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जिला विधिक प्राधिकार के माध्यम से असहाय और निशक्त लोगों को मिलेगा न्याय: जिला एवं सत्र न्यायाधीश

पूरे देश में असहाय और निशक्त लोगों को राष्ट्रीय विधिक जागरुकता प्राधिकार (National Legal Awareness Authority) के निर्देश पर कानूनी सहायता उपलब्ध करायी जा रही है. इसके लिए सभी जिलों में जिला विधिक प्राधिकार (District Legal Authority) बनाये गये हैं, जहां पर संपर्क करने पर लोगों को मदद मिलेगी. ईटीवी भारत से बात करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने इसकी विस्तृत जानकारी दी.

जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह
जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह
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Published : Nov 14, 2021, 10:20 PM IST

Updated : Nov 14, 2021, 10:55 PM IST

बक्सर: देश में लोगों को कानूनी तौर पर जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय विधिक जागरुकता प्राधिकार (National Legal Awareness Authority) के निर्देश पर पूरे देश में व्यापक और सघन रूप से विधिक जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. जिला स्तर पर इसे जिला विधिक प्राधिकार (District Legal Authority) के द्वारा संचालित किया जाता है. जिसके अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश होते हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Father of Nation Mahatma Gandhi) के जन्मदिन 2 अक्टूबर से प्रारंभ हुआ यह अभियान 14 नवंबर तक चला.

ये भी पढ़ें- ETV भारत से बोलीं SUPER 30 की बाल कलाकार- 'बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं, सरकार दे अच्छा प्लेटफार्म'

इस दौरान जिले में कई तरह के कार्यक्रम चलाये गये और जागरुकता रैली निकाली गई. जिसे डालसा अध्यक्ष सह जिला जज अंजनी कुमार सिंह एवं डालसा सचिव सह अपर जिला जज धर्मेंद्र तिवारी ने संयुक्त रूप से झंडी दिखाकर रवाना किया. इस डालसा अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने विधिक जागरुकता के बारे में ईटीवी भारत से बातचीत की और लोग कैसे यहां तक पहुंचे और संपर्क करें उसकी जानकारी दी.

देखें वीडियो

सवाल- सबसे पहले आपसे हम यह जानना चाहेंगे कि हमारे देश में राष्ट्रीय विधिक जागरूकता प्राधिकार की जरूरत कब और क्यों पड़ी ?

जवाब- इसकी जरूरत तो पहले से ही थी किंतु जिला विधिक सेवा प्राधिकार, राज्य स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकार एवं राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार का गठन किया गया. देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. उसी कार्यक्रम के तहत हमारे इस प्राधिकार के राष्ट्रीय संस्था जो नालसा है, उसके माननीय चेयरमैन के निर्देशानुसार हम लोग जिला स्तर पर सभी पैरा लीगल वॉलिंटियर्स, विद्वान अधिवक्ता गण और जो पैनल लॉयर हैं, उन लोगों की मदद से हमारे देश में जितने कानून लागू हैं, उनके हितों के संरक्षण के लिए जो प्रावधान बनाये गये हैं. जानकारी के अभाव में लोग उसका लाभ नहीं ले पातें हैं. केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा निशक्त और आवश्यकता वाले लोगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही है. उसकी जानकारी देने की हम कोशिश कर रहे हैं.

इस संस्था के बारे में भी बहुत लोग नहीं जानते थे और साधारण रूप से यह अवधारणा थी लोगों में कि न्याय बहुत महंगा है, वकील बहुत महंगे हैं और बहुत ज्यादा कानूनी फीस लगती है तो न्याय नहीं मिलेगा. उसी भ्रम को दूर करने के लिए इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है. वर्तमान में इसको एक आंदोलन के रूप में हम लोग जिले के हर गांव और हर घर तक जानकारी पहुंचा रहे हैं. जानकारी के अभाव में, पैसे के अभाव में जो कानून बनाए गए हैं, वह निशक्त लोगों को बिना अधिवक्ता का फीस दिए हुए न्याय दिलााएगा. इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार आपके पहुंच में है. इसके लिए प्रधिकार के द्वारा जारी फोन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है. इसके सेक्रेटरी जरुरत रहने पर मदद करेंगे, उनसे संपर्क किया जा सकता है. कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत जो सुविधाएं दी गई हैं उसका उपयोग करते हुए, हम सभी लोगों को न्याय दिलाएंगे.

