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Buxar News: एक बार फिर मैदान में उतरेगा अनंत सिंह का 'लाडला', 22 फरवरी को मचाएगा 'धूम'

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Published : Feb 17, 2023, 3:37 PM IST

Updated : Feb 17, 2023, 5:07 PM IST

बिहार के बक्सर में महाशिवरात्रि के मौके पर 22 फरवरी को घुड़दौड़ प्रतियोगिता होगी. इस प्रतियोगिता में बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह का घोड़ा लाडला एक बार फिर शामिल होगा. पिछले बार बक्सर के चौसा का घोड़ा साधु ने लाडला को हराया था. लाडला दूसरे नंबर पर रहा था. इस बार फिर लाडला मैदान में उतरने के लिए तैयार है.

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बक्सरः बिहार के बक्सर में घुड़दौड़ प्रतियोगिता (Buxar Horse Racing Competition) की तैयारी लगभग पूरी हो गई है. महाशिवरात्रि के मौके पर लगने वाला फाल्गुनी मेला में हर सार यह प्रतियोगिता होती है, जिसमें बिहार के कई नामी लोगों का घोड़ा रेस में भाग लेता है. पिछले बार की प्रतिगोगिता में बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह का घोड़ा रेस में दूसरे नंबर पर रहा था. ऐसे में इस बार लाडला एक बार फिर प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पहुंचा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि सिसायत के मैदान में जीतने वाले नेता का लाडला क्या करता है?

यह भी पढ़ेंः मुजफ्फरपुर में घुड़दौड़ प्रतियोगिता, भूमि सुधार मंत्री ने प्रतिभागियों को किया पुरस्कृत

22 फरवरी को घुड़दौड़ प्रतियोगिताः बिहार के बक्सर में 22 फरवरी को घुड़दौड़ प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी. पिछले साल की हारी हुई बाजी को जीत में तब्दील करने को लेकर तैयारी जारी है. बता दें कि जिले के डुमरांव अनुमंडल अंतर्गत बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की नगरी ब्रह्मपुर में प्रत्येक साल महाशिवरात्रि के मौके पर पशु मेला का आयोजन किया जाता है. देश के कोने कोने से घोड़े का शौक रखने वाले लोग अपने-अपने घोड़े को लेकर आते हैं. घोड़े को प्रतियोगिता में शामिल किया जाता है. यहां से कई लोग घोड़ा खरीदते भी हैं.

साधु ने लाडला को धूल चटाया थाः मारवाड़ और सिंध प्रजाति के घोड़े के लिए मशहूर यह मे काफी प्रसिद्ध है. इस मेले में लोगों को सबसे ज्यादा मारवाड़, सिंध, पंजाब एवं बिहार के खगड़िया नश्ल के घोड़े को लोग बेहद पसंद करते हैं. पिछले साल बक्सर के साधु ने लाडला को धूल चटाया था. लाडला को बक्सर के चौसा प्रखण्ड के निवासी मधु यादव के घोड़े साधु ने प्रथम पुरस्कार जीता था. अनन्त सिंह के समर्थकों ने बताया कि पिछले साल विधायक जी की परेशानी के कारण इस घोड़े की देखरेख नहीं हो पाई थी, लेकिन इस बार यह लाडला हारी हुई बाजी को जीत में बदल देगा.

मेले के अस्तित्व पर संकटः स्थानीय लोगों ने बताया कि मुगल काल से यहां मेले का आयोजन हो रहा है. सोनपुर के बाद यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा पशु मेला है. समय के साथ अब इस मेले का नामो निशान मिटते जा रहा है. प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण अब लोग इस मेले की जमीन पर कब्जा करने से लेकर, आने वाले व्यपारियों से अवैध वसूली करने लगे. जिस कारण मेले के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. 22 फरवरी को घुड़दौड़ प्रतियोगिता उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल हो सकते हैं.

बक्सरः बिहार के बक्सर में घुड़दौड़ प्रतियोगिता (Buxar Horse Racing Competition) की तैयारी लगभग पूरी हो गई है. महाशिवरात्रि के मौके पर लगने वाला फाल्गुनी मेला में हर सार यह प्रतियोगिता होती है, जिसमें बिहार के कई नामी लोगों का घोड़ा रेस में भाग लेता है. पिछले बार की प्रतिगोगिता में बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह का घोड़ा रेस में दूसरे नंबर पर रहा था. ऐसे में इस बार लाडला एक बार फिर प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पहुंचा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि सिसायत के मैदान में जीतने वाले नेता का लाडला क्या करता है?

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22 फरवरी को घुड़दौड़ प्रतियोगिताः बिहार के बक्सर में 22 फरवरी को घुड़दौड़ प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी. पिछले साल की हारी हुई बाजी को जीत में तब्दील करने को लेकर तैयारी जारी है. बता दें कि जिले के डुमरांव अनुमंडल अंतर्गत बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की नगरी ब्रह्मपुर में प्रत्येक साल महाशिवरात्रि के मौके पर पशु मेला का आयोजन किया जाता है. देश के कोने कोने से घोड़े का शौक रखने वाले लोग अपने-अपने घोड़े को लेकर आते हैं. घोड़े को प्रतियोगिता में शामिल किया जाता है. यहां से कई लोग घोड़ा खरीदते भी हैं.

साधु ने लाडला को धूल चटाया थाः मारवाड़ और सिंध प्रजाति के घोड़े के लिए मशहूर यह मे काफी प्रसिद्ध है. इस मेले में लोगों को सबसे ज्यादा मारवाड़, सिंध, पंजाब एवं बिहार के खगड़िया नश्ल के घोड़े को लोग बेहद पसंद करते हैं. पिछले साल बक्सर के साधु ने लाडला को धूल चटाया था. लाडला को बक्सर के चौसा प्रखण्ड के निवासी मधु यादव के घोड़े साधु ने प्रथम पुरस्कार जीता था. अनन्त सिंह के समर्थकों ने बताया कि पिछले साल विधायक जी की परेशानी के कारण इस घोड़े की देखरेख नहीं हो पाई थी, लेकिन इस बार यह लाडला हारी हुई बाजी को जीत में बदल देगा.

मेले के अस्तित्व पर संकटः स्थानीय लोगों ने बताया कि मुगल काल से यहां मेले का आयोजन हो रहा है. सोनपुर के बाद यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा पशु मेला है. समय के साथ अब इस मेले का नामो निशान मिटते जा रहा है. प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण अब लोग इस मेले की जमीन पर कब्जा करने से लेकर, आने वाले व्यपारियों से अवैध वसूली करने लगे. जिस कारण मेले के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. 22 फरवरी को घुड़दौड़ प्रतियोगिता उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल हो सकते हैं.

Last Updated : Feb 17, 2023, 5:07 PM IST
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