बक्सर: बिहार के बक्सर में गंगा विलास क्रूज (Ganga Vilas Cruise in Buxar) 32 विदेशी पर्यटकों को लेकर शहर के रामरेखा घाट पर पहुंचा. जहां पहले से मौजूद एसडीएम धीरेन्द्र मिश्रा और एडीएम प्रीतेश्वर प्रसाद ने सभी विदेशी पर्यटकों का भारतीय संस्कृति के अनुसार स्वागत किया. इस दौरान जर्मनी, स्विटजर लैंड समेत कई देशों से आए सैलानियों ने अहिरौली में स्थित मां अहिल्या के उद्धार स्थली से लेकर भगवान राम से जुड़े कई स्थलों और संग्रहालय का भ्रमण किया. वहीं मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सैलानियो ने अपनी इस यात्रा को काफी मजेदार बताया.
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पीएम मोदी 13 जनवरी को दिखाएंगे हरी झंडी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 13 जनवरी को दुनिया के सबसे लंबे इस लक्जरी रिवर क्रूज गंगा विलास को हरी झंडी दिखाएंगे. क्रूज उत्तर प्रदेश के वाराणसी से असम के डिब्रूगढ़ तक 50 दिनों में 4000 किलोमीटर की दूरी तय करेगा. क्रूज भारत और बांग्लादेश में 27 नदियों से होकर गुजरेगा और पर्यटकों को वर्ल्ड हेरीटेज स्थलों सहित 50 से अधिक पर्यटक स्थलों पर ले जाया जाएगा.
दुनिया की सबसे लंबी नदी यात्रा: यह दुनिया में किसी रिवर बोट से की जाने वाली सबसे बड़ी नदी यात्रा होगी। गंगा विलास क्रूज 1 मार्च को असम के डिब्रूगढ़ जिले में बोगीबील पहुंचने से पहले कोलकाता और ढाका जैसे प्रमुख शहरों से गुजरेगा। साथ ही, विशाल क्रूज सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान सहित राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों से होकर गुजरेगा। इससे पहले नवंबर में, बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ट्वीट किया था, "दुनिया की सबसे लंबी नदी क्रूज अगले साल जनवरी में अपनी यात्रा शुरू करेगी। गंगा विलास भारत की दो सबसे बड़ी नदियों, गंगा और ब्रह्मपुत्र पर 4,000 किमी की दूरी तय करते हुए पवित्र वाराणसी से बांग्लादेश होते हुए डिब्रूगढ़ तक रवाना होगी।
32 विदेशी सैलानियों ने किया सफर: 21 दिसंबर को कोलकाता से वाराणसी के लिए रवाना हुआ यह क्रूज 7 जनवरी को बक्सर पहुंचा है हलाकि पहले 5 जनवरी को ही इस क्रूज को बक्सर आना था. 2 घण्टे के ठहराव के बाद यह क्रूज वाराणसी के लिए रवाना हो गया. वाराणसी में 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इस यात्रा का विधिवत शुभारंभ तथा यात्रियों का स्वागत किया जाएगा. वापसी के क्रम में यह यात्रा 15 जनवरी को पुनः बक्सर पहुंचेगी और 31 मार्च को कोलकाता में पहुंचकर यह यात्रा समाप्त हो जाएगी. यात्रा को लेकर राष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण के द्वारा बक्सर जिला प्रशासन से सुरक्षा देने का आग्रह किया गया था.
राम रेखा घाट पर बनाया गया प्लेटफार्म: बक्सर में सैलानियों के आने और उतरने के लिए रामरेखा घाट पर पहले से प्लेटफार्म बनाया गया था. अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि दो दिन पहले ही इस क्रूज को बक्सर में आना था. जो आज 32 सैलानियो के साथ यहां पहुचा है. सभी सैलानी स्विटजर लैंड के है. 2 घंटे के ठहराव के बाद क्रूज गाजीपुर होते हुए वरणासी के लिए रवाना हो गई है. विदेशी पर्यटकों के सुरक्षा के लिये पुख्ता इंतजाम किया गया था. वहीं एडीएम प्रीतेश्वर प्रसाद ने बताया कि इस क्रूज में फाइव स्टार होटल के सभी सुविधा उपलब्ध है.
"दो दिन पहले ही इस क्रूज को बक्सर में आना था. जो आज 32 सैलानियो के साथ यहां पहुचा है. सभी सैलानी स्विटजर लैंड के है. 2 घंटे के ठहराव के बाद क्रूज गाजीपुर होते हुए वरणासी के लिए रवाना हो गई है. विदेशी पर्यटकों के सुरक्षा के लिये पुख्ता इंतजाम किया गया था."- धीरेन्द्र मिश्रा एसडीएम
निम्न सुविधाओं से लैश है यह क्रूज: इस लग्जरी क्रूज में सांस्कृतिक कार्यक्रम, लाइव संगीत, एक जिम, एक स्पा, एक ओपन-एयर ऑब्जर्वेशन डेक, व्यक्तिगत बटलर सेवा आदि जैसी कई आकर्षक गतिविधियां भी होंगी. आधिकारिक जानकारी के अनुसार, क्रूज की क्षमता 80 यात्रियों की है. गंगा विलास क्रूज को एक अद्वितीय डिजाइन और भविष्य की दृष्टि से बनाया गया है. यह क्रूज कोलकाता की हुगली नदी के साथ-साथ वाराणसी की गंगा नदी के किनारे विभिन्न प्रमुख स्थलों से होकर गुजरेगा.
समय और मार्ग का किया गया निर्धारण: यह यात्रा वराणसी गंगा नदी से शुरू होगी और 8वें दिन पटना पहुंचेगी. लग्जरी जहाज बक्सर, रामनगर और गाजीपुर से होकर गुजरेगा. क्रूज फरक्का और मुर्शिदाबाद होते हुए 20 वें दिन कोलकाता पहुंचेगा. अगले दिन जहाज ढाका के लिए रवाना होगा और बांग्लादेश सीमा में प्रवेश करेगा, जहां वह अगले 15 दिनों तक रहेगा. अपनी वापसी पर, जहाज सिबसागर के माध्यम से नौकायन करने और डिब्रूगढ़ में अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंचने से पहले गुवाहाटी से होकर गुजरेगा.