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Buxar News: बाहुबली आनंद मोहन के साथ-साथ बक्सर के 4 सजायाफ्ता कैदियों को मिला लाभ, तीन की हुई रिहाई

पूर्व सांसद आनंद मोहन समेत जिन 27 कैदियों को रिहा करने का राज्य सरकार ने आदेश जारी किया है, उनमें बक्सर जेल में बंद 4 कैदी भी शामिल हैं. हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन कैदियों को मंगलवार को रिहा कर दिया गया, जबकि एक अन्य की रिहाई जुर्माना नहीं देने के कारण नहीं हो पाई है. जुर्माना नहीं देने पर उन्हें एक महीना 15 दिन जेल में और गुजारने होंगे. पढ़ें पूरी खबर...

बक्सर के चार सजायाफ्ता कैदियों की जेल से रिहाई
बक्सर के चार सजायाफ्ता कैदियों की जेल से रिहाई
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Published : Apr 25, 2023, 10:18 PM IST

Updated : Apr 26, 2023, 8:29 AM IST

बक्सर के चार सजायाफ्ता कैदियों की जेल से रिहाई

बक्सर: पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन को रिहा करने का आदेश जारी होते ही बिहार के विभिन्न जिलों से 27 कैदियों को छोड़े जाने की लिस्ट जारी हो (Release of four convicted prisoners) गई. जिसका बिहार के बक्सर जेल में 14 वर्षों से बंद चार कैदियों को लाभ मिला. इसमें से तीन कैदियो को मंगलवार जेल से रिहा कर दिया गया. जबकी एक अन्य की रिहाई जुर्माना नहीं देने के कारण नहीं हो पाई है. जुर्माना नहीं देने पर उन्हें 1 माह 15 दिन और जेल में गुजारने होंगे.

ये भी पढ़ें: Firing In Buxar: जमीन विवाद में दो पक्षों में चली गोली, एक व्यक्ति की मौत


14 वर्ष से बंद थे : जेल से तीनों कैदियों की रिहाई का जानकारी देते हुए केंद्रीय कारा अधीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि जेल महानिरीक्षक के द्वारा जारी आदेश के आलोक में फिलहाल छपरा निवासी जितेंद्र सिंह, आरा निवासी किशुनदेव राय, तथा नालंदा के राजबल्लभ यादव और रामाधार राम को छोड़े जाने का आदेश जारी हुआ है. इन चारों कैदियों ने 14 वर्षों से ज्यादा की सजा काट ली है.

1 माह 15 दिन और जेल में गुजारने होंगे: केंद्रीय कारा अधीक्षक ने बताया कि एक कैदी रामाधार राम को फिलहाल नहीं छोड़े जा रहा है. क्योंकि उन्हें अर्थदंड भी जमा करना था, जो उन्होंने अब तक नहीं जमा किया है. ऐसे में यदि वह अर्थदंड जमा करते हैं तो उनकी रिहाई होगी अन्यथा उन्हें 1 माह 15 दिन और जेल में गुजारने होंगे.

"जेल महानिरीक्षक के द्वारा जारी आदेश के आलोक में फिलहाल छपरा निवासी जितेंद्र सिंह, आरा निवासी किशुनदेव राय और नालंदा के राजबल्लभ यादव, तथा रामाधार राम को छोड़े जाने का आदेश जारी हुआ है. इन चारों कैदियो ने 14 वर्षों से ज्यादा की सजा काट ली है." -राजीव कुमार, केंद्रीय कारा अधीक्षक

कैदियों ने कहा, आज हुआ दूसरा जन्म : जेल से छूटे बंदियों से जब ईटीवी भारत की टीम ने बात की तो उन्होंने बताया कि वह मान चुके थे कि अब उनकी मौत के बाद यहां से उनकी रिहाई होगी. लेकिन आज अपनी रिहाई को वह दूसरा जन्म मान रहे हैं. उन्होंने बताया कि झगड़े के दौरान हत्या हो जाने और बागीचे में आम तोड़ने के दौरान मारपीट में मौत हो जाने जैसे हत्याओं के मामलों में वह आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे थे.

बक्सर के चार सजायाफ्ता कैदियों की जेल से रिहाई

बक्सर: पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन को रिहा करने का आदेश जारी होते ही बिहार के विभिन्न जिलों से 27 कैदियों को छोड़े जाने की लिस्ट जारी हो (Release of four convicted prisoners) गई. जिसका बिहार के बक्सर जेल में 14 वर्षों से बंद चार कैदियों को लाभ मिला. इसमें से तीन कैदियो को मंगलवार जेल से रिहा कर दिया गया. जबकी एक अन्य की रिहाई जुर्माना नहीं देने के कारण नहीं हो पाई है. जुर्माना नहीं देने पर उन्हें 1 माह 15 दिन और जेल में गुजारने होंगे.

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14 वर्ष से बंद थे : जेल से तीनों कैदियों की रिहाई का जानकारी देते हुए केंद्रीय कारा अधीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि जेल महानिरीक्षक के द्वारा जारी आदेश के आलोक में फिलहाल छपरा निवासी जितेंद्र सिंह, आरा निवासी किशुनदेव राय, तथा नालंदा के राजबल्लभ यादव और रामाधार राम को छोड़े जाने का आदेश जारी हुआ है. इन चारों कैदियों ने 14 वर्षों से ज्यादा की सजा काट ली है.

1 माह 15 दिन और जेल में गुजारने होंगे: केंद्रीय कारा अधीक्षक ने बताया कि एक कैदी रामाधार राम को फिलहाल नहीं छोड़े जा रहा है. क्योंकि उन्हें अर्थदंड भी जमा करना था, जो उन्होंने अब तक नहीं जमा किया है. ऐसे में यदि वह अर्थदंड जमा करते हैं तो उनकी रिहाई होगी अन्यथा उन्हें 1 माह 15 दिन और जेल में गुजारने होंगे.

"जेल महानिरीक्षक के द्वारा जारी आदेश के आलोक में फिलहाल छपरा निवासी जितेंद्र सिंह, आरा निवासी किशुनदेव राय और नालंदा के राजबल्लभ यादव, तथा रामाधार राम को छोड़े जाने का आदेश जारी हुआ है. इन चारों कैदियो ने 14 वर्षों से ज्यादा की सजा काट ली है." -राजीव कुमार, केंद्रीय कारा अधीक्षक

कैदियों ने कहा, आज हुआ दूसरा जन्म : जेल से छूटे बंदियों से जब ईटीवी भारत की टीम ने बात की तो उन्होंने बताया कि वह मान चुके थे कि अब उनकी मौत के बाद यहां से उनकी रिहाई होगी. लेकिन आज अपनी रिहाई को वह दूसरा जन्म मान रहे हैं. उन्होंने बताया कि झगड़े के दौरान हत्या हो जाने और बागीचे में आम तोड़ने के दौरान मारपीट में मौत हो जाने जैसे हत्याओं के मामलों में वह आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे थे.

Last Updated : Apr 26, 2023, 8:29 AM IST
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