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मतदाताओं को गोलबंद करने में जुटी हैं पार्टियां, हिसाब के लिए जनता है तैयार - सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल

आरजेडी विधायक शंभू यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी तो सबसे पहले अफसरशाही को खत्म किया जाएगा.

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Published : Oct 12, 2020, 4:55 PM IST

बक्सरः बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले चरण के लिए 28 अक्टूबर को मतदान होगा. एनडीए के उम्मीदवार नीतीश कुमार के नाम पर तो महागठबंधन के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के सहारे अपनी चुनावी नैया को पार लगाने की कोशिश में लगे हुए हैं. वहीं क्षेत्र की जनता सरकार और जनप्रतिनिधियों के 2015 में किए गए वादों की लंबी सूची बनाकर पहले से तैयार है. जिले के ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र के 3 लाख 31 हजार 661 मतदाता 494 मतदान केंद्रों पर 15 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे.

क्षेत्र में है समस्याओं का अंबार
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल पहुंचाने का वादा किया था, लेकिन इस विधानसभा क्षेत्र में 222 ऐसे वार्ड है जहां सात निश्चय योजना के तहत एक भी वार्ड में नल जल का काम नहीं हुआ है. साल 2009 में बिहार सरकार के पीएचडी मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने सिमरी प्रखंड व ब्रह्मपुर प्रखंड के आर्सेनिक वाले इलाके में शुद्ध पेयजल की सप्लाई के लिए 100 करोड़ की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की घोषणा की थी, लेकिन 11 साल बाद भी यह योजना जमीन पर नहीं उतर पाई.

देखें रिपोर्ट

पगडंडियों के सहारे आवागमन करते हैं लोग
नीतीश सरकार ने हर घर नल का जल पहुंचाने का वादा चुनाव जितने के बाद पूरा नहीं किया. इससे मजबूरन आज भी ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र के लोग आर्सेनिक युक्त पानी पीने के लिए मजबूर हैं. इस इलाके में दर्जनों ऐसे गांव हैं जहां के लोग आज भी पगडंडियों के सहारे आवागमन करते हैं. गांव में अगर कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाए तो उसे खाट पर उठाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है. लोग मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन न इस ओर किसी ने ध्यान दिया और न ही अब तक समस्या का निदान हुआ.

अधिकारियों के दफ्तर के लगाने पड़ते हैं चक्कर
स्थानीय विधायक शंभू यादव ने बताया कि 2015 में जो महागठबंधन की सरकार बनी थी अगर वह बीच में टूटती तो इस इलाके की समस्या का समाधान निकल गया होता. उन्होंने कहा कि महागठबंधन से अलग होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी विधायकों के क्षेत्र में विकास का कोई काम नहीं होने दिया. शंभू यादव ने कहा कि आज हलात ये हैं कि वृद्धा पेंशन लेने के लिए ग्रामीणों को सैकड़ों बार अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं, लेकिन वह भी नहीं मिल पाता है.

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आरजेडी विधायक शंभू यादव

'अफसरशाही को खत्म करेगी महागठबंधन की सरकार'
आरजेडी विधायक ने कहा कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी तो सबसे पहले अफसरशाही को खत्म किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार चाहे जितनी भी कल्याणकारी योजना बना ले, लेकिन अधिकारियों की मनमानी की वजह से गरीबों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है. शंभू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के शासन में अफसरों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि वे जनता की बात सुनने के लिए तैयार ही नहीं .

मतदाताओं को गोलबंद करने में लगे नेता
गौरतलब है कि बिहार चुनाव 2020 को लेकर ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र के सभी 15 प्रत्याशी, वर्चुअल और एक्चुअल माध्यम से मतदाताओं को गोलबंद करने में लगे हुए हैं. महागठबंधन के उम्मीदवार की नजरे प्रवासी श्रमिकों पर तो वही एनडीए के सहयोगी वीआईपी पार्टी के उम्मीदवारों की आंखें आधी आबादी के वोट पर टिकी हुई हैं, लेकिन क्षेत्र की जनता इस बार पहले से ही हिसाब करने के लिए बैठी हुई है. इससे नेता क्षेत्र में कम और फेसबुक पर ज्यादा दिखाई दे रहे हैं.

