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इंसानियत शर्मसार: 8 महीने तक ईंट-भट्ठा पर बंधक बने थे 40 मजदूर, बर्तन बेचकर पहुंचे बक्सर रेलवे स्टेशन

एक तरफ कोरोना में लोग एक दूसरे की मदद कर रहे हैं, मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इंसानियत को शर्मसार करने में लगे हैं. 40 मजदूरों के साथ क्या हुआ आगे पढ़ें..

forty laborers hostage In buxar
forty laborers hostage In buxar
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Published : May 26, 2021, 6:21 PM IST

Updated : May 26, 2021, 6:46 PM IST

बक्सर: जिले के राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत डिहरी गांव (dehri village) में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. दरअसल मां जानकी ईंट भट्टे के मालिक ने 40 मजदूरों को बंधक बनाकर 8 महीने तक मजदूरी कराया, और पैसे मांगने पर मजदूरों को गोली मारने की धमकी देने लगा. किसी तरह मजदूर अपनी जान बचाकर वहां से भागे. बताया जा रहा है कि बिहार के भागलपुर के सभी मजदूर रहने वाले हैं.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- बिहार में एंट्री करने वाला है तूफान 'यास', मौसम विभाग ने जारी किया है रेड, ऑरेंज और यलो अलर्ट

40 मजदूरों को बनाया गया था बंधक
जिले के राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत डिहरी गांव से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. जहां मां जानकी ईंट भट्ठे के मालिक ने भागलपुर के रहने वाले 40 मजदूरों से 8 महीने तक काम करवाया. और जब बरसात का हवाला देकर मजदूर घर जाने के लिए पैसा मांगने लगे तो उन्हें गोली मारने की धमकी देकर डराया गया. जिसके बाद मजदूर स्थानीय लोगों को बर्तन बेचकर किसी तरह गाड़ी के किराए का जुगाड़ कर, बक्सर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे. जहां पत्रकारों की नजर उन पर पड़ी तो सभी फूट-फूट कर रोने लगे.

forty laborers hostage In buxar
40 मजदूरों को बनाया गया था बंधक

सामाजिक कार्यकर्ता ने की मदद
बक्सर रेलवे स्टेशन पर मजदूरों की हालात को देख स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें भोजन का पैकेट उपलब्ध कराया. साथ ही पैसे की व्यवस्था कर उन्हें भागलपुर भिजवाया. मामला तूल पकड़ता देख स्थानीय पुलिस ने ईंट भट्ठा मालिक से मोटी रकम लेकर, भट्टे पर मजदूर सप्लाई करने वाले ठेकेदार से आवेदन लिखवा लिया. आवेदन में लिखवाया गया कि 'चिमनी भट्ठा मालिक ने पूरे पैसे का भुगतान कर दिया है.

क्या कहते हैं मजदूर
बक्सर रेलवे स्टेशन पर ईटीवी भारत के संवाददाता से बात करते हुए मजदूरों ने बताया कि महीने में हजार, 15 सौ रुपए भोजन सामग्री की खरीदारी करने के लिए कभी कभार ईंट भट्ठा मालिक के द्वारा भुगतान किया जाता था. लेकिन जब भी हम लोग पैसे की मांग करते थे तो भट्ठा मालिक हम लोगों की पिटाई कर चुप करा देता था. बरसात सर पर आया और भट्टे का काम बंद हो गया तो हम लोग घर जाने के लिए पैसे की मांग किये. इस पर हमें गोली मारने की धमकी दी जाने लगी. आज स्थानीय लोगों को हम लोग अपना बर्तन बेचकर किसी तरह से भागकर बक्सर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे हैं. हमलोगों के ठेकेदार को अभी भी लोहे की जंजीर में बांधकर भट्ठे के मालिक ने अपने पास ही रखा है.

