बक्सरः नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ( Leader Of Opposition Tejashwi yadav ) के द्वारा दो-तीन महीने में सरकार गिराने का दावा करने वाले बयान के बाद बिहार में सियासत ( Politics In Bihar ) की आग जिलास्तर पर भी धधक रही है. तेजस्वी के इस बयान के बाद एनडीए ( Bihar NDA ) के नेता उनपर ही सवाल खड़ा करने लगे हैं. बक्सर के नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि राजद ( RJD ) में टूट के डर से तेजस्वी भागे-भागे आए हैं.
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"कोरोना काल में बिहार से भागे हुए तेजस्वी यादव 204 दिनों के बाद पटना लौटे हैं. लोजपा में हुई टूट को देखकर राजद को टूट से बचाने के लिए उन्होंने ये शिगूफा छोड़ा है. जब लोगों की मदद करनी चाहिए थी, तब बाहर थे और अब झांसा दे रहे हैं कि वे नेता के साथ बेटा भी हैं."- अशोक यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष
"तेजस्वी यादव मुंगेरी लाल बनने के सपने देख रहे हैं. उन्हें पहले खुद को बिहार में स्थायित्व देना चाहिए. सबसे जरुरी है कि कोरोना काल में कहां गायब थे, जनता को इसका दें. तेजस्वी बिहार बस इसलिए आए हैं कि उनकों उपमुख्यमंत्री की कुर्सी याद आने लगी है."- संतोष रंजन राय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजयुमो
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'दो-तीन महीने में गिर जाएगी सरकार'
बता दें कि दिल्ली से लौटने के बाद तेजस्वी यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र राघोपुर का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि चिंता नहीं कीजिए... दो-तीन महीने में एनडीए की सरकार गिर जाएगी. इसके बाद एनडीए के नेता तेजस्वी यादव पर हमलावर हो गए हैं
संजय जायसवाल ने भी साधा निशाना
तेजस्वी के सरकार गिराने वाले बयान पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि "उनके साथ दिक्कत ये है कि बेचारे न तो कोरोना काल के दौरान क्षेत्र में गए और न ही बाढ़ के दौरान. आने के बाद नहीं काम करने का एक झूठी सांत्वना दे रहे हैं. जो खुद कभी पथ निर्माण मंत्री रहे, आज उन्हें खुद ही नाव से अपने क्षेत्र में जाना पड़ रहा है. इससे यही पता चलता है कि बिहार में अगर उनकी सरकार आ गई होती तो क्या होता?
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