बक्सर: बिहार की सियासत में एक बार फिर सीमांचल के स्कूल में जुमे की छुट्टियों का मुद्दा (Weekly holiday in seemanchal school in bihar) गरमा गया है. किशनगंज जिले में स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी रहने के मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है. सोशल मीडिया पर इसे लेकर सियासी बयानबाजी का दौर जारी है. जदयू नेता उपेन्द्र कुशवाह के बयान के बाद अब बीजेपी के कई फायर ब्रांड नेताओ ने भी अब कमान संभाल लिया है. वहीं राजद के नेताओं ने भी बीजेपी पर चौतरफा हमला शुरू कर दिया है. इस कड़ी में दो दिवसीय दौरे पर बक्सर पहुंचे राजद नेता भाई बीरेंद्र ने बीजेपी नेताओं पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी के नेता अंग्रेजों के दलाल हैं. स्कूल की आड़ में सियासी रोटी सेकने में लगे हुए है.
ये भी पढ़ें- बिहार के स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी : बोले गुलाम रसूल बलियावी- 'इसमें गलत क्या?'
'आजादी के लड़ाई में बीजेपी के नेताओं की कोई भूमिका नहीं थी और ये लोग अंग्रेजों के दलाल थे, देश में जो बीजेपी एवं आरएसएस के नेता हिन्दू-मुसलमान करके देश का सौहार्द बिगाड़ना चाहते हैं. वह गोडसे के खनदान के हैं. जिन्हें देश की महंगाई और बेरोजगारी नहीं दिखती है'- भाई बीरेन्द्र, आरजेडी नेता
भाई बीरेंद्र के बयान पर बीजेपी तमतमाई: राजद नेता भाई बीरेंद्र के बयान पर पलटवार करते हुए, बीजेपी जिलाध्यक्ष माधुरी कुंवर ने कहा कि भाई बीरेंद्र का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. उन्हें इलाज की जरूरत है. देश में रविवार की छुट्टी बीजेपी के नेताओं ने घोषित नहीं किया था. जब जुमे की नमाज के लिए शुक्रवर की छुट्टी सही है. तो फिर हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए सभी स्कूलों में मंगलवार को सरकारी छुट्टी होनी चाहिए. धर्म की आड़ में देश के अंदर गृह युद्ध कराने की तैयारी चल रही है, जिसे बीजेपी सफल नहीं होने देगी.
गौरतलब है कि जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के एक ट्वीट ने भूचाल ला दिया है. उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा है कि उर्दू विद्यालयों में छुट्टी- वाकई जरूरी मुद्दा है या अनावश्यक विवाद बनाने की कोशिश. छुट्टी पर आपत्ति करने वाले महानुभावों, आप सभी को पता तो होना चाहिए कि शुक्रवार को सिर्फ उर्दू विद्यालयों में ही अवकाश नहीं होता है, संस्कृत महाविद्यालयों में भी प्रत्येक महीना के प्रतिपदा और अष्टमी को छुट्टी रहती है. नहीं मालूम है तो संस्कृत विश्वविद्यालय के इस कैलेंडर का अवलोकन कर अपना ज्ञान बढाईए, जिसके बाद बीजेपी के कई फायर ब्रांड नेताओं ने कामन संभाल लिया.