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केंद्रीय मंत्री के आश्वासन के बाद भी शुरू नहीं हुई धान की खरीदारी, किसान चिंतित - Paddy purchase

24 नवम्बर को जिलाधिकारी अमन समीर ने प्रेस वार्ता के दौरान यह स्पष्ट किया था कि 23 नवम्बर से 31 मार्च तक जिला मे धान की खरीददारी होगी. लेकिन अब तक धान की खरीददारी शुरू नहीं हुई.

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Published : Nov 27, 2020, 8:18 PM IST

बक्सर: जिला में धान की कटनी समाप्ति की ओर है. लेकिन अभी तक जिला के 142 पंचायतों में से किसी भी पंचायत में सरकारी संस्थाओं के द्वारा धान की खरीददारी शुरू नहीं किया गया है. राज्य सरकार ने 15 नवम्बर से पहले ही यह घोषणा किया गया था कि ए-ग्रेड का धान 1888 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि साधारण धान 1868 रुपये प्रति क्विंटल पैक्सों और व्यपार मण्डल के माध्यम से खरीदारी करना है. उसके बाद भी खरीददारी शुरू नहीं हुई.

छठ पर्व के दौरान बक्सर पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे से भी 21 नवम्बर को किसानों ने धान की खरीददारी नहीं होने की शिकायत की थी, जिसके बाद मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद यह आश्वासन दिया था कि जल्द ही धान की खरीददारी होगी. उसके बाद भी सरकारी संस्थाओं ने धान का क्रय शुरू नहीं किया.

देखें रिपोर्ट...

'धान की खरीदारी शुरू नहीं'
24 नवम्बर को जिलाधिकारी अमन समीर ने प्रेस वार्ता के दौरान यह स्पष्ट किया था कि 23 नवम्बर से 31 मार्च तक जिला मे धान की खरीददारी होगी. लेकिन अब तक धान की खरीददारी शुरू नहीं हुई. वहीं, इस मामले को लेकर जब पैक्स अध्यक्षों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि धान खदीदने के लिए सरकार की ओर से पैसा नहीं दिया गया है.

'किसानों को गुमराह कर रही है सरकार'
वहीं, धान क्रय को लेकर भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के पूर्व सांसद तेज नारायण यादव ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी कर रही थी. लेकिन यहां तो लागत भी आना मुश्किल है, जब सरकार पैक्स को पैसा ही नहीं देगी, तो सरकारी संस्थाए कैसे धान क्रय करेंगी. सरकार सबको गुमराह करने में लगी है और धान खेतों में ही पड़ा है.

बक्सर: जिला में धान की कटनी समाप्ति की ओर है. लेकिन अभी तक जिला के 142 पंचायतों में से किसी भी पंचायत में सरकारी संस्थाओं के द्वारा धान की खरीददारी शुरू नहीं किया गया है. राज्य सरकार ने 15 नवम्बर से पहले ही यह घोषणा किया गया था कि ए-ग्रेड का धान 1888 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि साधारण धान 1868 रुपये प्रति क्विंटल पैक्सों और व्यपार मण्डल के माध्यम से खरीदारी करना है. उसके बाद भी खरीददारी शुरू नहीं हुई.

छठ पर्व के दौरान बक्सर पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे से भी 21 नवम्बर को किसानों ने धान की खरीददारी नहीं होने की शिकायत की थी, जिसके बाद मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद यह आश्वासन दिया था कि जल्द ही धान की खरीददारी होगी. उसके बाद भी सरकारी संस्थाओं ने धान का क्रय शुरू नहीं किया.

देखें रिपोर्ट...

'धान की खरीदारी शुरू नहीं'
24 नवम्बर को जिलाधिकारी अमन समीर ने प्रेस वार्ता के दौरान यह स्पष्ट किया था कि 23 नवम्बर से 31 मार्च तक जिला मे धान की खरीददारी होगी. लेकिन अब तक धान की खरीददारी शुरू नहीं हुई. वहीं, इस मामले को लेकर जब पैक्स अध्यक्षों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि धान खदीदने के लिए सरकार की ओर से पैसा नहीं दिया गया है.

'किसानों को गुमराह कर रही है सरकार'
वहीं, धान क्रय को लेकर भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के पूर्व सांसद तेज नारायण यादव ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी कर रही थी. लेकिन यहां तो लागत भी आना मुश्किल है, जब सरकार पैक्स को पैसा ही नहीं देगी, तो सरकारी संस्थाए कैसे धान क्रय करेंगी. सरकार सबको गुमराह करने में लगी है और धान खेतों में ही पड़ा है.

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