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Bihar Education : हाजिरी बनाकर गायब हो जाते हैं शिक्षक, परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया तो मांगी माफी

बिहार के बक्सर में शिक्षकों की लापरवाही के विरोध में प्रदर्शन किया गया. अभिभावक अपने बच्चों के साथ शिक्षकों का विरोध जताया. लोगों का कहना है कि शिक्षक हाजिरी बनाकर गायब हो जाते हैं. इसी को लेकर प्रदर्शन किया गया. सूचना मिलने के बाद शिक्षक आनन-फानन में स्कूल पहुंचकर लोगों से माफी मांगी, इसके बाद लोग चेतावनी देते हुए शांत हुए. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : May 17, 2023, 5:49 PM IST

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बक्सर में शिक्षकों की लापरवाही के विरोध में प्रदर्शन

बक्सरः बिहार के बक्सर में शिक्षकों की मनमानी चरम पर है. आए दिन शिक्षक स्कूल से हाजिरी बनाकर गायब हो जाते हैं, जिसे छात्र-छात्राओं को परेशानी होती है. बुधवार को शिक्षकों की मनमानी के विरोध में अभिभावकों ने जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान स्कूल परिसर में अभिभावक और छात्र-छात्राओं की भीड़ लग गई. मामला जिले के वीर कुंवर सिंह मध्य विद्यालय का है, जहां शिक्षक हाजिरी बना कर गायब हो जाते हैं. सैकड़ों बार अधिकारियों से लिखित शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पाई है.

यह भी पढ़ेंः Shikshak Niyamawali 2023 का विरोध करने वाले स्थानीय निकाय के शिक्षकों पर होगी कार्रवाई: शिक्षा विभाग


घर पर आराम फरमाते हैं शिक्षकः परिजनों का आक्रोश को देख कर्मचारियों ने इसकी सूचना घर में आराम फरमा रहे सरकारी शिक्षकों को दी. जिसके बाद भागे-भागे सभी शिक्षक स्कूल में पहुंच परिजनों के सामने कान पकड़कर माफी मांगी, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करने की चेतावनी देकर स्कूल कैम्पस से निकल गए. अभिभावकों के जाने के बाद भी उनके गुस्से का असर स्कूल कर्मियों के चेहरे पर साफ झलक रही थी.


हर रोज विलंब से आते हैं शिक्षकः बच्चों के साथ स्कूल में पहुंचे अभिभावकों ने कहा कि कई महीने से शिक्षक हर रोज विलंब से आते हैं. हाजिरी बनाकर जल्द ही चले जाते हैं. ऐसे में बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित होता है. सरकारी स्कूल में गरीबों के बच्चे ही पढ़ते हैं. इसलिए सरकार भी राम भरोसे छोड़ देती है. मेहनत मजदूरी करते करते कई पीढियां गुजर गई. अब ये बच्चे भी नही पढ़ेंगे तो क्या इनको भी मजदूर बना दे. सरकार 50 हजार घर में बैठने के लिए वेतन दे रही है, हर बुधवार को अधिकारी जांच के लिए निकलते हैं, लेकिन आज तक एक भी शिक्षक पर कार्रवाई नहीं हुई.

बच्चे को पढ़ने में होती परेशानीः अपने 10 साल के बच्ची के साथ स्कूल पहुंची सरिता देवी ने बताया कि पिछले 10 सालों से तपती धूप और बरसात में सड़क पर सब्जी बेच बेचकर परिवार चलाने के साथ ही अपनी बच्ची को पढ़ा रही है. बच्ची से पूछती हूं कि स्कूल में क्या पढ़ाई हुई तो उसका एक ही जवाब रहता है. शिक्षक आएंगे तब तो पढूंगी. यदि स्कूलों में शिक्षा की हालत नहीं सुधरेगा तो ऐसे विद्यालयों को बंद कर देना चाहिए. सीमा देवी ने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री राजनीति करने और विवादित बयान देने का बजाए यदि स्कूल की व्यवस्था पर ध्यान देते तो हमारे बच्चे भी पढ़ सकते थे.


दो शिफ्ट में चलता है स्कूलः शहर के सोहनी पट्टी स्थित वीर कुंवर सिंह मध्य विद्यालय में दो शिफ्ट में पढ़ाई होती है. पहले शिफ्ट में सुबह से लेकर 8:30 बजे तक जबकि दूसरे शिफ्ट में गर्मी को देखते हुए 9:00 से 10:30 बजे तक विद्यालय का संचालन हो रहा है. जब दोनों शिफ्ट के बच्चे स्कूल से चले जाते हैं उसके बाद ही कई शिक्षक केवल हजिरी बनाने के लिए आते हैं. अभिभावक सुबह से ही स्कूल में बैठकर सबकुछ देखते रहते हैं. प्रधानाध्यापिका कुछ भी जबाव नहीं देती है. लोगों ने बताया कि शिक्षक प्रतिदिन ऐसा ही करते हैं.

