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Buxar News: बक्सर में खनन अधिकारियों पर उठे सवाल, जब्त 45 ट्रकों में से सिर्फ 22 पर ही FIR क्यों? - etv bharat news

बक्सर में खनन विभाग के अधिकारियों ने बड़ा खेला कर दिया है. अवैध बालू से लदे जब्त 45 में से 23 ट्रक को रास्ते से ही छोड़ा दिया. इस बात की जानाकरी जिला प्रशासन के ही एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर दी है. कोर्ट से मिली एफआईआर की कॉपी से भी इस बात का खुलासा हुआ है.

बक्सर में खनन अधिकारियों पर उठे सवाल
बक्सर में खनन अधिकारियों पर उठे सवाल
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Published : Jun 3, 2023, 7:29 AM IST

बक्सर में खनन अधिकारियों पर उठे सवाल

बक्सरः बिहार के बक्सर में खनन पदाधिकारियों ने 18 मई की रात में लाल बालू के काला कारोबार में शामिल यूपी के बॉर्डर से 45 ट्रक को जब्त कर पूरे बिहार में हड़कंप मचा दिया था. अखबार से लेकर, टीवी और सोशल मीडिया में जब खबरे प्रमुखता से प्रकाशित हुई, तो 19 मई को खुद जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल, और एसपी मनीष कुमार बक्सर यूपी के बॉर्डर पर जांच करने पहुंच गए, हालांकि उन्हें खाली ही लौटना पड़ा. इसी बीच खनन विभाग के अधिकारियों ने लेन-देन कर 45 में से 23 ट्रक को छोड़ दिया और मात्र 22 पर ही एफआईआर दर्ज हुआ.

ये भी पढ़ेंः Buxar Crime News: बक्सर के रास्ते यूपी जा रहे बालू लदे 4 दर्जन ट्रक जब्त, ट्रांसपोर्टर्स में हड़कंप

अपने ही बयान के जाल में फंसे डिप्युटी कलेक्टरः डेप्युटी कलेक्टर सह प्रभारी जिला खनन पदाधिकारी से 18 मई की रात में जब मीडिया ने बालू लदे ट्रकों पर हुई कार्रवाई को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने बताया कि 45 से अधिक ट्रक को जब्त किया गया है. सभी का चालान बक्सर तक ही वैध था. उसके बाद भी ये लोग लाल बालू की तस्करी के लिए उतरप्रदेश में जा रहे थे, यूपी के बॉर्डर से सभी ट्रक को जब्त किया गया है. सभी को नया बाजार ले जाया जा रहा है. एफआईआर कर आगे की कार्रवाई की जाएगी जिसके बाद अखबार से लेकर टीवी एवं सोशल मीडिया में बयान के आधार पर कुल 45 ट्रकों पर कार्रवाई होने की खबर छपी और अगले दिन जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान खुद बॉर्डर पर जांच करने पहुंच गए लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा.

जिला प्रशासन के ही अधिकारी ने खोला राजः मीडिया में चल रहे 45 ट्रकों पर हुई कार्रवाई की खबर देख जिला प्रशासन के ही एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि बीच रास्ते से ही लेनदेन करके 23 ट्रक को छोड़ दिया गया है और मात्र 22 पर ही एफआईआर दर्ज किया गया है. बक्सर व्यवहार न्यायालय से जब एफआईआर की कॉपी निकाली गई, तो विभागीय अधिकारियो में हड़कम्प मच गया. प्रभारी खनन पदाधिकारी श्रेयांस तिवारी मेडिकल लिव पर चले गए और अधिकारी बचने के लिए तरह तरह के उपाय करने में जुट गए.

बालू को बना दिया कोयला और सीमेंटः इस सिलसिले में जब खनन निरीक्षक आकाश कुमार पांडे से पूछा गया कि प्रभारी खनन पदाधिकारी ने 45 ट्रकों को जब्त होने का बयान दिया था तो 22 पर ही एफआईआर क्यों दर्ज हुई. इस पर सफाई देते हुए उन्होंने बताया कि 22 गाड़ियां ही पकड़ी गई थी और 22 पर एफआईआर हुआ है. जब्त कर ले जाने के दौरान कुछ गाड़ियो के चालक वाहन लेकर भाग गए. अन्य गाड़ियों पर कोयला और सीमेंट लदा हुआ था. 22 ट्रकों पर एफआईआर करने के लिए मुझे दिया गया और हमने कर दिया. वरीय अधिकारी क्या कहते है उसका जवाब वही देंगे.

