बक्सर: दो महीने से किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे लेकिन बुधवार को किसानों के इस आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया. पीड़ित किसानों का कहना है कि हम पिछले 2 महीने से वर्तमान दर के हिसाब से भूमि अधिग्रहण का उचित मुआवजा मांग रहे हैं. वहीं कंपनी पुरानी दर पर ही मुआवजा देकर जबरदस्ती जमीन अधिग्रहण कर रही है. पुलिस भी उन्हीं का साथ दे रही है. (buxar farmers create ruckus) (ruckus over compensation in buxar)
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किसान परिवार से मारपीट का वीडियो आया था सामने: दरअसल किसान पुलिस के रवैये से नाराज थे. किसानों ने पुलिस पर आतंकवादियों जैसा बर्बरतापूर्ण रवैया (buxar Police lathicharge) अपनाने का आरोप लगाया है. किसानों का आरोप है कि रात को 12 बजे ते करीब पुलिस ने एक किसान के घर में घुसकर मारपीट की. इस दौरान बच्चों और महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया. पुलिस की लाठी की मार से किसान के पूरे घर में चीख पुकार मच गई. पुलिस के बर्बरता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इसके बाद किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. पुलिस की लाठियां बरसाने का वीडियो पीड़ित परिवार ने मीडिया से साझा किया. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने अपराधियों के सामने घुटने टेक दिए हैं. किसान मुआवजे की मांग कर रहे थे लेकिन पुलिस को इससे कोई लेना देना नहीं है.
किसानों का पुलिस प्रशासन पर आरोप: प्रदर्शन कर रहे किसानों का आरोप है कि चौसा में निर्माणाधीन पावर प्लांट के जमीन अधिग्रहण की एवज में किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिला है. इसलिए वे अधिग्रहण के खिलाफ कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन मंगलवार देर रात बनारपुर गांव में पुलिस पहुंची और कुछ किसानों के घरों में घुसकर लोगों को बुरी तरह पीट दिया. इसका वीडियो किसानों के परिजनों ने साझा करके पूछा कि अपराधियों के सामने घुटने टेक देने वाली पुलिस ने आखिर हमें इतना बर्बरता से क्यों मारा?. किसानों का आरोप है कि पुलिस अपने साथ चार लोगों को गिरफ्तार कर ले गई.
'हमें दिया जाए उचित मुआवजा': पीड़ित किसानों ने बताया कि चौसा में एसजेवीएन के द्वारा पावर प्लांट के लिए किसानों का भूमि अधिग्रहण 2010-11 से पहले ही किया गया था. किसानों को 2010 -11 के सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा मिला. कंपनी ने 2022 में जमीन अधिग्रहण करने की कार्रवाई शुरू की तो किसान अब वर्तमान दर के हिसाब से अधिग्रहण की जाने वाली जमीन के मुआवजा मांग रहे हैं. किसानों का आरोप है कि कम्पनी पुराने दर पर ही मुआवजा देकर जबरदस्ती जमीन अधिग्रहण कर रही है. इसके विरोध में पिछले 2 महीने से किसान आंदोलन कर रहे है.
बक्सर में किसानों का बवाल: बिहार के बक्सर में करीब 10 हजार करोड़ की लागत से 1320 मेगावॉट का चौसा में थर्मल पावर प्लांट का निर्माण (Thermal Power Plant Land Dispute) हो रहा है. जिसको लेकर किसानों और प्रशासन के बाद विवाद खड़ा हो गया है. किसान बगैर मुआवजा फसल लगे खेतों में काम शुरू करने का विरोध कर रहे है. आक्रोशित किसानों ने बुधवार को चौसा पावर प्लांट पर हमला बोल (Farmers Create Ruckus in Buxar) दिया. इस दौरान किसानों ने पुलिस की गाड़ी में भी आग लगा दी. आगजनी में एसजेवीएन की तीन बस, पुलिस के एक बज्रवाहन और फायर ब्रिगेड के बड़े वाहन के अलावे तीन मोटरसाइकल और एसजेवीएन के गेट पर बने केविन भी जलकर राख हो गए. पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की है. जिसके बाद से हालात यहां और भी तनावपूर्ण बने हुए हैं. वहीं एसपी मनीष कुमार ने कहा कि जल्द ही स्थिति को नियंत्रित कर लिया जाएगा.