सवाल- समाज में आज भी शिक्षा का अभाव है, गरीबी भी बहुत है. ऐसे में लोग पुलिस और कोर्ट में जाने से डरते हैं. ऐसी परिस्थिति में पीड़ित को कहां जाना चाहिए?

जवाब- इसके लिए हर क्षेत्र में पारा विधिक वालंटियर्स बनाये गये हैं. पूरे जिले में करीब सौ की संख्या में पारा लीगल वालंटियर हैं. उसी तरह से पैनल लॉयर्स भी बनाए गए हैं. ऐसी परिस्थिति में उनसे संपर्क किया जा सकता है. उनसे संपर्क करने में न तो हिचक होनी चाहिए और न ही डर. इसी चीज को दूर करने के लिए इस पूरे अभियान को 2 अक्टूबर से शुरू करके 14 नवंबर तक चलाया गया. जानकारी नहीं होने पर औरतें, बच्चे, सीनियर सिटीजन और किसी बीमारी से पीड़ित या दिव्यांग अपने नजदीकी पारा विधिक वालंटियर्स बतायें. हमारी संस्था जो जिला विधिक सेवा प्राधिकार हैं, इसके सचिव और कर्मचारियों से संपर्क करने पर बिना किसी खर्च की पीड़ितों की समस्या का समाधान करेंगे.

सवाल- लोगों के मन में अवधारणा है कि जो चीज निःशुल्क मिलती है ठीक नहीं होगी. ऐसे में जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा जो अधिवक्ता उपलब्ध कराये जातें हैं वे काबिल नहीं होंगे?

जवाब- ऐसा बिल्कुल नहीं है, हमारे बिहार राज्य सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा जो पैनल बनाया गया है. माननीय न्यायमूर्ति जो नालसा के चेयरमैन साहब हैं उनके द्वारा बार-बार हम लोगों को गाइड किया जाता है. ऐसा नहीं है कि जो सक्षम हो वह बढ़िया और जानकार वकील रख लें. जो कमजोर है, पैसा देने में सक्षम नहीं है उसके लिए कोई भी वकील रखा जाए ऐसी बात नहीं है. इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि जो जानकार और सक्षम अधिवक्ता होंगे. उनको इस काम में लगाया जाएगा. हर समय प्रयास किया जाता है कि विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा की अच्छे से अच्छे और काबिल से काबिल अधिवक्ता को जिसको जरूरत हो, उसके लिए नियुक्त किया जाएगा ताकि उनके हित संरक्षण में किसी प्रकार की कोई कमी न रह जाए.


सवाल- आपस डालसा के अध्यक्ष भी हैं और जिला एवं सत्र न्यायाधीश भी है, इस जागरूकता अभियान का भविष्य आप कैसे देखते हैं?

जवाब- इसका भविष्य बहुत ही उज्ज्वल है. हमारे देश की जनता व जिले के लोगों में काफी जागरूकता आई है और अभी आगे भी आएगी. दिन प्रतिदिन इसमें और अच्छी प्रगति होगी. सभी लोगों को घर बैठे न्याय मिलने का भरपूर अवसर प्राप्त होगा. हम उम्मीद करते हैं और प्रयास भी करेंगे कि आगे अच्छा परिणाम निकले. जिससे जो लोग न्याय पाने से वंचित थे, जानकारी के अभाव में संसाधन के अभाव में न्याय नहीं पाते थे, हम लोग उन्हें दिलाने का प्रयास करेंगे.

सवाल- क्या इससे न्यायालयों पर जो मुकदमों का बोझ बढ़ रहा है, उसमें कमी आएगी ?

