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बक्सर जेल में कैदियों के लिए स्वरोजगार की ट्रेनिंग, बाहर आने पर बैंक देगा ऋण - बक्सर केंद्रीय कारा

बक्सर सेंट्रल जेल में स्वरोजगार का प्रशिक्षण (Self employment training in Buxar Central Jail) दिया जा रहा है. सजा भुगत रहे 35 कैदियों के प्रथम बैच को गौ पालन और केंचुए से खाद निर्माण करने की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि जेल से बाहर आने के बाद उनकी जीवन शैली में बदलाव आ सके.

Buxar Central Jail
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Published : Nov 1, 2022, 7:02 AM IST

बक्सर: केंद्रीय कारा में सजा भुगत रहे बंदियों के जेल से बाहर निकलने के बाद उन्हें पुनः समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए बक्सर केंद्रीय कारा (Buxar Central Jail) प्रशासन की ओर से नायाब पहल शुरू की गई है. जिसके तहत 35 कैदियों के प्रथम बैच को गौ-पालन और केंचुआ खाद निर्माण का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया. प्रशिक्षण प्राप्त बंदियों को जेल से बाहर निकलने पर बैंक के द्वारा ऋण भी प्राप्त होगा.

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कैदियो को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार की नई पहल: जेल में सजा भुगत रहे कैदियों को अपराध की दुनिया से निकालकर समाज के मुख्यधारा में लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई तरह की योजना शुरू की गई है. सजा पूरी कर जेल से बाहर आने के बाद सामान्य व्यक्ति की तरह वह स्वरोजगार कर सके. इसके लिए लिए ऋण उपलब्ध कराने से लेकर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने की व्यवस्था भी सरकार की ओर से की जा रही है, ताकि उनकी जीवन शैली में बदलाव आ सके.


35 कैदियों के प्रथम बैच का प्रशिक्षण: इस कार्यक्रम का शुभारंभ पंजाब नेशनल बैंक के अग्रणी बैंक प्रबंधक जेके वर्मा के द्वारा किया गया. कार्यक्रम में आरसेटी के निदेशक मनीष दूबे, अग्रणी बैंक प्रबंधक कार्यालय के अनिल कुमार एवं प्रशिक्षक आराधना और कारा प्रशासन की तरफ से अधीक्षक राजीव कुमार, उपाधीक्षक त्रिभुवन सिंह, सहायक अधीक्षक अभिषेक आनंद एवं शिव सागर समेत कई कारा कर्मी मौजूद रहे. इस दौरान बताया गया कि प्रशिक्षण के क्रम में बंदियों को सरकार के द्वारा अटल पेंशन योजना और बीमा योजना का भी लाभ प्राप्त हो सकता है.

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बक्सर: केंद्रीय कारा में सजा भुगत रहे बंदियों के जेल से बाहर निकलने के बाद उन्हें पुनः समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए बक्सर केंद्रीय कारा (Buxar Central Jail) प्रशासन की ओर से नायाब पहल शुरू की गई है. जिसके तहत 35 कैदियों के प्रथम बैच को गौ-पालन और केंचुआ खाद निर्माण का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया. प्रशिक्षण प्राप्त बंदियों को जेल से बाहर निकलने पर बैंक के द्वारा ऋण भी प्राप्त होगा.

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कैदियो को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार की नई पहल: जेल में सजा भुगत रहे कैदियों को अपराध की दुनिया से निकालकर समाज के मुख्यधारा में लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई तरह की योजना शुरू की गई है. सजा पूरी कर जेल से बाहर आने के बाद सामान्य व्यक्ति की तरह वह स्वरोजगार कर सके. इसके लिए लिए ऋण उपलब्ध कराने से लेकर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने की व्यवस्था भी सरकार की ओर से की जा रही है, ताकि उनकी जीवन शैली में बदलाव आ सके.


35 कैदियों के प्रथम बैच का प्रशिक्षण: इस कार्यक्रम का शुभारंभ पंजाब नेशनल बैंक के अग्रणी बैंक प्रबंधक जेके वर्मा के द्वारा किया गया. कार्यक्रम में आरसेटी के निदेशक मनीष दूबे, अग्रणी बैंक प्रबंधक कार्यालय के अनिल कुमार एवं प्रशिक्षक आराधना और कारा प्रशासन की तरफ से अधीक्षक राजीव कुमार, उपाधीक्षक त्रिभुवन सिंह, सहायक अधीक्षक अभिषेक आनंद एवं शिव सागर समेत कई कारा कर्मी मौजूद रहे. इस दौरान बताया गया कि प्रशिक्षण के क्रम में बंदियों को सरकार के द्वारा अटल पेंशन योजना और बीमा योजना का भी लाभ प्राप्त हो सकता है.

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