"22 गाड़ियां ही पकड़ी गई थी और 22 पर एफआईआर हुआ है. कुछ चालक वाहन लेकर भाग गए और कुछ पर कोयला और सीमेंट लदा हुआ था. 22 ट्रकों पर एफआईआर करने के लिए मुझे दिया गया था. अब वरीय अधिकारी ही इस पर जवाब देंगे"- आकाश कुमार, खनन इंस्पेक्टर

पकड़े गए ट्रक मालिको में भी आक्रोश: इस मामले को उजागर होने के बाद जिला में चर्चाओं का बाजार गर्म है. खनन विभाग के अधिकारी उस अधिकारी की तलाश करने में लगे हुए हैं, जिसने इस राज से पर्दा हटा दिया. वहीं पकड़े गए ट्रक मालिको में भी आक्रोश है कि अन्य लोगों को छोड़कर केवल उन पर ही एफआईआर क्यों की गई.

बक्सर में खनन अधिकारियों पर उठे सवाल

बक्सरः बिहार के बक्सर में खनन पदाधिकारियों ने 18 मई की रात में लाल बालू के काला कारोबार में शामिल यूपी के बॉर्डर से 45 ट्रक को जब्त कर पूरे बिहार में हड़कंप मचा दिया था. अखबार से लेकर, टीवी और सोशल मीडिया में जब खबरे प्रमुखता से प्रकाशित हुई, तो 19 मई को खुद जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल, और एसपी मनीष कुमार बक्सर यूपी के बॉर्डर पर जांच करने पहुंच गए, हालांकि उन्हें खाली ही लौटना पड़ा. इसी बीच खनन विभाग के अधिकारियों ने लेन-देन कर 45 में से 23 ट्रक को छोड़ दिया और मात्र 22 पर ही एफआईआर दर्ज हुआ.

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अपने ही बयान के जाल में फंसे डिप्युटी कलेक्टरः डेप्युटी कलेक्टर सह प्रभारी जिला खनन पदाधिकारी से 18 मई की रात में जब मीडिया ने बालू लदे ट्रकों पर हुई कार्रवाई को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने बताया कि 45 से अधिक ट्रक को जब्त किया गया है. सभी का चालान बक्सर तक ही वैध था. उसके बाद भी ये लोग लाल बालू की तस्करी के लिए उतरप्रदेश में जा रहे थे, यूपी के बॉर्डर से सभी ट्रक को जब्त किया गया है. सभी को नया बाजार ले जाया जा रहा है. एफआईआर कर आगे की कार्रवाई की जाएगी जिसके बाद अखबार से लेकर टीवी एवं सोशल मीडिया में बयान के आधार पर कुल 45 ट्रकों पर कार्रवाई होने की खबर छपी और अगले दिन जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान खुद बॉर्डर पर जांच करने पहुंच गए लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा.

जिला प्रशासन के ही अधिकारी ने खोला राजः मीडिया में चल रहे 45 ट्रकों पर हुई कार्रवाई की खबर देख जिला प्रशासन के ही एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि बीच रास्ते से ही लेनदेन करके 23 ट्रक को छोड़ दिया गया है और मात्र 22 पर ही एफआईआर दर्ज किया गया है. बक्सर व्यवहार न्यायालय से जब एफआईआर की कॉपी निकाली गई, तो विभागीय अधिकारियो में हड़कम्प मच गया. प्रभारी खनन पदाधिकारी श्रेयांस तिवारी मेडिकल लिव पर चले गए और अधिकारी बचने के लिए तरह तरह के उपाय करने में जुट गए.

बालू को बना दिया कोयला और सीमेंटः इस सिलसिले में जब खनन निरीक्षक आकाश कुमार पांडे से पूछा गया कि प्रभारी खनन पदाधिकारी ने 45 ट्रकों को जब्त होने का बयान दिया था तो 22 पर ही एफआईआर क्यों दर्ज हुई. इस पर सफाई देते हुए उन्होंने बताया कि 22 गाड़ियां ही पकड़ी गई थी और 22 पर एफआईआर हुआ है. जब्त कर ले जाने के दौरान कुछ गाड़ियो के चालक वाहन लेकर भाग गए. अन्य गाड़ियों पर कोयला और सीमेंट लदा हुआ था. 22 ट्रकों पर एफआईआर करने के लिए मुझे दिया गया और हमने कर दिया. वरीय अधिकारी क्या कहते है उसका जवाब वही देंगे.

"22 गाड़ियां ही पकड़ी गई थी और 22 पर एफआईआर हुआ है. कुछ चालक वाहन लेकर भाग गए और कुछ पर कोयला और सीमेंट लदा हुआ था. 22 ट्रकों पर एफआईआर करने के लिए मुझे दिया गया था. अब वरीय अधिकारी ही इस पर जवाब देंगे"- आकाश कुमार, खनन इंस्पेक्टर

पकड़े गए ट्रक मालिको में भी आक्रोश: इस मामले को उजागर होने के बाद जिला में चर्चाओं का बाजार गर्म है. खनन विभाग के अधिकारी उस अधिकारी की तलाश करने में लगे हुए हैं, जिसने इस राज से पर्दा हटा दिया. वहीं पकड़े गए ट्रक मालिको में भी आक्रोश है कि अन्य लोगों को छोड़कर केवल उन पर ही एफआईआर क्यों की गई.

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