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मानसून की पहली बारिश से टिड्डियों का प्रभाव हुआ कम, अधिकारी खुद की थपथपा रहे पीठ - मदद का दावा

सदर प्रखंड अंतर्गत जगदीशपुर पंचायत के मुखिया सह किसान अनिल यादव ने बताया कि बारिश की वजह से टिड्डियों का प्रभाव धान के बिचड़ा पर न के बराबर दिखाई दे रहा है. उन्होंने बताया कि बारिश के बाद पूरे क्षेत्र में हरियाली हो गई है, जिससे टिड्डियों का प्रभाव कम हो गया है

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Published : Jun 25, 2020, 11:27 AM IST

बक्सरः जिले में किसान टिड्डियों और फॉल आर्मीवर्म कीट के प्रभाव से परेशान थे. मानसून की पहली बारिश के साथ इन कीटों का प्रभाव अब फसलों पर कम दिख रहा है. जिससे किसानों ने राहत की सांस ली है.

वरदान साबित हुई बारिश
किसानों की माने तो बारिश उनके लिए वरदान साबित हुई है. वहीं, कीटों के प्रभाव कम होने के बाद कृषि विभाग के अधिकारी इसका श्रेय लेने के लिए किसानों के बीच पहुंच रहे हैं.

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किसान से बात करते अधिकारी

टिड्डियों का प्रभाव
सदर प्रखंड अंतर्गत जगदीशपुर पंचायत के मुखिया सह किसान अनिल यादव ने बताया कि बारिश की वजह से टिड्डियों का प्रभाव धान के बिचड़ा पर न के बराबर दिखाई दे रहा है. उन्होंने बताया कि बारिश के बाद पूरे क्षेत्र में हरियाली हो गई है, जिससे टिड्डियों का प्रभाव कम हो गया है.

फसलों के बचाव का उपाय
टास्क फोर्स की बैठक में जिलाधिकारी अमन समीर ने किसानों की शिकायत के बाद अधिकारियों को फटकार लगाई थी. जिसके बाद जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण नंदन चक्रवर्ती ने किसानों के पास पहुंचकर उन्हें इस कीट से फसलों के बचाव के उपाय बताए.

देखें रिपोर्ट

कृषि विज्ञान केंद्र
जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण नंदन चक्रवर्ती ने कहा कि पिछले 7 महीने से कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक और कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को कीटों से फसलों के बचाने का उपाय बता रहे थे. जिससे उनकी मेहनत और किसानों की सूझबूझ से इन कीटों का प्रभाव कम हो गया है.

फॉल आर्मीवर्म कीट
गौरतलब है कि जिले में 4 जून को इस साल पहली बार सिमरी प्रखंड में फॉल आर्मीवर्म कीट को डुमराव कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम ने देखा था, जिससे किसानों की चिंता काफी बढ़ गई थी.

खोखला नजर आ रहा दावा
किसानों ने विभाग की तरफ से कोई मदद नहीं मिलने की शिकायत की थी. जिसके बाद अधिकारियों को फटकार लगाई गई थी. ऐसे में कृषि पदाधिकारी का मदद का दावा खोखला नजर आ रहा है.

बक्सरः जिले में किसान टिड्डियों और फॉल आर्मीवर्म कीट के प्रभाव से परेशान थे. मानसून की पहली बारिश के साथ इन कीटों का प्रभाव अब फसलों पर कम दिख रहा है. जिससे किसानों ने राहत की सांस ली है.

वरदान साबित हुई बारिश
किसानों की माने तो बारिश उनके लिए वरदान साबित हुई है. वहीं, कीटों के प्रभाव कम होने के बाद कृषि विभाग के अधिकारी इसका श्रेय लेने के लिए किसानों के बीच पहुंच रहे हैं.

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किसान से बात करते अधिकारी

टिड्डियों का प्रभाव
सदर प्रखंड अंतर्गत जगदीशपुर पंचायत के मुखिया सह किसान अनिल यादव ने बताया कि बारिश की वजह से टिड्डियों का प्रभाव धान के बिचड़ा पर न के बराबर दिखाई दे रहा है. उन्होंने बताया कि बारिश के बाद पूरे क्षेत्र में हरियाली हो गई है, जिससे टिड्डियों का प्रभाव कम हो गया है.

फसलों के बचाव का उपाय
टास्क फोर्स की बैठक में जिलाधिकारी अमन समीर ने किसानों की शिकायत के बाद अधिकारियों को फटकार लगाई थी. जिसके बाद जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण नंदन चक्रवर्ती ने किसानों के पास पहुंचकर उन्हें इस कीट से फसलों के बचाव के उपाय बताए.

देखें रिपोर्ट

कृषि विज्ञान केंद्र
जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण नंदन चक्रवर्ती ने कहा कि पिछले 7 महीने से कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक और कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को कीटों से फसलों के बचाने का उपाय बता रहे थे. जिससे उनकी मेहनत और किसानों की सूझबूझ से इन कीटों का प्रभाव कम हो गया है.

फॉल आर्मीवर्म कीट
गौरतलब है कि जिले में 4 जून को इस साल पहली बार सिमरी प्रखंड में फॉल आर्मीवर्म कीट को डुमराव कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम ने देखा था, जिससे किसानों की चिंता काफी बढ़ गई थी.

खोखला नजर आ रहा दावा
किसानों ने विभाग की तरफ से कोई मदद नहीं मिलने की शिकायत की थी. जिसके बाद अधिकारियों को फटकार लगाई गई थी. ऐसे में कृषि पदाधिकारी का मदद का दावा खोखला नजर आ रहा है.

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