"शिक्षकों के द्वारा काफी दिनों से ऐसा किया जा रहा है. कई बार उनकी शिकायत अधिकारियों से लिखित रूप में की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण अधिकांश शिक्षकों ने अब इसे अपने आदत में शामिल कर लिया. मैं तो विभाग को लिखित रूप से अवगत ही करा सकती हूं. राजनीतिक पैठ वाले लोग हैं, कार्रवाई नहीं होती है." -रंजू मिश्रा, प्रधानध्यापिका, स्थित वीर कुंवर सिंह मध्य विद्यालय

बक्सर में शिक्षकों की लापरवाही के विरोध में प्रदर्शन

बक्सरः बिहार के बक्सर में शिक्षकों की मनमानी चरम पर है. आए दिन शिक्षक स्कूल से हाजिरी बनाकर गायब हो जाते हैं, जिसे छात्र-छात्राओं को परेशानी होती है. बुधवार को शिक्षकों की मनमानी के विरोध में अभिभावकों ने जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान स्कूल परिसर में अभिभावक और छात्र-छात्राओं की भीड़ लग गई. मामला जिले के वीर कुंवर सिंह मध्य विद्यालय का है, जहां शिक्षक हाजिरी बना कर गायब हो जाते हैं. सैकड़ों बार अधिकारियों से लिखित शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पाई है.

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घर पर आराम फरमाते हैं शिक्षकः परिजनों का आक्रोश को देख कर्मचारियों ने इसकी सूचना घर में आराम फरमा रहे सरकारी शिक्षकों को दी. जिसके बाद भागे-भागे सभी शिक्षक स्कूल में पहुंच परिजनों के सामने कान पकड़कर माफी मांगी, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करने की चेतावनी देकर स्कूल कैम्पस से निकल गए. अभिभावकों के जाने के बाद भी उनके गुस्से का असर स्कूल कर्मियों के चेहरे पर साफ झलक रही थी.


हर रोज विलंब से आते हैं शिक्षकः बच्चों के साथ स्कूल में पहुंचे अभिभावकों ने कहा कि कई महीने से शिक्षक हर रोज विलंब से आते हैं. हाजिरी बनाकर जल्द ही चले जाते हैं. ऐसे में बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित होता है. सरकारी स्कूल में गरीबों के बच्चे ही पढ़ते हैं. इसलिए सरकार भी राम भरोसे छोड़ देती है. मेहनत मजदूरी करते करते कई पीढियां गुजर गई. अब ये बच्चे भी नही पढ़ेंगे तो क्या इनको भी मजदूर बना दे. सरकार 50 हजार घर में बैठने के लिए वेतन दे रही है, हर बुधवार को अधिकारी जांच के लिए निकलते हैं, लेकिन आज तक एक भी शिक्षक पर कार्रवाई नहीं हुई.

बच्चे को पढ़ने में होती परेशानीः अपने 10 साल के बच्ची के साथ स्कूल पहुंची सरिता देवी ने बताया कि पिछले 10 सालों से तपती धूप और बरसात में सड़क पर सब्जी बेच बेचकर परिवार चलाने के साथ ही अपनी बच्ची को पढ़ा रही है. बच्ची से पूछती हूं कि स्कूल में क्या पढ़ाई हुई तो उसका एक ही जवाब रहता है. शिक्षक आएंगे तब तो पढूंगी. यदि स्कूलों में शिक्षा की हालत नहीं सुधरेगा तो ऐसे विद्यालयों को बंद कर देना चाहिए. सीमा देवी ने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री राजनीति करने और विवादित बयान देने का बजाए यदि स्कूल की व्यवस्था पर ध्यान देते तो हमारे बच्चे भी पढ़ सकते थे.


दो शिफ्ट में चलता है स्कूलः शहर के सोहनी पट्टी स्थित वीर कुंवर सिंह मध्य विद्यालय में दो शिफ्ट में पढ़ाई होती है. पहले शिफ्ट में सुबह से लेकर 8:30 बजे तक जबकि दूसरे शिफ्ट में गर्मी को देखते हुए 9:00 से 10:30 बजे तक विद्यालय का संचालन हो रहा है. जब दोनों शिफ्ट के बच्चे स्कूल से चले जाते हैं उसके बाद ही कई शिक्षक केवल हजिरी बनाने के लिए आते हैं. अभिभावक सुबह से ही स्कूल में बैठकर सबकुछ देखते रहते हैं. प्रधानाध्यापिका कुछ भी जबाव नहीं देती है. लोगों ने बताया कि शिक्षक प्रतिदिन ऐसा ही करते हैं.

"शिक्षकों के द्वारा काफी दिनों से ऐसा किया जा रहा है. कई बार उनकी शिकायत अधिकारियों से लिखित रूप में की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण अधिकांश शिक्षकों ने अब इसे अपने आदत में शामिल कर लिया. मैं तो विभाग को लिखित रूप से अवगत ही करा सकती हूं. राजनीतिक पैठ वाले लोग हैं, कार्रवाई नहीं होती है." -रंजू मिश्रा, प्रधानध्यापिका, स्थित वीर कुंवर सिंह मध्य विद्यालय

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