बक्सरः बिहार के बक्सर जिला के चौसा प्रखंड के बनारपुर (Chausa Block Banarpur) में पुलिस का अमानवीय चेहरा देखने को मिला, जहां बीती रात 12:00 बजे घर में सो रहे किसान (Lathicharge On farmer family In House At buxar) पर पुलिस ने बर्बरतापूर्ण लाठियां बरसाई. घटना का वीडियो परिजनों ने मीडिया से साझा किया है. पुलिस पर आरोप लगाते हुए पीड़ित परिवार ने कहा कि अपराधियों के सामने घुटने टेक देने वाली पुलिस ने आखिर उन्हें इतनी बर्बरता से क्यों मारा. जबकि इनका कसूर सिर्फ इतना है कि पिछले 2 महीने से ये किसान उचित मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलित हैं.
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मुआवजे की मांग कर रहे हैं किसान ः दरअसल चौसा में एसजेवीएन के द्वारा पावर प्लांट के लिए किसानों का भूमि अधिग्रहण 2010-11 से पहले ही किया गया था. उस समय किसानों को 2010-11 के अनुसार मुआवजे का भुगतान किया गया था. दोबारा जब कम्पनी ने 2022 में किसानों की जमीन अधिग्रहण करने की करवाई शुरू की तो अब किसान वर्तमान दर के हिसाब से अधिग्रहण की जाने वाली जमीन का मुआवजा मांग रहे हैं. जबकि कम्पनी पुराने दर पर ही मुआवजा देकर जबरजस्ती जमीन अधिग्रहण कर रही है. इसके विरोध में पिछले 2 महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं. इसी बीच देर रात पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं पुरुष और बच्चों पर बर्बरतापूर्ण लाठियां बरसाईं.
"हमलोग पिछले 2 महीने से वर्तमान दर के हिसाब से भूमि अधिग्रहण का उचित मुआवजे मांग रहे हैं, लेकिन कम्पनी पुराने दर पर ही मुआवजा देकर जबरजस्ती जमीन अधिग्रहण कर रही है. हमारे आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस हमारे साथ मारपीट कर रहा है, घर में घुसकर बच्चों तक को मारा गया. आखिर हमारा कसूर क्या है, जो पुलिस ने हमें इतनी बर्बरता से मारा"- पीड़ित
एसजेवीएन कम्पनी बनी दुधारू गायः किसानों का कहना है कि थर्मल पावर प्लांट लगाने से पहले जिले के किसानों को कम्पनी द्वारा आश्वासन दिया गया था कि कम्पनी के इस इलाके में स्थापित हो जाने के बाद इस जिले में तीव्र गति से विकास होगा. कंपनी के सीएसआर फंड से यहां बड़े-बड़े स्कूल, होटल और रोजी रोजगार के संसाधन बढ़ाए जाएंगे चारों तरफ खुशहाली होगी. नौकरी में स्थानीय लोगों को वरीयता दी जाएगी. लेकिन जैसे ही किसानों ने एग्रीमेंट पर दस्तख्क्त किया उसके बाद कम्पनी ने ईस्ट इंडिया कम्पनी के तरह लोगों पर जुल्म करना शुरू कर दिया.
दूसरे प्रदेशों से कर्मियों की हो रही बहालीः किसानों ने बताया कि कम्पनी के अंदर सभी कर्मियों की बहाली अन्य प्रदेशों से की गई है. सीएसआर फंड नेताओं के चापलूसी एवं अधिकारियों के कार्यलय में ऐसी लगाने में खर्च किया गया. कई अधिकारियों को नजराने के तौर पर लाखों की सौगात कम्पनी ने दी. किसानों पर जिस अधिकारी ने जितना अधिक जुल्म किया गया उसे कम्पनी के द्वारा घर बनवाने से लेकर गाड़ी खरीदने के लिए पैसा दिया गया.
पुलिस का क्या है कहनाः किसानों के घर में घुसकर 12 बजे रात में लाठी बरसाने वाले मुफस्सिल थाने के थानेदार अमित कुमार से जब यह पूछा गया कि आखिर पुलिस ने 12 बजे रात्रि में किसानों के घर में क्या करने गई थी. जिसका जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि एसजेवीएन पावर प्लांट के द्वारा जिन जिन किसानों पर एफआईआर दर्ज किया गया था जब पुलिस रात्रि में पकड़ने गई तो पहले उन लोगों ने हमला किया जिसके बाद पुलिस ने लाठी बरसाई.