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4 दिन बाद समाप्त हो रहा रोहिणी नक्षत्र, किसानों को अब तक नहीं मिल पाया धान का बिचड़ा

खेतों की उपज बढ़ाने और किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए विभाग अपने कर्मियों को प्रोजेक्टर और लैपटॉप उपलब्ध करा रहा है. ये लोग जिले के किसानों के बीच जाकर उन्हें नए तकनीक से खेती करने की शिक्षा देंगे.

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Published : Jun 3, 2020, 3:05 PM IST

बक्सर: भारत एक कृषि प्रधान देश है, लेकिन यहां किसानों की स्थिति सबसे दयनीय है. 12 महीने यहां के किसान धूप, तपिश, बारिश, बाढ़, सुखाड़ का दंश झेलते हैं. लेकिन किसानों की इन समस्यों को दूर करने के लिए न तो नेता न ही कोई अधिकारी सामने आते हैं. यही कारण है कि दिन-रात मेहनत करने के बाद भी ये किसान कर्ज के बोझ तले दबे रहते हैं.

जिले में 1 लाख 10 हजार से अधिक रजिस्टर्ड किसान
कृषि विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले के 11 प्रखंड के 142 पंचायत में कुल छोटे-बड़े 1 लाख 10 हजार से अधिक किसान रजिस्टर्ड हैं, जो कृषि से जुड़े हुए हैं. इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक ऐसे किसान हैं, जो दूसरे बड़े किसानों पर आश्रित हैं. ये किसान उनके कृषि यंत्रों से खेतों की जुताई और पटवन का काम करते हैं, तभी उनके खेतों में फसलों का उत्पादन होता है.

पेश है रिपोर्ट

4 दिन बाद रोहिणी नक्षत्र हो जाएगा समाप्त
25 मई से रोहिणी नक्षत्र का आगमन हो गया है. धान का बिचड़ा डालने के लिए यह नक्षत्र सबसे अच्छा माना जाता है. जो किसान इस नक्षत्र में धान का बिचड़ा डाल देते हैं, उनकी खरीफ के साथ रबी फसल का भी उत्पादन अच्छा होता है. जिले से अब तक 4 हजार 334 किसानों ने धान के बिचड़े के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है. लेकिन विभाग की तरफ से अब तक किसानों को ओटीपी नंबर भी नहीं भेजा गया है. ऐसे में किसान बिचड़ा कैसे प्राप्त करेंगे. बता दें कि 4 दिन बाद रोहिणी नक्षत्र भी समाप्त हो जाएगा.

ऑनलाइन आवेदन करने में आ रही दिक्कत
आषाढ़ महीने में किसानों को सबसे अधिक बिचड़े की सिंचाई और उसे तैयार करने के लिए डिलीवरी पाइप, छोटे-छोटे पंपसेट, कृषि यंत्र की जरूरत होती है. लेकिन विभाग ने इस यंत्रों को प्राप्त करने वाले पोर्टल को ही बंद कर रखा है. इस कारण किसानों को ऑनलाइन आवेदन करने में दिक्कतें आ रही हैं.

बक्सर: भारत एक कृषि प्रधान देश है, लेकिन यहां किसानों की स्थिति सबसे दयनीय है. 12 महीने यहां के किसान धूप, तपिश, बारिश, बाढ़, सुखाड़ का दंश झेलते हैं. लेकिन किसानों की इन समस्यों को दूर करने के लिए न तो नेता न ही कोई अधिकारी सामने आते हैं. यही कारण है कि दिन-रात मेहनत करने के बाद भी ये किसान कर्ज के बोझ तले दबे रहते हैं.

जिले में 1 लाख 10 हजार से अधिक रजिस्टर्ड किसान
कृषि विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले के 11 प्रखंड के 142 पंचायत में कुल छोटे-बड़े 1 लाख 10 हजार से अधिक किसान रजिस्टर्ड हैं, जो कृषि से जुड़े हुए हैं. इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक ऐसे किसान हैं, जो दूसरे बड़े किसानों पर आश्रित हैं. ये किसान उनके कृषि यंत्रों से खेतों की जुताई और पटवन का काम करते हैं, तभी उनके खेतों में फसलों का उत्पादन होता है.

पेश है रिपोर्ट

4 दिन बाद रोहिणी नक्षत्र हो जाएगा समाप्त
25 मई से रोहिणी नक्षत्र का आगमन हो गया है. धान का बिचड़ा डालने के लिए यह नक्षत्र सबसे अच्छा माना जाता है. जो किसान इस नक्षत्र में धान का बिचड़ा डाल देते हैं, उनकी खरीफ के साथ रबी फसल का भी उत्पादन अच्छा होता है. जिले से अब तक 4 हजार 334 किसानों ने धान के बिचड़े के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है. लेकिन विभाग की तरफ से अब तक किसानों को ओटीपी नंबर भी नहीं भेजा गया है. ऐसे में किसान बिचड़ा कैसे प्राप्त करेंगे. बता दें कि 4 दिन बाद रोहिणी नक्षत्र भी समाप्त हो जाएगा.

ऑनलाइन आवेदन करने में आ रही दिक्कत
आषाढ़ महीने में किसानों को सबसे अधिक बिचड़े की सिंचाई और उसे तैयार करने के लिए डिलीवरी पाइप, छोटे-छोटे पंपसेट, कृषि यंत्र की जरूरत होती है. लेकिन विभाग ने इस यंत्रों को प्राप्त करने वाले पोर्टल को ही बंद कर रखा है. इस कारण किसानों को ऑनलाइन आवेदन करने में दिक्कतें आ रही हैं.

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