बक्सर: बिहार के बक्सर में केंद्र की अग्निपथ योजना (Protest Again Agneepath Scheme In Buxar) के विरोध में एक बार फिर से चिंगारी सुलगने लगी है. सैन्य भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओ को नसीहत देते हुए कहा कि, जिसका पुत्र कभी सरहद की हिफाजत करने नहीं गया, वह अग्निवीर होने का फायदा बता रहे हैं, लेकिन जो अभ्यार्थी नियुक्ति पत्र आने का इंतजार कर रहे थे. उनकी परीक्षा को रद्द क्यों किया गया.
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बाजेपी कार्यालय का दरवान बनना नहीं है स्वीकार: सेना भर्ती की तैयारी (Agneepath Scheme in Indian Army) कर रहे अभ्यार्थी चंदू मिश्रा ने बताया कि, "दो साल पहले एनसीसी के माध्यम से हम लोगों का सिलेक्शन आर्मी में हुआ था. हम लोग नियुक्ति पत्र आने का इंतजार कर रहे थे. कि सरकार ने 14 जून को सैन्य भर्ती का नए नियम बनाकर हमारी परीक्षा को रद्द कर दिया और अब यह दलील दे रही है कि जो अग्निवीर होंगे, उन्हें भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में वरीयता के आधार पर दरवान की नौकरी दी जाएगी. अन्य नौकरी में आरक्षण दी जाएगी."
युवा सरहद की हिफाजत के लिए डृढ़ संकल्पित: सेना भर्ती कि तैयारी कर रहे युवा ने कहा कि, "जब बिहार पुलिस में ही जाना होता तो 6 वर्षों से सैन्य भर्ती की तैयारी में पसीने क्यों बहाते? ऐसे नेताओं पर हमें शर्म आती है कि सरहद की रक्षा करने वाले जवान को भारतीय जनता पार्टी और पूंजी पतियों के कार्यालय का दरवान बनाना चाहते हैं. हम देश की सरहदों की हिफाजत करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं. किसी भी सूरत में पूंजीपतियों के यहां दरवान की नौकरी नहीं करेंगे."
बीजेपी नेता पैदा कर रहे आतंकवादी: अग्निपथ योजना के विरोध कर रहे छात्रों के समर्थन में उतरे कांग्रेसी विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने कहा कि "भारतीय जनता पार्टी के नेता इस देश में आतंकवादी पैदा कर रहे हैं. धर्म और मजहब के नाम पर हिंदुओं को मुसलमानों से लड़ा रहे हैं. जो मुस्लिमों ने आजादी में अपनी कुर्बानी दी. उसके लिए आज आप हिंदु-मुस्लिम करते हैं. आने वाले समय में जब 2024 के लोकसभा चुनाव होंगे, तो बीजेपी के नेताओं को देश की जनता बताएगी. पूरा विपक्ष इन युवाओं के साथ है."
अग्निपथ योजना का विरोध: गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा 14 जून को सैन्य भर्ती के नए नियमावली को लागू कर अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई. जिसके विरोध में सबसे पहले बक्सर के युवाओं ने ही केंद्र सरकार के इस योजना का खुलकर विरोध किया और देखते ही देखते इस विरोध की चिंगारी पूरे देश में फैल गई. शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो गया. दर्जनों ट्रेनों में आग लगा दी गई. अब कई जगहों पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के आ रहे बयान के बाद एक बार फिर से विरोध की चिंगारी सुलगने लगी है.
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