बक्सरः राजपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक दिवंगत राम नारायण राम की फर्जी पत्नी गीता देवी और कई माननीयों द्वारा बिहार विधानसभा से फर्जी पेंशन निकासी मामले ( Fake Pension Withdrawal Case ) में केंद्र और राज्य सरकार के जरिए अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिसे लेकर विपक्ष के विधायकों ने सरकार की नियत पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह ( MLA Ajit Kumar Singh ) ने सरकार के नियत पर सवाल उठाया और कहा कि न्यायालय को इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेना चाहिए.
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हाल ही में आरटीआई के माध्यम से यह खुलासा हुआ है कि साल 1985 से 1995 तक जिले के 202 राजपुर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विधायक रहे स्वर्गीय राम नारायण राम की पत्नी बनकर, साल 2016 से ही गीता देवी नामक कोई महिला 46, 500 रुपये पेंशन उठा रही है. इसके अलावे कई ऐसे माननीय और पूर्व माननीयों के रिश्तेदार हैं जो विधानसभा से अब तक लाखों रुपये फर्जी पेंशन की निकासी कर चुके हैं.
मामला प्रकाश में आने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद जिले के डुमरांव विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले विधायक अजित कुमार सिंह ने सरकार के नियत पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि इस घोटाले की लिस्ट में सत्ता पक्ष के ही अधिकांश लोगों का नाम है. ऐसे में सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई कर अपनी बदनामी कैसे करवाएगी. इस प्रकरण पर उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेकर जांच के बाद कार्रवाई करनी चाहिए.
भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह ने कहा कि आम लोगों की राहत के लिए हमारे कंधों पर कानून बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. लेकिन जब हम खुद उस कानून का उल्लंघन करने लगेंगे तो लोग राहत कि सांस कैसे लेंगे. जिन लोगों पर आरोप लगा है, उनको भी सामने आकर अपनी बात रखनी चाहिए. लेकिन हैरानी की बात है कि इतने बड़े मामले में ना तो सरकार अपना पक्ष रख रही है और ना ही इस घोटाले की लिस्ट में शामिल विधायक और पूर्व विधायक. इससे स्पष्ट हो जाता है कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है.
बीजेपी के पूर्व विधायक दिवंगत राम नारायण राम की रहस्यमयि पत्नी गीता देवी के नाम आने के बाद राम नारायण राम का दत्तक पुत्र वर्तमान कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम ने सफाई देते हुए कहा था कि जो भी गड़बड़ी हुई है वह विधानसभा से हुई है. मेरी किसी भी माता जी का नाम गीता देवी नहीं था. मेरी पत्नी का नाम गीता देवी है. लेकिन वह इस घोटाले में कहीं से भी शामिल नहीं है. जो भी मेरा नाम खराब करने की कोशिश करेगा. उस पर एससी-एसटी के साथ मानहानि का मुकदमा कर जेल भिजवा दूंगा.
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कांग्रेस विधायक के धमकी भरे इस बयान के बाद जिले में सियासी संग्राम शुरू हो गया था. कांग्रेस जिला अध्यक्ष तथागत हर्षवर्धन ने भी विधायक के इस बयान का निंदा करते हुए कहा था कि एससी- एसटी एक्ट में केस करने की धमकी कहीं से भी उचित नहीं है. वहीं बीजेपी जिला अध्यक्ष माधुरी कुंवर ने कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम पर बीजेपी के पूर्व विधायक राम नरायण राम की छवि खराब कर विधानसभा से आर्थिक लाभ लेने का आरोप लगाया था. उन्होंने हुए कहा था कि ऐसे विधायक को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए, जो बीजेपी के कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ता की छवि को आर्थिक लाभ लेने के लिए दागदार करने में लगा हो.
गौरतलब है कि बीजेपी के पूर्व विधायक दिवंगत राम नारायण राम की दो शादियां हुई थी. पहली शादी खीरी गांव में जबकि दूसरी शादी सुजातपुर में हुई थी. लेकिन उसमें से कोई भी पत्नी जीवित नहीं हैं और ना ही किसी का नाम गीता देवी था. उस परिवार में केवल एक ही गीता देवी नाम की महिला है जो वर्तमान कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम की पत्नी और और स्वर्गीय राम नारायण राम की दत्तक पुत्र वधू हैं.