बक्सरः बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले चरण के लिए 28 अक्टूबर को मतदान होगा. एनडीए के उम्मीदवार नीतीश कुमार के नाम पर तो महागठबंधन के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के सहारे अपनी चुनावी नैया को पार लगाने की कोशिश में लगे हुए हैं. वहीं क्षेत्र की जनता सरकार और जनप्रतिनिधियों के 2015 में किए गए वादों की लंबी सूची बनाकर पहले से तैयार है. जिले के ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र के 3 लाख 31 हजार 661 मतदाता 494 मतदान केंद्रों पर 15 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे.

क्षेत्र में है समस्याओं का अंबार
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल पहुंचाने का वादा किया था, लेकिन इस विधानसभा क्षेत्र में 222 ऐसे वार्ड है जहां सात निश्चय योजना के तहत एक भी वार्ड में नल जल का काम नहीं हुआ है. साल 2009 में बिहार सरकार के पीएचडी मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने सिमरी प्रखंड व ब्रह्मपुर प्रखंड के आर्सेनिक वाले इलाके में शुद्ध पेयजल की सप्लाई के लिए 100 करोड़ की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की घोषणा की थी, लेकिन 11 साल बाद भी यह योजना जमीन पर नहीं उतर पाई.

देखें रिपोर्ट

पगडंडियों के सहारे आवागमन करते हैं लोग
नीतीश सरकार ने हर घर नल का जल पहुंचाने का वादा चुनाव जितने के बाद पूरा नहीं किया. इससे मजबूरन आज भी ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र के लोग आर्सेनिक युक्त पानी पीने के लिए मजबूर हैं. इस इलाके में दर्जनों ऐसे गांव हैं जहां के लोग आज भी पगडंडियों के सहारे आवागमन करते हैं. गांव में अगर कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाए तो उसे खाट पर उठाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है. लोग मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन न इस ओर किसी ने ध्यान दिया और न ही अब तक समस्या का निदान हुआ.

अधिकारियों के दफ्तर के लगाने पड़ते हैं चक्कर
स्थानीय विधायक शंभू यादव ने बताया कि 2015 में जो महागठबंधन की सरकार बनी थी अगर वह बीच में टूटती तो इस इलाके की समस्या का समाधान निकल गया होता. उन्होंने कहा कि महागठबंधन से अलग होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी विधायकों के क्षेत्र में विकास का कोई काम नहीं होने दिया. शंभू यादव ने कहा कि आज हलात ये हैं कि वृद्धा पेंशन लेने के लिए ग्रामीणों को सैकड़ों बार अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं, लेकिन वह भी नहीं मिल पाता है.

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आरजेडी विधायक शंभू यादव

'अफसरशाही को खत्म करेगी महागठबंधन की सरकार'
आरजेडी विधायक ने कहा कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी तो सबसे पहले अफसरशाही को खत्म किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार चाहे जितनी भी कल्याणकारी योजना बना ले, लेकिन अधिकारियों की मनमानी की वजह से गरीबों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है. शंभू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के शासन में अफसरों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि वे जनता की बात सुनने के लिए तैयार ही नहीं .

मतदाताओं को गोलबंद करने में लगे नेता
गौरतलब है कि बिहार चुनाव 2020 को लेकर ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र के सभी 15 प्रत्याशी, वर्चुअल और एक्चुअल माध्यम से मतदाताओं को गोलबंद करने में लगे हुए हैं. महागठबंधन के उम्मीदवार की नजरे प्रवासी श्रमिकों पर तो वही एनडीए के सहयोगी वीआईपी पार्टी के उम्मीदवारों की आंखें आधी आबादी के वोट पर टिकी हुई हैं, लेकिन क्षेत्र की जनता इस बार पहले से ही हिसाब करने के लिए बैठी हुई है. इससे नेता क्षेत्र में कम और फेसबुक पर ज्यादा दिखाई दे रहे हैं.

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