बक्सर: सरकार जनता को बेहतर सेवा देने के लाख दावे करती हो, पर जमीनी हकीकत ठीक इसके विपरीत है. साल 2017 में बने बुनियाद केंद्र पर सुविधा का घोर अभाव है. समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित इस केंद्र पर लोगों को सहायता के बजाय सिर्फ आश्वासन मिलता है.
दिव्यांग, वृद्ध और विधवाओं की सहायता के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के 38 जिलों में बुनियाद केंद्र की स्थापना कराई थी. लेकिन सुविधा के अभाव में गोदाम में रखा सामान धूल फांक रहा है. विभागीय अधिकारी की लापरवाही से लोगों में मायूसी है.
अधिकारी के पास नहीं है जानकारी
इस बावत जब बुनियाद केंद्र की जिला प्रबंधक नीलू कुमारी से पूछताछ की गई तो उन्होंने गोल मटोल जवाब दिया. जब उनसे पूछा गया कि अबतक जिले के कितने दिव्यांगों को ट्राई साइकिल दी गई है, तो उन्होंने कहा कि दिव्यांग दिवस के दिन लोगों को ट्राई साइकिल दी जाती है. जिले में दिव्यांगों की संख्या कितनी है, अब तक कितने दिव्यांगों को सुविधा उपलब्ध कराई गई है, इसका उनके पास कोई लेखा जोखा नहीं है.
मदद के नाम पर मिलता है आश्वासन
बुनियाद केंद्र पर अपनी समस्या लेकर पहुंची महिला ने बताया कि वो कई महीनों से यहां चक्कर लगा रही है लेकिन कोई उसकी मदद नहीं कर रहा. कागजात के नाम पर उसे कई दिनों से दौड़ाया जा रहा है. हर बार विकलांगता का सर्टिफिकेट और फोटो कॉपी मंगाया जाता है और एक डेट दे दिया जाता है. यही कहानी दुहराई जाती है.