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स्टेशन पहुंचे मजदूर की तस्वीर

'बारिश आने पर भट्टा बंद कर दिया. और खाना देना भी छह दिन से बंद कर दिया. पैसे मांगने पर मारने की धमकी दी जाती थी.'- मजदूर

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पैसे मांगने पर मजदूरों को गोली मारने की धमकी

यह भी पढ़ें- कोरोना बना काल: अब गमछा-चादर नहीं, दिन-रात कफन तैयार करने में जुटे मजदूर

मामले की लीपापोती की कोशिश
मामले को तूल पकड़ता देख स्थानीय पुलिस ने मजदूर सप्लाई करने वाले ठेकेदार को मुक्त कराकर, उससे यह आवेदन लिखवा लिया कि ईंट भट्ठा मालिक द्वारा पैसों की भुगतान कर दिया गया है. जिसके बाद आनन फानन में पुलिस के कहने पर ईंट भट्टा मालिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की. और मजदूर सप्लाई करने वाले ठेकेदार से भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कहवा दिया कि ईंट भट्ठे के मालिक ने मुझे पैसे की भुगतान कर दिया है. लेकिन ईटीवी भारत के तीखे सवालों में उलझे भट्टा मालिक कभी ठेकेदार तो कभी मजदूर को पैसा देने की बात कहकर खुद ही उलझ गए.

''ऐसा कुछ नहीं हुआ है. देखिए 22 हजार हम ठेकेदार को दिए हैं. हमने मजदूर को खिलाया पिलाया है. मजदूरों को पांच- पांच सौ रुपये और कपड़ा भी दिया गया है.'- शैलेन्द्र राय, ईंट भट्ठा मालिक

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शैलेन्द्र राय, ईंट भट्ठा मालिक

यह भी पढ़ें- दिल्ली में लॉकडाउन के कारण खाने के पड़े लाले, ऑटो रिक्शा से 5 दिनों में परिवार संग पहुंचा सुपौल

मजदूरों को कैसे मिलेगा न्याय?
हैरानी की बात है कि इस कोरोना काल में जिन अधिकारियों के कंधे पर मजदूरों को खाना खिलाने और न्याय दिलवाने की जिम्मेवारी है. वही अधिकारी चन्द रुपए की लालच में पूरी कहानी को ही बदल डाला है. और मजदूरों की बात करने वाले संवैधानिक पद पर बैठे अधिकारी उन मजदूरों का बयान लेने की जहमत तक नहीं उठा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- ये जो रोज कमाने-खाने वाले मजदूर हैं...लॉकडाउन ने छीना रोजगार, अब रोजी-रोटी का संकट

बक्सर: जिले के राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत डिहरी गांव (dehri village) में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. दरअसल मां जानकी ईंट भट्टे के मालिक ने 40 मजदूरों को बंधक बनाकर 8 महीने तक मजदूरी कराया, और पैसे मांगने पर मजदूरों को गोली मारने की धमकी देने लगा. किसी तरह मजदूर अपनी जान बचाकर वहां से भागे. बताया जा रहा है कि बिहार के भागलपुर के सभी मजदूर रहने वाले हैं.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- बिहार में एंट्री करने वाला है तूफान 'यास', मौसम विभाग ने जारी किया है रेड, ऑरेंज और यलो अलर्ट

40 मजदूरों को बनाया गया था बंधक
जिले के राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत डिहरी गांव से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. जहां मां जानकी ईंट भट्ठे के मालिक ने भागलपुर के रहने वाले 40 मजदूरों से 8 महीने तक काम करवाया. और जब बरसात का हवाला देकर मजदूर घर जाने के लिए पैसा मांगने लगे तो उन्हें गोली मारने की धमकी देकर डराया गया. जिसके बाद मजदूर स्थानीय लोगों को बर्तन बेचकर किसी तरह गाड़ी के किराए का जुगाड़ कर, बक्सर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे. जहां पत्रकारों की नजर उन पर पड़ी तो सभी फूट-फूट कर रोने लगे.

