बक्सर : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के इस्तीफे और बक्सर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलों से बक्सर की राजनीति गरमा गई है. स्थिति यह है कि एनडीए के कई नेता बागी तेवर दिखा रहे हैं. बीजेपी और लोजपा नेताओं के बयान पर जेडीयू के पूर्व जिला अध्यक्ष, अशोक कुमार सिंह ने कहा कि जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि 24 सितम्बर के बाद सीट बंटवारे पर निर्णय होगा. तो पहले ही कोई कैसे उम्मीदवार बन गया. गुप्तेश्वर पांडे से अपराधी डरकर सरेंडर कर देते होंगे नेता या सामाजिक कार्यकर्ता नहीं.
'पांडे जी' बक्सर से लड़े तो बवाल तय !
बक्सर बीजेपी की पारंपरिक सीट मानी जाती है. ऐसे में बीजेपी और लोजपा के नेता और हजारों कार्यकर्ता अभी से ही विरोध कर रहे हैं. बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता एवं बक्सर विधानसभा सीट से दावेदार सुशील राय ने कहा कि बक्सर बीजेपी की पारंपरिक सीट है. और 20 वर्षों से बीजेपी में मैं कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा हूं. मैं हर हाल में चुनाव लडूंगा.
लोजपा नेता भी दिखा रहे तेवर
एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी के जिला अध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह ने जदयू नेताओं को चुनौती देते हुए कहा कि बक्सर विधानसभा सीट से पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे या फिर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार खुद ही क्यों ना चुनाव लड़ें. लोक जनशक्ति पार्टी उनके खिलाफ अपना उम्मीदवार मैदान में उतारेगी.
कांग्रेस नेता ने कसा तंज
चुनाव से पहले ही एनडीए में बयानबाजी पर बक्सर सदर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने कहा कि एनडीए के चाहे कोई भी प्रत्याशी चुनावी मैदान में आ जाए. उसे पटखनी देने के लिए मैं पहले से ही तैयार बैठा हूं. दरअसल माना जा रहा है कि गुप्तेश्वर पांडे बक्सर से ही चुनाव लड़ेंगे. जिसे लेकर बीजेपी नेताओं में गुस्सा हैं. और अगर ऐसा सच में हुआ तो इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि बक्सर बीजेपी में पूर्व डीजीपी को लेकर हंगामा और बवाल तय है.