बक्सर: बिहार के बक्सर में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है. जिसमें बड़ी संख्या में मामलों के निस्तारण की तैयारी की गई है. लोक अदालत में अब तारीख पर तारीख नहीं बल्कि मामले का निस्तारण सेम डे होता है, वह भी बिल्कुल फ्री. इसे लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र तिवारी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि बालसा के एक्सक्यूटिव चेयरमैन के नेतृत्व और उनके लगातार निर्देशन में इस बार राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए बहुत बेहतर तैयारी करने की कोशिश की गई हैं. इसके लिए उन्होंने करीब 25000 प्रिलिटिगेशन के केसों में और 15000 पोस्टलिटिगेशन के केसों में नोटिस भेजवाए हैं. करीब 500 ग्राम कचहरी के जो केस थे उन सब में नोटिस भोजा गया है, इसी तरह बिजली के करीब 500 केस में नोटिस दिया गया है.
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सेम डे होगा मामलों का निष्पादन: डालसा सचिव ने आगे बताया कि हमलोग ने पिछली बार करीब 1500 प्रिलिटिगेशन केस और 550 पोस्टप्रीलिटिगेशन केस का निष्पादन किया था. इस बार लक्ष्य है कि 2000 प्रिलिटिगेशन केसों का और करीब 900 पोस्टलिटिगेशन केस का निष्पादित करने का प्रयास करेंगे. आज के दौर में लोक अदालत की प्रासंगिकता के बारे में डालसा सचिव ने बताया कि इसमें कोई खर्च नहीं होता, कोई फीस नहीं देनी पड़ती है. सबसे बड़ी बात जो है वो मुकदमा जब समाप्त हो जाता है तो न्यायालय का चक्कर लगाने से लोग बच जाते हैं. उनको निशुल्क और तुरंत न्याय मिलता है. अन्य कोर्ट के मामलों में एक बार किसी भी मामले को डिस्पोजल कराने के लिए कई बार आना पड़ता है. यहां सेम डे निष्पादित होता है और कोई अपील नहीं होती है, इस तरह यह बहुत महत्वपूर्ण है.
"हमलोग ने पिछली बार करीब 1500 प्रिलिटिगेशन केस और 550 पोस्टप्रीलिटिगेशन केस का निष्पादन किया था. इस बार लक्ष्य है कि 2000 प्रिलिटिगेशन केसों का और करीब 900 पोस्टलिटिगेशन केस का निष्पादित करने का प्रयास करेंगे. आज के दौर में लोक अदालत की प्रासंगिकता के बारे में डालसा सचिव ने बताया कि इसमें कोई खर्च नहीं होता, कोई फीस नहीं देनी पड़ती है. सबसे बड़ी बात जो है वो मुकदमा जब समाप्त हो जाता है तो न्यायालय का चक्कर लगाने से लोग बच जाते हैं. उनको निशुल्क और तुरंत न्याय मिलता है." -धर्मेंद्र तिवारी, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार
गांव में 40000 नोटिस: प्रचार प्रसार के लिए उन्होंने कहा कि इस बार साभी ग्राम पंचायतों के सरपंच की मीटिंग बुलाई गई थी और उनको प्रचार-प्रसार के लिए कहा गया था. हमलोग राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन कर रहे है इसके अलावा जब करीब 40000 नोटिस गांव में जाएंगा और उसमे लिखा रहेगा की राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है, तो ये भी एक तरह से लोगों को प्रोत्साहित करेगा. लगातार हमलोग प्रचार-प्रसार करते रहते है फिर भी ये पूरी तरह से हर व्यक्ति तक नही पहुंच पाया है. हमने मीडिया की भी भागीदारी सुनिश्चित की है.