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बक्सर में नवजात की मौत, मां को लगने वाला इंजेक्शन बच्चे को लगा दिया

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Published : Dec 13, 2022, 10:33 PM IST

बक्सर में स्वस्थ्यकर्मियों की लापरवाही ने नवजात की जान ले ली. स्वास्थ्यकर्मियों ने नवजात शिशु को मां को देने वाला इंजेक्शन (Newborn dies due to wrong injection in Buxar) लगा दिया. इस कारण बच्चे की जान चली गई. पढ़ें पूरी खबर..

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बक्सर: बिहार के बक्सर में बच्चे की मौत का मामला सामने आया है. एक नवजात बच्चे की सदर अस्पताल में मौत (newborn baby death in buxar) हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल के स्वस्थ्यकर्मियों की लापरवाही से नवजात की जान गई है. शिशु को मां को दिया जाने वाला इंजेक्शन लगा दिया गया. इस कारण उसकी तड़प-तड़प कर मौत हो गई. मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है.

ये भी पढ़ेंः मदर्स डे के दिन मां की गोद हुई सुनी, पड़ोसियों के विवाद में ननिहाल आए दो माह के मासूस की मौत

24 घंटे के अंदर हो गई बच्चे की मौतः परिजनों का कहना है कि सोमवार की रात ड्यूटी में तैनात नर्स ने मां को दिया जाने वाला इंजेक्शन नवजात शिशु को लगा दिया. इस कारण 24 घण्टे पहले जन्मी नवजात की तड़प-तड़प कर मौत हो गई और स्वास्थ्यकर्मी मूकदर्शक बने रहे. नाराज परिजनों ने जब हंगामा करना शुरू किया तो जांच की बात कहकर उन्हें अस्पताल से घर भेज दिया गया.



नर्स की लापरवाही ने ले ली शिशु की जानः घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार कोटवा नारायणपुर निवासी राजकुमार की पत्नी लक्ष्मी कुमारी को 10 दिसंबर को प्रसव पीड़ा होने पर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां उन्होंने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया. आईसोइम्युनाइज्ड प्रेग्नेंसी होने के कारण एंटी-डी इंजेक्शन लगाने की चिकित्सकों के द्वारा निर्देश दिया गया. परिजनों का आरोप है कि यह इंजेक्शन प्रसूता को लगाना था, लेकिन इसे ड्यूटी में कार्यरत एएनएम के द्वारा नवजात को लगा दिया गया. इससे उसकी मौत हो गई.

बच्चे की मौत के बाद फरार हो गई नर्सः परिजनों ने बताया कि बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाने वाली नर्स को जैसे ही बच्चे की मौत होने की खबर मिली वह अस्पताल छोड़कर भाग गई. परिजनों की मानें तो अस्पताल की इस लापरवाही के खिलाफ सारे साक्ष्य को लेकर शहर के ही एक सामाजिक कार्यकर्ता उच्च न्यायालय के दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं.

बच्चे को नहीं लगनी चाहिए थी एंटी-डी इंजेक्शनः नगर के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गांगेय राय ने बताया कि एंटी-डी इंजेक्शन गर्भवती महिलाओं को उस वक्त लगाया जाता है जब उनका आरएच नेगेटिव और बच्चे का आरएच पॉजिटिव हो. यह इंजेक्शन इसलिए लगाया जाता है, ताकि उन्हें अगली गर्भावस्था के दौरान कोई विशेष दिक्कत ना हो. नवजात बच्चे को एंटी-डी इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है. यदि ऐसा किया गया है तो निश्चित रूप से यह बड़ी भूल है.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन :मृत बच्ची के परिजनों का आरोप है कि उसे 2 दिन पूर्व यह इंजेक्शन लगाया गया था. उसके आवेदन के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 3 सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया है, जिसके द्वारा इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. अगर चिकित्सा कर्मी की लापरवाही प्रमाणित होती है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.

