बक्सर: जब से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हुई है तभी से शराब तस्कर और पुलिस के बीच 'तू डाल-डाल मैं पात-पात' का खेल चल रहा है. पुलिस एक तरफ जहां तस्करी रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. वहीं शराब तस्कर रोज नये-नये तरीके इजाद कर ले रहे हैं. आलम यह है कि कहीं पुआल से तो कहीं गैस सिलिंडर से शराब मिल रही है.
"पहली जनवरी को लेकर शराब की मांग बढ़ जाती है. इसलिए मुख्यालय की तरफ से भी शराब तस्करी के प्रति विशेष सक्रिय रहने का पत्र जारी हुआ है. उनके मुताबिक, इधर 2 दिनों में ही एक हजार लीटर से ऊपर शराब बरामद की गई है."- एसपी नीरज कुमार सिंह
शराबबंदी पर महिलाओं ने उठाई थी आवाज
बता दें कि 9 जुलाई 2015 को पटना में आयोजित ग्रामवार्ता कार्यक्रम में जीविका से जुड़ी महिलाओं की मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी की बात कही थी. नीतीश संबोधन के बाद बैठ कर चुके थे. इसी बीच एक महिला की आवाज गूंजी- मुख्यमंत्री जी, शराब बंद कराइए. इससे घर बर्बाद हो रहा है. फिर कई और महिलाएं बोलने लगीं. सीएम उठे, माइक पर बोले-अगली बार सरकार में आए, तो शराबबंदी लागू करेंगे.
2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू
फिर, जब नीतीश कुमार सत्ता में वापस लौटे तो एक अप्रैल 2016 को देशी शराब पर प्रतिबंध लगा दिया किंतु यह कर नीतीश कुमार की आलोचना की जाने लगी कि शराब तो अभी भी प्रदेश में बिक ही रही है. फिर 6 अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई. अब बिहार में शराब बेचना, ले जाना, रखना, पीना और पिलाना सभी प्रतिबंधित हो गया. इस पर पूरे प्रदेश में महिलाओं ने काफी खुशी जाहिर की थी.