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40 मजदूरों को बनाया गया था बंधक

सामाजिक कार्यकर्ता ने की मदद
बक्सर रेलवे स्टेशन पर मजदूरों की हालात को देख स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें भोजन का पैकेट उपलब्ध कराया. साथ ही पैसे की व्यवस्था कर उन्हें भागलपुर भिजवाया. मामला तूल पकड़ता देख स्थानीय पुलिस ने ईंट भट्ठा मालिक से मोटी रकम लेकर, भट्टे पर मजदूर सप्लाई करने वाले ठेकेदार से आवेदन लिखवा लिया. आवेदन में लिखवाया गया कि 'चिमनी भट्ठा मालिक ने पूरे पैसे का भुगतान कर दिया है.

क्या कहते हैं मजदूर
बक्सर रेलवे स्टेशन पर ईटीवी भारत के संवाददाता से बात करते हुए मजदूरों ने बताया कि महीने में हजार, 15 सौ रुपए भोजन सामग्री की खरीदारी करने के लिए कभी कभार ईंट भट्ठा मालिक के द्वारा भुगतान किया जाता था. लेकिन जब भी हम लोग पैसे की मांग करते थे तो भट्ठा मालिक हम लोगों की पिटाई कर चुप करा देता था. बरसात सर पर आया और भट्टे का काम बंद हो गया तो हम लोग घर जाने के लिए पैसे की मांग किये. इस पर हमें गोली मारने की धमकी दी जाने लगी. आज स्थानीय लोगों को हम लोग अपना बर्तन बेचकर किसी तरह से भागकर बक्सर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे हैं. हमलोगों के ठेकेदार को अभी भी लोहे की जंजीर में बांधकर भट्ठे के मालिक ने अपने पास ही रखा है.

forty laborers hostage In buxar
स्टेशन पहुंचे मजदूर की तस्वीर

'बारिश आने पर भट्टा बंद कर दिया. और खाना देना भी छह दिन से बंद कर दिया. पैसे मांगने पर मारने की धमकी दी जाती थी.'- मजदूर

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पैसे मांगने पर मजदूरों को गोली मारने की धमकी

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मामले की लीपापोती की कोशिश
मामले को तूल पकड़ता देख स्थानीय पुलिस ने मजदूर सप्लाई करने वाले ठेकेदार को मुक्त कराकर, उससे यह आवेदन लिखवा लिया कि ईंट भट्ठा मालिक द्वारा पैसों की भुगतान कर दिया गया है. जिसके बाद आनन फानन में पुलिस के कहने पर ईंट भट्टा मालिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की. और मजदूर सप्लाई करने वाले ठेकेदार से भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कहवा दिया कि ईंट भट्ठे के मालिक ने मुझे पैसे की भुगतान कर दिया है. लेकिन ईटीवी भारत के तीखे सवालों में उलझे भट्टा मालिक कभी ठेकेदार तो कभी मजदूर को पैसा देने की बात कहकर खुद ही उलझ गए.

''ऐसा कुछ नहीं हुआ है. देखिए 22 हजार हम ठेकेदार को दिए हैं. हमने मजदूर को खिलाया पिलाया है. मजदूरों को पांच- पांच सौ रुपये और कपड़ा भी दिया गया है.'- शैलेन्द्र राय, ईंट भट्ठा मालिक

forty laborers hostage In buxar
शैलेन्द्र राय, ईंट भट्ठा मालिक

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मजदूरों को कैसे मिलेगा न्याय?
हैरानी की बात है कि इस कोरोना काल में जिन अधिकारियों के कंधे पर मजदूरों को खाना खिलाने और न्याय दिलवाने की जिम्मेवारी है. वही अधिकारी चन्द रुपए की लालच में पूरी कहानी को ही बदल डाला है. और मजदूरों की बात करने वाले संवैधानिक पद पर बैठे अधिकारी उन मजदूरों का बयान लेने की जहमत तक नहीं उठा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- ये जो रोज कमाने-खाने वाले मजदूर हैं...लॉकडाउन ने छीना रोजगार, अब रोजी-रोटी का संकट

Last Updated : May 26, 2021, 6:46 PM IST
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