" परिजनों का आरोप है कि उसे 2 दिन पूर्व यह इंजेक्शन लगाया गया था. उसके आवेदन के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 3 सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया है, जिसके द्वारा इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. अगर चिकित्सा कर्मी की लापरवाही प्रमाणित होती है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी" -जितेंद्र नाथ, सिविल सर्जन

बक्सर: बिहार के बक्सर में बच्चे की मौत का मामला सामने आया है. एक नवजात बच्चे की सदर अस्पताल में मौत (newborn baby death in buxar) हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल के स्वस्थ्यकर्मियों की लापरवाही से नवजात की जान गई है. शिशु को मां को दिया जाने वाला इंजेक्शन लगा दिया गया. इस कारण उसकी तड़प-तड़प कर मौत हो गई. मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है.

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24 घंटे के अंदर हो गई बच्चे की मौतः परिजनों का कहना है कि सोमवार की रात ड्यूटी में तैनात नर्स ने मां को दिया जाने वाला इंजेक्शन नवजात शिशु को लगा दिया. इस कारण 24 घण्टे पहले जन्मी नवजात की तड़प-तड़प कर मौत हो गई और स्वास्थ्यकर्मी मूकदर्शक बने रहे. नाराज परिजनों ने जब हंगामा करना शुरू किया तो जांच की बात कहकर उन्हें अस्पताल से घर भेज दिया गया.



नर्स की लापरवाही ने ले ली शिशु की जानः घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार कोटवा नारायणपुर निवासी राजकुमार की पत्नी लक्ष्मी कुमारी को 10 दिसंबर को प्रसव पीड़ा होने पर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां उन्होंने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया. आईसोइम्युनाइज्ड प्रेग्नेंसी होने के कारण एंटी-डी इंजेक्शन लगाने की चिकित्सकों के द्वारा निर्देश दिया गया. परिजनों का आरोप है कि यह इंजेक्शन प्रसूता को लगाना था, लेकिन इसे ड्यूटी में कार्यरत एएनएम के द्वारा नवजात को लगा दिया गया. इससे उसकी मौत हो गई.

बच्चे की मौत के बाद फरार हो गई नर्सः परिजनों ने बताया कि बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाने वाली नर्स को जैसे ही बच्चे की मौत होने की खबर मिली वह अस्पताल छोड़कर भाग गई. परिजनों की मानें तो अस्पताल की इस लापरवाही के खिलाफ सारे साक्ष्य को लेकर शहर के ही एक सामाजिक कार्यकर्ता उच्च न्यायालय के दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं.

बच्चे को नहीं लगनी चाहिए थी एंटी-डी इंजेक्शनः नगर के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गांगेय राय ने बताया कि एंटी-डी इंजेक्शन गर्भवती महिलाओं को उस वक्त लगाया जाता है जब उनका आरएच नेगेटिव और बच्चे का आरएच पॉजिटिव हो. यह इंजेक्शन इसलिए लगाया जाता है, ताकि उन्हें अगली गर्भावस्था के दौरान कोई विशेष दिक्कत ना हो. नवजात बच्चे को एंटी-डी इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है. यदि ऐसा किया गया है तो निश्चित रूप से यह बड़ी भूल है.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन :मृत बच्ची के परिजनों का आरोप है कि उसे 2 दिन पूर्व यह इंजेक्शन लगाया गया था. उसके आवेदन के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 3 सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया है, जिसके द्वारा इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. अगर चिकित्सा कर्मी की लापरवाही प्रमाणित होती है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.

" परिजनों का आरोप है कि उसे 2 दिन पूर्व यह इंजेक्शन लगाया गया था. उसके आवेदन के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 3 सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया है, जिसके द्वारा इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. अगर चिकित्सा कर्मी की लापरवाही प्रमाणित होती है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी" -जितेंद्र नाथ, सिविल सर्जन

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