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पूर्व फौजी का बेटा हत्याकांड: पुलिस के हाथ अब भी खाली, बढ़ रहा है लोगों का आक्रोश

धीरे-धीरे हाई प्रोफाइल हो चुके इस हत्याकांड में जांच करने सबसे पहले शाहाबाद रेंज के DIG राकेश कुमार राठी और ADG CID विनय कुमार पहुँचे. इसके अगले दिन बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय भी पहुंचे.लेकिन फिर भी ममाले में पुलिस किसी ठोस अंजाम तक नहीं पहुंच पाई.

अश्विनी चौबे
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Published : Sep 3, 2019, 7:35 AM IST

बक्सर: जिले के डुमरांव में रिटायर्ड फौजी के बेटे के हत्याकांड पुलिस के लिए अब भी एक अबुझ पहेली बनी हुई है. घटना के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी जिला पुलिस आज भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है. इस हत्या के कारण एक ओर जहां विभिन्न दल के नेताओं का पीड़ित परीवार से लगभग हर रोज मिलने पहुंच रहे हैं, वहीं, जिले के लोगों का आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है.

DGP से लेकर DIG कर चुकें है दौरा
धीरे-धीरे हाई प्रोफाइल हो चुके इस हत्याकांड में जांच करने सबसे पहले शाहाबाद रेंज के DIG राकेश कुमार राठी और ADG CID विनय कुमार पहुँचे. इसके अगले दिन बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय भी पहुंचे.लेकिन फिर भी ममाले में पुलिस किसी ठोस अंजाम तक नहीं पहुंच पाई. हलांकी, मामले में दो लड़कों की गिरफ्तारी जरुर हुई है. लेकिन पुलिस मामले की तह तक नहीं पहुंच पाई.

पुर्व फौजी के बेटे के हत्याकांड मामले में पुलिस के हाथ अब भी खाली

पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने साधा था प्रशासन पर निशाना
हत्याकांड के अब तक नहीं सुलझने के कारण कई दलों के नेताओं ने अपने-अपने तर्क के हिसाब से राज्य और जिला प्रशासन को जमकर कोसा. दो दिन पहले राजद नेता भाई एक ओर जहां राजद नेता भाई दिनेश पहुँचे थे, तो वहीं बक्सर से सांसद और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री अश्विनी चौबे और किसी जमाने में नीतीश कुमार के खास माने जाने वाले बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह भी परिजन के जख्मों पर मरहम लगा चुके है.

क्या है मामला
दरअसल, डुमरांव टेक्सटाइल्स मोहल्ला निवासी रिटायर्ड फौजी गजेंद्र तिवारी का 13 वर्षीय बेटा पिछले 7 अगस्त से लापता था. काफी खोजबीन के बाद जब आशीष नहीं मिला तब उसके परिजनों ने डुमरांव थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद करीब 17 दिन लापता किशोर का शव एक अर्धनिर्मित मकान से बरामद हुआ था. शव मिलने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी. इस घटना के बाद परिजनों के साथ साथ आम लोगों ने भी प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाया और इस घटना की निंदा की.

बक्सर: जिले के डुमरांव में रिटायर्ड फौजी के बेटे के हत्याकांड पुलिस के लिए अब भी एक अबुझ पहेली बनी हुई है. घटना के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी जिला पुलिस आज भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है. इस हत्या के कारण एक ओर जहां विभिन्न दल के नेताओं का पीड़ित परीवार से लगभग हर रोज मिलने पहुंच रहे हैं, वहीं, जिले के लोगों का आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है.

DGP से लेकर DIG कर चुकें है दौरा
धीरे-धीरे हाई प्रोफाइल हो चुके इस हत्याकांड में जांच करने सबसे पहले शाहाबाद रेंज के DIG राकेश कुमार राठी और ADG CID विनय कुमार पहुँचे. इसके अगले दिन बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय भी पहुंचे.लेकिन फिर भी ममाले में पुलिस किसी ठोस अंजाम तक नहीं पहुंच पाई. हलांकी, मामले में दो लड़कों की गिरफ्तारी जरुर हुई है. लेकिन पुलिस मामले की तह तक नहीं पहुंच पाई.

