बक्सर: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 71 सीटों पर मतदान होगा. अब उम्मीदवार वर्चुअल मीटिंग को छोड़ एक्चुअल मीटिंग कर अपनी स्थिति को मजबूत करने में लगे हुए हैं. किसी की निगाहें आधी आबादी पर टिकी हुई है. तो कोई प्रवासी श्रमिकों की बदौलत अपनी जीत सुनिश्चित करने में लगा हुआ है.
निर्दलीय ने बिगाड़ा खेल
जिले की चारों विधानसभा सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के अलावे, कई ऐसे निर्दलीय प्रत्याशी हैं, जिन्होंने दोनों महागठबंधन के खेल को पूरी तरह से बिगाड़ दिया है. यही कारण है कि बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ भी इस बार समीकरण बैठाने में सफल नहीं हो रहे हैं.
60 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला
मतदाता ने सभी प्रत्याशियों के साथ अपनी हमदर्दी दिखाकर सस्पेंस की दीवार को और मोटा कर दिया है. 28 अक्टूबर को जिले के 1844 मतदान केंद्रों पर, 12 लाख 66 हजार मतदाता चारों विधानसभा क्षेत्र के 60 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे.
राजपुर विधानसभा क्षेत्र से एनडीए उम्मीदवार
डुमराव विधानसभा क्षेत्र से 18, ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र से 14, बक्सर विधान सभा क्षेत्र से 14 और राजपुर विधानसभा क्षेत्र से 14 प्रत्याशी मैदान में हैं. बिहार सरकार के परिवहन मंत्री और राजपुर विधानसभा क्षेत्र से एनडीए उम्मीदवार, संतोष निराला ने कहा कि जनता आशीर्वाद देने के लिए पहले से तैयार हैं.
एनडीए की बनेगी सरकार
एनडीए के उम्मीदवार जिले के चारों विधानसभा सीट जीतेंगे और नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर बिहार में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार एनडीए की बनेगी. वहीं राजद के पूर्व जिला अध्यक्ष भरत यादव ने कहा कि, इस बार लालटेन की रौशनी से दीपावली में पूरा बिहार जगमगायेगा. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में, महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है.
भयमुक्त वातावरण में चुनाव
इस बार महागठबंधन की आंधी में नीतीश कुमार का नामोनिशान बिहार के पटल से मिट जाएगा. बता दें निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में चुनाव संपन्न कराने के लिए अर्धसैनिक बल के 50 कंपनियों को मतदान केंद्र पर तैनात किया जाएगा.
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कई स्तर पर कार्यक्रम कराए जा रहे हैं. पोस्टर और बैलेट के माध्यम से वृद्ध दिव्यांग के घर-घर जाकर मतदान कराया जा रहा है.