जवाब- बिल्कुल कमी आएगी. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे त्वरित न्याय मिलेगा. इसके माध्यम से समाधान कराने पर स्थाई समाधान होगा फिर अपील करने का, रिवीजन करने का जो सामान्य कानूनी प्रावधान बनाए गए हैं, उससे छुटकारा मिलेगा. यहां से समाधान का मतलब हमेशा के लिए मामले का निपटारा हो जाएगा. इससे गंभीर अपराधों में कमी आएगी और न्यायालय को त्वरित न्याय और निस्तारण करने का अवसर मिलेगा.

ये भी पढ़ें- 'वैशाली से खुलेगी औद्योगिक विकास की राह, 200 करोड़ की योजनाओं से पैदा होंगे रोजगार के अवसर'

बक्सर: देश में लोगों को कानूनी तौर पर जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय विधिक जागरुकता प्राधिकार (National Legal Awareness Authority) के निर्देश पर पूरे देश में व्यापक और सघन रूप से विधिक जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. जिला स्तर पर इसे जिला विधिक प्राधिकार (District Legal Authority) के द्वारा संचालित किया जाता है. जिसके अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश होते हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Father of Nation Mahatma Gandhi) के जन्मदिन 2 अक्टूबर से प्रारंभ हुआ यह अभियान 14 नवंबर तक चला.

ये भी पढ़ें- ETV भारत से बोलीं SUPER 30 की बाल कलाकार- 'बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं, सरकार दे अच्छा प्लेटफार्म'

इस दौरान जिले में कई तरह के कार्यक्रम चलाये गये और जागरुकता रैली निकाली गई. जिसे डालसा अध्यक्ष सह जिला जज अंजनी कुमार सिंह एवं डालसा सचिव सह अपर जिला जज धर्मेंद्र तिवारी ने संयुक्त रूप से झंडी दिखाकर रवाना किया. इस डालसा अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने विधिक जागरुकता के बारे में ईटीवी भारत से बातचीत की और लोग कैसे यहां तक पहुंचे और संपर्क करें उसकी जानकारी दी.

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सवाल- सबसे पहले आपसे हम यह जानना चाहेंगे कि हमारे देश में राष्ट्रीय विधिक जागरूकता प्राधिकार की जरूरत कब और क्यों पड़ी ?

जवाब- इसकी जरूरत तो पहले से ही थी किंतु जिला विधिक सेवा प्राधिकार, राज्य स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकार एवं राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार का गठन किया गया. देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. उसी कार्यक्रम के तहत हमारे इस प्राधिकार के राष्ट्रीय संस्था जो नालसा है, उसके माननीय चेयरमैन के निर्देशानुसार हम लोग जिला स्तर पर सभी पैरा लीगल वॉलिंटियर्स, विद्वान अधिवक्ता गण और जो पैनल लॉयर हैं, उन लोगों की मदद से हमारे देश में जितने कानून लागू हैं, उनके हितों के संरक्षण के लिए जो प्रावधान बनाये गये हैं. जानकारी के अभाव में लोग उसका लाभ नहीं ले पातें हैं. केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा निशक्त और आवश्यकता वाले लोगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही है. उसकी जानकारी देने की हम कोशिश कर रहे हैं.

इस संस्था के बारे में भी बहुत लोग नहीं जानते थे और साधारण रूप से यह अवधारणा थी लोगों में कि न्याय बहुत महंगा है, वकील बहुत महंगे हैं और बहुत ज्यादा कानूनी फीस लगती है तो न्याय नहीं मिलेगा. उसी भ्रम को दूर करने के लिए इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है. वर्तमान में इसको एक आंदोलन के रूप में हम लोग जिले के हर गांव और हर घर तक जानकारी पहुंचा रहे हैं. जानकारी के अभाव में, पैसे के अभाव में जो कानून बनाए गए हैं, वह निशक्त लोगों को बिना अधिवक्ता का फीस दिए हुए न्याय दिलााएगा. इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार आपके पहुंच में है. इसके लिए प्रधिकार के द्वारा जारी फोन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है. इसके सेक्रेटरी जरुरत रहने पर मदद करेंगे, उनसे संपर्क किया जा सकता है. कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत जो सुविधाएं दी गई हैं उसका उपयोग करते हुए, हम सभी लोगों को न्याय दिलाएंगे.

