बक्सर: जिले में इलाजरत कोरोना मरीजों को आइसोलेशन सेंटर में मानक के अनुसार खाना नहीं मिल रहा है. ये आरोप है आइसोलेशन सेंटर में रह रहे मरीजों का. जिन्होंने ने इस बदइंतजामी का वीडियो बनाकर मीडिया को दे दिया. ईटीवी भारत के हाथ लगे वीडियो की जांच के लिए विभाग ने टीम गठित कर दी है.
जिले में बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए मुख्यालय स्थित पुराने सदर अस्पताल में ही आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है. जंहा 70 से अधिक लोगों का इलाज किया जा रहा है. इलाजरत सभी मरीजों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी सरकारी संस्था जीविका को दी गई है.
खाने को मिलती है जली हुई रोटी और सब्जी
यहां के मरीजों का आरोप है कि जीविका आइसोलेशन में इलाजरत मरीजों को जली हुई रोटी और सब्जी उलब्ध करा रहे है. आइसोलेट मरीजों ने इसका वीडियो बनाकर इटीवी भारत की टीम को दे दिया. वीडियो की पड़ताल के बाद जो सच सामने आया वह चौकाने वाला था.
किचेन में बरती जा रही है लापरवाही
वीडियो की पड़ताल करते हुए जब इटीवी भारत की टीम खाना सप्लाई करने वाली एजेंसी के किचेन में गई तो वहां ना तो हाथों को सैनिटाइज करने के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था थी और ना ही किसी के चेहरे पर मास्क. हाथों में ग्लब्स भी नही था. जैसे ही हमारे संवाददाता ने वीडियो बनाना शुरू किया तो किचेनकर्मी चेहरे पर गमछा लपेटने लगे.
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'नहीं मिल रहा विटामिन युक्त भोजन'
आइसोलेशन सेंटर में इलाजरत एक स्वास्थ्यकर्मी ने अपने वीडियो सन्देश में जिला प्रशासन से पूछा है कि जो भोजन हम कोरोना संक्रमितों को दिया गया है, इस भोजन से कौन सा विटामिन मिलेगा, जिससे हम ठीक हो जाएंगे. हमें बीमारी से ठीक होने के लिए जिस विटामिन की जरूरत है, वह भोजन कब मिलेगा.
'नहीं मिली आज से पहले ऐसी शिकायत'
आइसोलेशन सेंटर में भोजन को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ ने बताया कि इस तरह की शिकायत पहली बार आई है. जिसके जांच के लिए एक नोडल पदाधिकारी को नियुक्त कर दिया गया है. कल तक जांच रिपोर्ट मिल जाएगी उसके बाद जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.
एक मरीज के भोजन पर 175 रुपये देती है सरकार
बताते दें कि राज्य सरकार के जरिए क्वारेंटीन सेंटर पर ही पौष्टिक आहार देने के लिए 240 रुपये प्रति व्यक्ति खर्च किया जा रहा था. जबकि आइसोलेशन सेंटर पर इलाजरत प्रत्येक मरीजों के भोजन पर 175 रुपये खर्च किया जाता है. उसके बाद भी उन्हें पौष्टिक आहार नहीं मिल रहा है.