देशों और नियमों का पालन करते हुए कृषि कार्यों को पूरा किया गया था. उसी प्रकार इस बार भी नियमों का पालन किया जाएगा. सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया कि जिले के सभी किसानों के लिए कोविड-19 के लिए बनाए गए नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है.

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
विभागीय दिशा-निर्देशों के मुताबिक फसल कटाई यथा संभव मशीन चलित उपकरणों से करें. हाथ से चलने वाले उपकरण काम में लेने पर उपकरणों को दिन में कम से कम तीन बार साबुन के पानी से कीटाणु रहित करें. किसान फसल कटाई में सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) की सख्ती से पालन करें. साथ ही खेत में फसल काटने और खाना खाते समय एक व्यक्ति से दूसरे के बीच कम से कम दो मीटर की दूरी रखें.

उपकरण को रखें अलग
खाने के बर्तन अलग-अलग रखें औऱ प्रयोग के बाद साबुन के पानी से अच्छी तरह साफ करें. काम में लिए जाने वाले उपकरण अलग रखें. जिला कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. राम केवल ने बताया कि कटनी के दौरान नियमों का पालन करना जरूरी है. इस दौरान सभी व्यक्ति अपनी अलग-अलग पानी की बोतल रखें और मुंह पर मास्क का प्रयोग करें.

पर्याप्त मात्रा में पानी
खेत में पर्याप्त मात्रा में पानी और साबुन की व्यवस्था रखें. फसल कटाई के दौरान एक व्यक्ति की ओर से काम में लिए जाने वाले उपकरणों को दूसरा व्यक्ति कतई काम में नहीं लें. कटाई करने वाले सभी व्यक्ति अपने-अपने उपकरण ही काम में लें.

साबुन से हाथों की सफाई
साथ ही, कटाई के दौरान बीच-बीच में अपने हाथों को साबुन के पानी से अच्छी तरह साफ करते रहें. उन्होंने बताया कि फसल कटाई कार्य अवधि में पहले दिन पहने कपड़े दूसरे दिन काम में ना लें. काम में लिए कपड़ों को अच्छी तरह धोकर धूप में सुखाने के पश्चात ही पुनः काम में लें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.