पुर्व फौजी के बेटे के हत्याकांड मामले में पुलिस के हाथ अब भी खाली

पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने साधा था प्रशासन पर निशाना
हत्याकांड के अब तक नहीं सुलझने के कारण कई दलों के नेताओं ने अपने-अपने तर्क के हिसाब से राज्य और जिला प्रशासन को जमकर कोसा. दो दिन पहले राजद नेता भाई एक ओर जहां राजद नेता भाई दिनेश पहुँचे थे, तो वहीं बक्सर से सांसद और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री अश्विनी चौबे और किसी जमाने में नीतीश कुमार के खास माने जाने वाले बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह भी परिजन के जख्मों पर मरहम लगा चुके है.

क्या है मामला
दरअसल, डुमरांव टेक्सटाइल्स मोहल्ला निवासी रिटायर्ड फौजी गजेंद्र तिवारी का 13 वर्षीय बेटा पिछले 7 अगस्त से लापता था. काफी खोजबीन के बाद जब आशीष नहीं मिला तब उसके परिजनों ने डुमरांव थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद करीब 17 दिन लापता किशोर का शव एक अर्धनिर्मित मकान से बरामद हुआ था. शव मिलने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी. इस घटना के बाद परिजनों के साथ साथ आम लोगों ने भी प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाया और इस घटना की निंदा की.

Intro:डुमरांव में हुए पूर्व फौजी गजेंद्र तिवारी पुत्र हत्याकांड पुलिस के एक अबूझ पहेली बन गया है ।घटना के इतने दिनों बाद भी बक्सर पुलिस आज भी बेनतीजा है ।यहीं वजह है इस मामले पर नेताओं के दौरा का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है ।


Body:बताते चलें कि डुमराव टेक्सटाइल कालोनी के रहने वाले रिटायर्ड फौजी गजेंद्र तिवारी के 13 वर्षीय पुत्र का पिछले महीने 7 तारीख को अपहरण कर लिया गया और 9 तारीख को 30लाख की बड़ी रकम की फिरौती की मांग गई ।फिर बाद में 24 तारीख को आशीष की लाश बिल्कुल सड़ी गली अवस्था में डुमराव में ही एक खंडहर नुमा मकान के पास पाई गई ।
धीरे धीरे हाई प्रोफाइल हो चुके इस हत्याकांड की जांच करने पहले शाहाबाद रेंज के DIG राकेश कुमार राठी और ADG CID विनय कुमार पहुँचे ।इसके अगले दिन खुद बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय जांच को पहुँचे ।दो लड़को की गिरफ्तारी भी हुई फिर भी पुलिस अभी मामले का पूरी तरह खुलासा नही कर सकी है और न ही किसी ठोस नजीजे पर पहुंच पाई है ।ऐसे में नेताओं के दौरे का दौर बदस्तूर जारी है ।अभी दो दिन पहले राजद नेता भाई दिनेश पहुँचे थे तो वही बक्सर से सांसद और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी गये परिजन से मिलने ।केंद्रीय मंत्री मिलकर लौटे तो मृतक छात्र आशीष के परिजनों से मिलने बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह धमक गए ।बाद में मीडिया से मुखातिब पूर्व मंत्री ने कहा कि घटना के पीछे स्थानीय पुलिस की घोर लापरवाही है ।
बाइट नरेंद्र सिंह पूर्व कृषि मंत्री बिहार ।
बाइट अश्विनी कुमार चौबे केंद्रीय राज्य मंत्री भारत सरकार।


Conclusion:ऐसे ये देखना होगा कि कब पुलिस इस मामले का सटीक खुलासा कर अंतिम नतीजे पर पहुँचती है तथा कब नेताओं का दौर का दौर थमता है?
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