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चुनावी घंटी बजते ही नेताओं की बढ़ी बेचैनी, लगा रहे पटना और दिल्ली की दौड़

चुनाव की तिथि का ऐलान होने के बाद भी अब तक किसी भी पार्टी ने टिकट का बंटवारा नहीं किया है और ना ही गठबंधन में सीट शेयरिंग पर कोई वार्ता की है. जिसके कारण चुनाव लड़ने का दावा करने वाले सभी दावेदार, विधानसभा क्षेत्र छोड़कर पटना एवं दिल्ली में नेताओं के दरवाजे खटखटा रहे हैं.

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Published : Sep 27, 2020, 5:21 PM IST

बक्सरः 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव की घंटी बज चुकी है. तीन चरणों में बिहार में विधानसभा चुनाव होना तय हो गया है. पहले चरण में बक्सर जिले के चारों विधानसभा सीट पर चुनाव होगा. जिला निर्वाचन पदाधिकारी की ओर से एक अक्टूबर से लेकर 8 अक्टूबर तक उम्मीदवारों के नॉमिनेशन करने की तिथि घोषित की गई है. 9 अक्टूबर को स्क्रूटनी होगी. जबकि 12 अक्टूबर तक कोई भी प्रत्याशी अपने नाम को वापस ले सकते हैं. 28 अक्टूबर को पहले चरण के लिए मतदान होगा और 10 नवंबर को मतगणना की तिथि निर्धारित की गई है.

प्राचीन साहित्य एवं पौराणिक ग्रंथों में भी बक्सर की है चर्चा
ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी बक्सर का काफी महत्व है. उत्तरायणी गंगा के तट पर बसे हुए बक्सर शहर को मिनी काशी के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि गौतम ऋषि ने अपने पत्नी अहिल्या को जब पत्थर हो जाने का श्राप दे दिया था, तो भगवान राम ने यहीं पर उद्धार किया था. बक्सर से 6 किलोमीटर दूर इस जगह को अहरौली के नाम से जाना जाता है. इस ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए, जिला में मतदान प्रतिशत बढ़ाने एवं महिलाओं को प्रेरित करने के लिए, जिला प्रशासन की ओर से गांव-गांव में अहिल्या मतदाता जागरुकता रथ लंबे समय से मतदाताओं को जागरूक करने के लिए घुमाया जा रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

क्या है स्थिति
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन की ओर से जारी किए गए आंकड़े के अनुसार कोरोना संक्रमण को देखते हुए, जिले में 1844 मतदान केंद्र बनाया गया है. जहां 12 लाख 43 हजार 718 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

नेता लगा रहे हैं दौड़
चुनाव की तिथि एलान होने के बाद भी अब तक किसी भी पार्टी ने टिकट का बंटवारा नहीं किया है और ना ही गठबंधन में सीट शेयरिंग पर कोई वार्ता की है. जिसके कारण चुनाव लड़ने का दावा करने वाले सभी दावेदार, विधानसभा क्षेत्र छोड़कर पटना एवं दिल्ली में नेताओं के दरवाजे खटखटा रहे हैं. जिसके कारण पार्टी कार्यालय से लेकर शहर की सड़कें वीरान पड़ी है.

क्या कहते हैं राजद के विधायक
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र से एनडीए उम्मीदवार विवेक ठाकुर को लगभग 30 हजार मतों से पराजित कर, परचम लहराने वाले लालू प्रसाद यादव के सबसे करीबी विधायक शंभू यादव ने चुनाव की तिथि ऐलान होने के बाद कहा कि यह चुनाव पूरे देश की दिशा और दशा तय करेगी. क्योकि इस चुनाव में यह पता चल जाएगा कि किस पार्टी में कितना दम है.

गौरतलब है कि बक्सर जिले का ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र में समस्याओं का अंबार है. जब भी विधायक से विकास नहीं करने का सवाल पूछा जाता है तो इसका जिम्मेदार नीतीश कुमार को बता कर, समस्याओं से मुंह मोड़ लेते हैं.

बक्सरः 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव की घंटी बज चुकी है. तीन चरणों में बिहार में विधानसभा चुनाव होना तय हो गया है. पहले चरण में बक्सर जिले के चारों विधानसभा सीट पर चुनाव होगा. जिला निर्वाचन पदाधिकारी की ओर से एक अक्टूबर से लेकर 8 अक्टूबर तक उम्मीदवारों के नॉमिनेशन करने की तिथि घोषित की गई है. 9 अक्टूबर को स्क्रूटनी होगी. जबकि 12 अक्टूबर तक कोई भी प्रत्याशी अपने नाम को वापस ले सकते हैं. 28 अक्टूबर को पहले चरण के लिए मतदान होगा और 10 नवंबर को मतगणना की तिथि निर्धारित की गई है.

प्राचीन साहित्य एवं पौराणिक ग्रंथों में भी बक्सर की है चर्चा
ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी बक्सर का काफी महत्व है. उत्तरायणी गंगा के तट पर बसे हुए बक्सर शहर को मिनी काशी के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि गौतम ऋषि ने अपने पत्नी अहिल्या को जब पत्थर हो जाने का श्राप दे दिया था, तो भगवान राम ने यहीं पर उद्धार किया था. बक्सर से 6 किलोमीटर दूर इस जगह को अहरौली के नाम से जाना जाता है. इस ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए, जिला में मतदान प्रतिशत बढ़ाने एवं महिलाओं को प्रेरित करने के लिए, जिला प्रशासन की ओर से गांव-गांव में अहिल्या मतदाता जागरुकता रथ लंबे समय से मतदाताओं को जागरूक करने के लिए घुमाया जा रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

क्या है स्थिति
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन की ओर से जारी किए गए आंकड़े के अनुसार कोरोना संक्रमण को देखते हुए, जिले में 1844 मतदान केंद्र बनाया गया है. जहां 12 लाख 43 हजार 718 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

नेता लगा रहे हैं दौड़
चुनाव की तिथि एलान होने के बाद भी अब तक किसी भी पार्टी ने टिकट का बंटवारा नहीं किया है और ना ही गठबंधन में सीट शेयरिंग पर कोई वार्ता की है. जिसके कारण चुनाव लड़ने का दावा करने वाले सभी दावेदार, विधानसभा क्षेत्र छोड़कर पटना एवं दिल्ली में नेताओं के दरवाजे खटखटा रहे हैं. जिसके कारण पार्टी कार्यालय से लेकर शहर की सड़कें वीरान पड़ी है.

क्या कहते हैं राजद के विधायक
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र से एनडीए उम्मीदवार विवेक ठाकुर को लगभग 30 हजार मतों से पराजित कर, परचम लहराने वाले लालू प्रसाद यादव के सबसे करीबी विधायक शंभू यादव ने चुनाव की तिथि ऐलान होने के बाद कहा कि यह चुनाव पूरे देश की दिशा और दशा तय करेगी. क्योकि इस चुनाव में यह पता चल जाएगा कि किस पार्टी में कितना दम है.

गौरतलब है कि बक्सर जिले का ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र में समस्याओं का अंबार है. जब भी विधायक से विकास नहीं करने का सवाल पूछा जाता है तो इसका जिम्मेदार नीतीश कुमार को बता कर, समस्याओं से मुंह मोड़ लेते हैं.

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