बक्सर: बेलगाम महंगाई (Price Hike) के खिलाफ रविवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के कार्यकर्ताओं ने राज्य के विभिन्न प्रखंड मुख्यालयों में साइकिल, बैलगाड़ी और रसोई गैस सिलेंडर लेकर विरोध में प्रदर्शन (RJD Protest) किया. इसी कड़ी में सोमवार को बिहार के बक्सर जिला में राजद के कार्यकर्ता, किसान और महिलाओं ने सड़क पर उतर कर इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान लोगों ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए पीएम मोदी को उनके चुनावी वादों की याद दिलायी.
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देश में बढ़ती महंगाई को लेकर हर कोई परेशान है. राजनीतिक पार्टियां सियासत करने में लगी हुई है. तो आम जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके चुनावी वादे याद दिलाने की कोशिश कर रही है. पैसे के अभाव में किसान खेतों की रोपनी नहीं कर पा रहे हैं तो किचन संभाल रही महिलाएं गैस सिलेंडर बेचकर लकड़ी की खरीदारी कर खाना बना रही है.
"पीएम नरेंद्र मोदी ने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया. ना तो वह महंगाई रोकने में सफल हुए और ना ही बेरोजगारों के खाते में 15 लाख आया. नौकरी की चाह में बैठे बेरोजगार युवाओं की फौज दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रहा है. लेकिन मोदी जी 2 करोड़ नौजवानों को नौकरी देने की जुमलाबाजी करने में व्यस्त हैं. इस महंगाई के खिलाफ राजद कार्यकर्ता सड़क से सदन तक विरोध प्रदर्शन करता रहेगा."- शेषनाथ सिंह, राजद जिलाध्यक्ष
"पीएम ने अपने चुनाव में अच्छे दिन का वादा किया था. जिसका परिणाम यह है कि 500 रुपये का गैस सिलेंडर अब 1 हजार रुपये में मिल रहा है. इससे अच्छे दिन क्या हो सकते हैं. पहले उज्जवला योजना के तहत महिलाओं को फ्री में गैस सिलेंडर कनेक्शन दिया. उसके बाद गैस की कीमत बढ़ाकर ब्याज समेत पैसों की वसूली कर ली. आज आधी आबादी गैस सिलेंडर को बेचकर, लकड़ी की खरीदारी कर रही है और मिट्टी के चूल्हे पर खाना बना रही है."- महिला, प्रदर्शनकारी
राजद के विरोध में शामिल होने पहुंचे जिला के किसानों ने बताया कि, सावन महीने की शुरुआत होने वाली है. लेकिन अभी तक धान की रोपनी नहीं हो पाई है. ना तो नहरों में पानी है और ना ही किसानों को बिजली मिल पा रहा है. डीजल की कीमत इतनी ज्यादा है कि डीजल इंजन से खेती कर पाना संभव ही नहीं है.
"2014 के लोकसभा चुनाव से पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह वादा किया था कि किसानों की आमदनी दोगुनी होगी. लेकिन आज किसानों के गेहूं और चावल की कीमत मात्र 1200 रुपये क्विंटल मिल रहा है. वहीं, खेत में काम करने वाला मजदूर एक दिन की मजदूरी 600 रुपये मांग रहा है. ऐसे में किसान खेतों की रोपनी कैसे करेंगे."- किसान
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