सवाल- समाज में आज भी शिक्षा का अभाव है, गरीबी भी बहुत है. ऐसे में लोग पुलिस और कोर्ट में जाने से डरते हैं. ऐसी परिस्थिति में पीड़ित को कहां जाना चाहिए?

जवाब- इसके लिए हर क्षेत्र में पारा विधिक वालंटियर्स बनाये गये हैं. पूरे जिले में करीब सौ की संख्या में पारा लीगल वालंटियर हैं. उसी तरह से पैनल लॉयर्स भी बनाए गए हैं. ऐसी परिस्थिति में उनसे संपर्क किया जा सकता है. उनसे संपर्क करने में न तो हिचक होनी चाहिए और न ही डर. इसी चीज को दूर करने के लिए इस पूरे अभियान को 2 अक्टूबर से शुरू करके 14 नवंबर तक चलाया गया. जानकारी नहीं होने पर औरतें, बच्चे, सीनियर सिटीजन और किसी बीमारी से पीड़ित या दिव्यांग अपने नजदीकी पारा विधिक वालंटियर्स बतायें. हमारी संस्था जो जिला विधिक सेवा प्राधिकार हैं, इसके सचिव और कर्मचारियों से संपर्क करने पर बिना किसी खर्च की पीड़ितों की समस्या का समाधान करेंगे.

सवाल- लोगों के मन में अवधारणा है कि जो चीज निःशुल्क मिलती है ठीक नहीं होगी. ऐसे में जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा जो अधिवक्ता उपलब्ध कराये जातें हैं वे काबिल नहीं होंगे?

जवाब- ऐसा बिल्कुल नहीं है, हमारे बिहार राज्य सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा जो पैनल बनाया गया है. माननीय न्यायमूर्ति जो नालसा के चेयरमैन साहब हैं उनके द्वारा बार-बार हम लोगों को गाइड किया जाता है. ऐसा नहीं है कि जो सक्षम हो वह बढ़िया और जानकार वकील रख लें. जो कमजोर है, पैसा देने में सक्षम नहीं है उसके लिए कोई भी वकील रखा जाए ऐसी बात नहीं है. इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि जो जानकार और सक्षम अधिवक्ता होंगे. उनको इस काम में लगाया जाएगा. हर समय प्रयास किया जाता है कि विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा की अच्छे से अच्छे और काबिल से काबिल अधिवक्ता को जिसको जरूरत हो, उसके लिए नियुक्त किया जाएगा ताकि उनके हित संरक्षण में किसी प्रकार की कोई कमी न रह जाए.


सवाल- आपस डालसा के अध्यक्ष भी हैं और जिला एवं सत्र न्यायाधीश भी है, इस जागरूकता अभियान का भविष्य आप कैसे देखते हैं?

जवाब- इसका भविष्य बहुत ही उज्ज्वल है. हमारे देश की जनता व जिले के लोगों में काफी जागरूकता आई है और अभी आगे भी आएगी. दिन प्रतिदिन इसमें और अच्छी प्रगति होगी. सभी लोगों को घर बैठे न्याय मिलने का भरपूर अवसर प्राप्त होगा. हम उम्मीद करते हैं और प्रयास भी करेंगे कि आगे अच्छा परिणाम निकले. जिससे जो लोग न्याय पाने से वंचित थे, जानकारी के अभाव में संसाधन के अभाव में न्याय नहीं पाते थे, हम लोग उन्हें दिलाने का प्रयास करेंगे.

सवाल- क्या इससे न्यायालयों पर जो मुकदमों का बोझ बढ़ रहा है, उसमें कमी आएगी ?

जवाब- बिल्कुल कमी आएगी. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे त्वरित न्याय मिलेगा. इसके माध्यम से समाधान कराने पर स्थाई समाधान होगा फिर अपील करने का, रिवीजन करने का जो सामान्य कानूनी प्रावधान बनाए गए हैं, उससे छुटकारा मिलेगा. यहां से समाधान का मतलब हमेशा के लिए मामले का निपटारा हो जाएगा. इससे गंभीर अपराधों में कमी आएगी और न्यायालय को त्वरित न्याय और निस्तारण करने का अवसर मिलेगा.

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Last Updated : Nov 14, 2021, 10:55 PM IST
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